होम लोन के साथ लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी क्यों है जरूरी, घर और परिवार पर नहीं आएगी कोई आंच

होम लोन के लिए इंश्योरेंस पॉलिसी लेना समझदारी का काम होता है. अगर आप होम लोन को लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी से कमर करते हैं तो बिना टेंशन आप होम लोन चुका सकते हैं. इससे आपके परिवार को वित्तीय सुरक्षा मिल सकती है और होम लोन की जिम्मेदारी उन पर नहीं आएगी. यहां जानें सब कुछ

होम लोन के लिए लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी सही है, कैसे? Image Credit: Money9live/Canva

Life Insurace for Home Loan: आजकल रियल एस्टेट की कीमतें इतनी ज्यादा बढ़ गई हैं कि बिना बड़ा होम लोन लिए घर खरीदना लगभग नामुमकिन हो गया है. ऐसे में सवाल ये है कि क्या आपको अपने होम लोन को कवर करने के लिए लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी लेना चाहिए. जी हां होम लोन के लिए भी इंश्योरेंस पॉलिसी होती है. चलिए विस्तार से बताते हैं.

होम लोन के लिए लाइफ इंश्योरेंस क्यों जरूरी

जब घर खरीदने के लिए होम लोन लिया जाता है, तो उसकी EMI आमतौर पर घर की मासिक आमदनी का बड़ा हिस्सा होती है. अब सोचिए, अगर कमाने वाले व्यक्ति के साथ कुछ अनहोनी हो जाए, तो परिवार के लिए घर चलाना ही मुश्किल हो जाएगा, होम लोन की ईएमआई चुकाना तो दूर की बात है.

फाइनेंशियल प्लानिंग बताती है कि इंसान को अपनी सभी वित्तीय जिम्मेदारियों को कवर करने के लिए लाइफ इंश्योरेंस लेना चाहिए. जब आप होम लोन लेते हैं, तो एक नई वित्तीय जिम्मेदारी ले रहे होते हैं. अगर आप उस लोन के बराबर की बीमा पॉलिसी लेते हैं, तो इससे ये सुनिश्चित होता है कि आपके जाने के बाद आपके वारिसों को घर तो मिलेगा, पर लोन की जिम्मेदारी नहीं. इससे परिवार को दोहरी तकलीफ से बचाया जा सकता है. एक तो कमाने वाले को खोने की (फाइनेंशियली) और दूसरा घर गंवाने की.

एक बात और समझ लें कि यहां जिस लाइफ इंश्योरेंस की बात हो रही है, वो आपकी पहले से मौजूद बीमा पॉलिसी से अलग होगी. यानी यह बीमा सिर्फ होम लोन को कवर करने के लिए होगा.

ये इंश्योरेंस कैसे लेना चाहिए

  • आमतौर पर सलाह यह होती है कि बीमा हमेशा टर्म प्लान के जरिए ही लिया जाए, न कि किसी और तरह की पॉलिसी में. यही बात यहां भी लागू होती है.
  • अगर आप ऑनलाइन काम करना जानते हैं, तो ऑनलाइन टर्म प्लान खरीदिए क्योंकि ये सस्ते होते हैं और इनमें कोई फर्क नहीं होता.
  • इस बीमा की अवधि उतनी होनी चाहिए जितनी होम लोन की अवधि है.
  • लोन देने वाली कंपनियां आमतौर पर एकमुश्त प्रीमियम वाली पॉलिसी की सिफारिश करती हैं, जिसमें बीमा की रकम को होम लोन में जोड़ दिया जाता है और इसे ईएमआई के जरिए वसूला जाता है. लेकिन मैं ये सलाह नहीं दूंगा.
  • अधिकतर लोग अपने होम लोन की पूरी अवधि तक पेमेंट नहीं करते, बल्कि जैसे ही उनके पास अतिरिक्त पैसा आता है, वे लोन चुकता कर देते हैं. ऐसी स्थिति में एकमुश्त प्रीमियम वाला बीमा बेकार चला जाता है.
  • इसलिए अच्छा होगा कि आप सालाना प्रीमियम वाला प्लान लें. और अगर बीमा कंपनी इस प्लान को आपके होम लोन के अनुसार कस्टमाइज करने को तैयार हो, तो उनसे कहें कि हर साल के अंत में बीमा की राशि उस साल के बचे हुए होम लोन के हिसाब से घटती जाए.

इससे बीमा सस्ता और सुविधाजनक हो जाएगा.

जिससे होम लोन लिया उसी से इंश्योरेंस लेना जरूरी है?

सबसे पहले ये जान लें कि ऐसा कोई बैंकिंग नियम या कोई कानून ये नहीं कहता है कि आपने होम लोन लिया है तो अब आपको उसे कवर करने के लिए बीमा भी लेना होगा. लेकिन ज्यादातर बैंक या फाइनेंस कंपनियां ऐसे करने के लिए इसलिए दबाव बनाती हैं ताकि अगर लोन का पेमेंट न हो पाए तो उन्हें प्रॉपर्टी कब्जे में लेने और नीलामी की झंझट का सामना न करना पड़े.

क्योंकि ज्यादातर बैंक या तो खुद बीमा कंपनियों के साथ जुड़े होते हैं या किसी बीमा कंपनी से कमाई के लिए समझौता करते हैं, इसलिए वे चाहते हैं कि बीमा उन्हीं से लिया जाए. लेकिन यह आपके लिए जरूरी नहीं है. अगर उनके प्लान महंगे हैं, तो आप मना कर सकते हैं.

अगर वे न मानें, तो आप उनसे कहे कि यही बात लिखित में दीजिए. वे कभी भी ये लिखकर नहीं देंगे, क्योंकि उन्हें पता है कि ऐसा कोई नियम नहीं है. आखिरकार वे मान जाएंगे कि आप किसी और बीमा कंपनी से पॉलिसी लेकर उन्हें सौंप दें.

ये भी जान लें कि…

भले ही ये जरूरी न हो, लेकिन अपने हित में और अपने परिवार की सुरक्षा के लिए बेहतर होगा कि आप होम लोन के बराबर का टर्म प्लान लें. इससे आपको और आपके परिवार को मानसिक सुकून मिलेगा कि किसी अनहोनी की स्थिति में घर और भविष्य दोनों सुरक्षित रहेंगे.

लेखक एक टैक्स और इंवेस्टमेंट एक्सपर्ट हैं. यहां व्यक्त विचार उनके निजी हैं. आप उन्हें  jainbalwant@gmail.com  पर या ट्विटर हैंडल @jainbalwant पर संपर्क कर सकते हैं.