रिटायरमेंट या नौकरी छोड़ने पर मिलने वाली ग्रेच्युटी हर कर्मचारी के लिए एक बड़ी राहत होती है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस पर टैक्स कैसे लगता है और कितनी रकम तक छूट मिल सकती है? जानिए ग्रेच्युटी से जुड़ी वो बातें जो हर सैलरीड व्यक्ति को समझनी चाहिए.
घर खरीदते वक्त अक्सर लोगों के मन में यह सवाल आता है कि तैयार घर लें या अंडर कंस्ट्रक्शन प्रॉपर्टी? दोनों विकल्पों के अपने फायदे और नुकसान हैं. तैयार घर जहां तुरंत रहने की सुविधा और मानसिक शांति देता है, वहीं अंडर कंस्ट्रक्शन प्रॉपर्टी अक्सर सस्ती पड़ती है लेकिन उसमें देरी या डिफॉल्ट का खतरा बना रहता है. ऐसे में अपने बजट और जरूरतों को देखते हुए सोच-समझकर फैसला लेना ही समझदारी है.
हिंदू उत्तराधिकार कानून में एक ऐसा बदलाव हुआ जिसने बेटियों की कानूनी स्थिति को पूरी तरह बदल दिया. अब सिर्फ बेटे ही नहीं, बेटियां भी पैतृक संपत्ति की समान हिस्सेदार हैं. लेकिन क्या शादी के बाद भी ये हक बरकरार रहता है? जानिए कानून की असली व्याख्या.
क्या आप जानते हैं कि HUF सिर्फ टैक्स बचाने का तरीका नहीं, बल्कि एक कानूनी पारिवारिक संस्था है? इसमें कौन सदस्य बन सकता है, कौन karta बनता है और बेटियों के अधिकार क्या हैं, इन सवालों के जवाब आपके सोचने का नजरिया बदल सकते हैं.
HUF (हिंदू अनडिवाइडेड फैमिली) और इसकी संपत्ति दो अलग अवधारणाएं हैं. HUF संपत्ति अर्जित करने, उत्तराधिकार में हस्तांतरण और विभाजन के नियमों के तहत काम करती है. Karta गैर-सदस्यों और सदस्यों से गिफ्ट प्राप्त कर सकते हैं, सह-वारिस अपनी हिस्सेदारी वसीयत के माध्यम से छोड़ सकते हैं, और विभाजन के लिए आयकर विभाग में पूर्ण रिकॉर्डिंग आवश्यक है.
अगर आप सोच रहे हैं कि परिवार के पैसों को सुरक्षित रखते हुए टैक्स कैसे बचाया जाए, तो HUF आपके लिए बेहतरीन विकल्प साबित हो सकता है. घर, निवेश, बीमा और स्वास्थ्य खर्च, HUF में छिपे हैं कई तरीके, जिससे ज्यादातर लोग अभी तक अनजान हैं.
भारत में टैक्स बचाने और पारिवारिक संपत्ति को एकजुट रखने का एक अनोखा तरीका है HUF. लेकिन क्या हर कोई इसे बना सकता है? इसके सदस्य कौन होते हैं और यह कब अस्तित्व में आता है? इस लेख में जानिए HUF से जुड़ी जरूरी कानूनी बातें और टैक्स लाभ.
जानिए होम लोन की प्रीपेमेंट करना कब फायदेमंद है और कब अपने पैसे को दूसरे निवेशों में लगाना बेहतर विकल्प साबित हो सकता है. टैक्स बेनिफिट, प्रीपेमेंट चार्ज, भविष्य की जरूरतें और निवेश रिटर्न का पूरा विश्लेषण समझने के लिए पढ़ें ये कॉपी. आसान भाषा में.
शेयरों से मुनाफा कमाने के बाद सबसे बड़ा सवाल यही उठता है कि इस कमाई पर टैक्स कैसे लगेगा. कई बार यह कैपिटल गेन माना जाता है तो कई बार बिजनेस इनकम. टैक्स विभाग ने इस पर स्पष्ट गाइडलाइन जारी की है, लेकिन असल फर्क कैसे तय होता है, यही असली राज है.
निवेशकों को अक्सर लगता है कि डेट म्यूचुअल फंड्स सुरक्षित विकल्प हैं, लेकिन हकीकत इससे अलग है. इन फंड्स में भी ऐसे छिपे खतरे हैं, जो आपकी पूरी कमाई पर पानी फेर सकते हैं. निवेश करने से पहले कुछ खास पहलुओं को समझना बेहद जरूरी है, वरना नुकसान तय है.