रिटायरमेंट के बाद अक्सर आय का स्थायी स्रोत खत्म हो जाता है और खर्चे बढ़ जाते हैं. ऐसे समय में समझदारी से किया गया निवेश जीवन को सुरक्षित बना सकता है. सवाल यह है कि रिटायरमेंट पर मिली रकम को कहां लगाया जाए ताकि हर महीने नियमित आय मिलती रहे?
ITR फाइल करना अब पहले से आसान हो गया है, लेकिन इसके साथ एक अहम कदम ऐसा है जिसे नजरअंदाज करना आपकी जेब पर भारी पड़ सकता है. आयकर विभाग ने इसके लिए साफ नियम बनाए हैं. जानिए कैसे समय रहते इस प्रक्रिया को पूरा किया जा सकता है.
ITR दाखिल करने के लिए अलग-अलग ITR फॉर्म होते हैं, जो आपकी इनकम के स्रोत और टैक्सपेयर्स की कैटेगरी पर निर्भर करते हैं. ITR-1 सिर्फ वेतनभोगियों और एक घर की इनकम वालों के लिए है, जबकि ITR-2 में कैपिटल गेन्स और एक से अधिक घर की इनकम शामिल होती है.
अगर आपकी सालाना इनकम 1 करोड़ रुपये से ज्यादा है, तो इस साल ITR भरते समय आपको अपनी सभी एसेट और लायबिलिटी की जानकारी देना अनिवार्य है. यह नियम इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने इनकम और एसेट में असंतुलन को पहचानने के लिए लागू किया है. यह जानकारी ITR के Schedule AL में दी जाती है.
अगर कोई व्यक्ति 15 सितंबर 2025 तक आयकर रिटर्न (ITR) दाखिल नहीं करता, तो वह 31 दिसंबर 2025 तक लेट फीस के साथ रिटर्न दाखिल कर सकता है. देरी से रिफंड में ब्याज नहीं मिलेगा और घाटे को आगे नहीं बढ़ाया जा सकेगा. निर्धारित समय के बाद ITR भरना मुश्किल हो सकता है और पेनल्टी या कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है.
आईटीआर फाइल करते समय सभी इनकम को सही ढंग से शामिल करना जरूरी है, चाहे वह दिख रही हो या नहीं. AIS रिपोर्ट से मिलान कर और सभी बैंक, निवेश व अन्य दस्तावेजों की जानकारी अपने सीए को जरूर दें, ताकि आप टैक्स नियमों का पूरा पालन कर सकें और किसी नोटिस से बच सकें.
आईटीआर भरने से पहले कुछ जरूरी तैयारियां करना बेहद जरूरी है ताकि फाइलिंग के दौरान कोई गलती न हो. AIS और फॉर्म 26AS से टैक्स डिटेल मिलाना, फॉर्म 16 और 16A की जांच करना, और अगर आपने कैपिटल गेन कमाया है तो 15 सितंबर से पहले कैपिटल गेन अकाउंट खोलना अनिवार्य है.
इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करना किन लोगों के लिए जरूरी है? अगर आपकी कुल इनकम बेसिक एग्जेम्प्शन लिमिट से ज्यादा है तो क्या ITR फाइलिंग जरूरी है. ऐसे और भी कई मामलों में ITR फाइलिंग को लेकर लोगों में कई धारणाएं हैं, चलिए जानते हैं.
इनकम टैक्स कानून में कैश लेनदेन पर कई तरह की पाबंदियां हैं. बिजनेस और प्रोफेशनल्स के लिए भी अलग और कई सारे नियम हैं. कैश लेन-देन पर आप किसी भी नियम का उल्लंघन करते हैं तो इस पर बड़ी पेनाल्टी लगाई जा सकती है. यहां जानें हर नियम
Liquid Funds एक प्रकार का म्यूचुअल फंड ही है जिसमें आप अपने पैसे को कुछ समय के लिए निवेश कर सकते हैं और इसमें आपको सेविंग अकाउंट से बेहतर रिटर्न मिल सकता है. इसमें पैसे निकालने पर कोई एग्जिट लोड नहीं लगता है और पैसा तुरंत मिल जाता है.