Facebook से हुई दोस्ती, और झांसे में बेच दिया घर और पिता की जमापूंजी; ये गलती आपको भी बना सकती है कंगाल

खबर के पीछे छिपी एक सच्चाई है, जिसे जानकर आप चौक जाएंगे. ये कहानी है एक 53 साल की महिला की जिससे फेसबुक ऐड के जरिए करोड़ों की चपल गाई गई. ये डिजिटल धोखाधड़ी आपके दरवाजे पर भी दस्तक दे सकता है.

Facebook से आई दोस्ती, करोड़ों गंवा बैठी महिला! Image Credit: Getty Images

Cyber Fraud: एक गलत निवेश, एक झूठा सपना और सबकुछ से हाथ धो बैठा….नवी मुंबई की एक 53 वर्षीय महिला ने साइबर ठग के झांसे में आकर न सिर्फ अपनी जिंदगी की जमा पूंजी गंवाई, बल्कि पिता की पूरी रिटायरमेंट सेविंग और अपना घर भी खो दिया. खबर में पढ़ें कैसे फेसबुक पर दिखे एक विज्ञापन से शुरू हुई यह कहानी किसी को कंगाल बना गई. यह लाखों लोगों के लिए सतर्क और अविश्वसनीय लालच में न फंसने की एक चेतावनी है.

क्रिप्टो के नाम पर 1.03 करोड़ की ठगी

खारघर की रहने वाली पीड़िता, दीपाली पाटिल, अक्टूबर 2020 से मार्च 2025 के बीच क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करती रहीं. फेसबुक ऐड के जरिए एक शख्स ने दीपाली को संपर्क किया, जिसने खुद को क्रिप्टो एक्सपर्ट बताया और गुमराह किया कि अगर वो उसके बताए दो मोबाइल ऐप्स डाउनलोड कर उसमें पैसे निवेश करे तो उसे कल्पना से परे रिटर्न मिल सकता है. महिला ने ठग की बात मानकर ऐप्स के जरिए पैसे निवेश किए. मुनाफे के झांसे में आकर दीपाली ने अपना घर बेच दिया और फिर भी पैसे कम पड़े तो पिता की रिटायरमेंट सेविंग्स भी इस स्कीम में झोंक दीं. ऐसे कर उसने कुल 1.03 करोड़ रुपये ठग के भरोसे छोड़ दिया.

पैसे लौटाने के नाम पर मांगे गए और पैसे

जब दीपाली को शक हुआ कि कुछ गड़बड़ है, उन्होंने पैसे वापस मांगे. आरोपी जुबेर शमशाद खान ने 3.51 लाख रुपये लौटाए लेकिन बाकी पैसे लौटाने के लिए और 26.70 लाख रुपये की और मांग कर डाली.

मुम्ब्रा निवासी 34 वर्षीय जुबेर को पुलिस ने एक गुप्त सूचना के आधार पर गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस ने उसके पास से एक मोबाइल फोन भी बरामद किया है जिसमें दीपाली और आरोपी के बीच हुई बातचीत के सबूत मिले हैं.

एक अन्य मामले में नेरुल के एक रिटायर्ड इंजीनियर से 2.2 करोड़ की ऑनलाइन ट्रेडिंग के नाम पर ठगी की गई. व्हाट्सऐप ग्रुप्स पर शेयर दिए जाने वाले टिप्स और एक फर्जी SEBI रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट ने उन्हें झांसे में ले लिया. जब 15.6 करोड़ रुपये मुनाफा निकालने की कोशिश की, तो प्लेटफॉर्म फीस के नाम पर 2.2 करोड़ रुपये और मांगे गए.

ऐसे फ्रॉड से कैसे बचें, और मदद की जरूरत हो तो कहां जाएं

अगर आप भी ऑनलाइन इनवेस्टमेंट या ट्रेडिंग के ऑफर्स से जुड़े किसी विज्ञापन या कॉल से प्रभावित हो रहे हैं, तो सतर्क हो जाएं. किसी भी अनजान लिंक या ऐप को बिना पुष्टि डाउनलोड न करें, और अगर कोई बड़ा मुनाफा तुरंत देने की बात करे, तो शक करना जरूरी है.

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निवेश से पहले संबंधित प्लेटफॉर्म या कंपनी की वैधता की पुष्टि करें- SEBI, RBI या अन्य अधिकृत संस्थाओं की वेबसाइट पर जाकर जानकारी लें. अगर आपको लगे कि आप ठगी का शिकार हो चुके हैं, तो तुरंत 1930 पर कॉल करें या cybercrime.gov.in पर शिकायत दर्ज कराएं. नजदीकी साइबर थाना भी संपर्क करने का एक तेज और असरदार तरीका हो सकता है. याद रखें- थोड़ा सा सतर्क रहना लाखों का नुकसान होने से बचा सकता है.