एक डिग्री AC टेंपरेचर बढ़ाने से कितना बचेगा बिल, जान लें पूरा कैलकुलेशन

क्या आप जानते हैं कि एसी की सेटिंग में सिर्फ एक डिग्री का फ़र्क आपके बिजली बिल को हजारों रुपये तक कम कर सकता है? जी हां, तापमान में मामूली बदलाव से न सिर्फ आपकी जेब को राहत मिल सकती है, बल्कि देशभर में ऊर्जा की बचत भी हो सकती है. चलिए जानते हैं कैसे.

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Save Electricity by Increasing AC Temperature: उत्तर भारत में जून का मौसम हीट वेव के लिए जाना जाता है, सूरज की किरणें मानो हमारे शरीर को तेज तापमान से थपथपाती हैं. ऐसे में हम अपने घरों में एसी का इस्तेमाल बढ़ा देते हैं. हालांकि समस्या यह भी है कि जब हम अपने घरों में एसी का लगातार यानी 24 घंटे इस्तेमाल करते हैं, तो बिजली का बिल हमारी जेब पर बोझ बढ़ा देता है. इसी के मद्देनजर सरकार एसी के तापमान को 20 डिग्री सेल्सियस से कम और 28 डिग्री सेल्सियस से ज़्यादा रखने पर रोक लगाने की तैयारी कर रही है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि एसी की सेटिंग में सिर्फ एक डिग्री का फ़र्क आपके बिजली बिल को हजारों रुपये तक कम कर सकता है? जी हां, तापमान में मामूली बदलाव से न सिर्फ आपकी जेब को राहत मिल सकती है, बल्कि देशभर में ऊर्जा की बचत भी हो सकती है. चलिए जानते हैं कैसे.

1°C का फर्क, 6 फीसदी तक की बिजली की बचत

ब्यूरो ऑफ एनर्जी एफिशिएंसी (BEE)के अनुसार,आम तौर पर, जब आप एसी का तापमान 1 डिग्री कम करते हैं (जैसे 24°C से 23°C), तो बिजली की खपत 3 से 6 फीसदी तक बढ़ जाती है. वहीं, अगर तापमान 1 डिग्री बढ़ा दें, तो बिजली की खपत उतने ही प्रतिशत तक घट सकती है.

कितना बचा सकते हैं आप?

वैसे तो आमतौर पर अधिकतर घरों में 1.5 टन का थ्री स्टार एसी होता है. अगर यह 24°C तापमान पर चल रहा है, तो यह औसतन 1.5 यूनिट हर घंटे बिजली खर्च करता है. ऐसे में अगर आप 10 घंटे एसी चलाते हैं, तो एक दिन का, 1.5 यूनिट/घंटा × 10 घंटे = 15 यूनिट/दिन. अगर बिजली की दर 7 रुपये प्रति यूनिट हो, तो एक दिन का खर्च होगा, 7 × 15 यूनिट = 105 रुपये प्रति दिन. इस आधार पर महीनेभर (30 दिन) का खर्च: 105 × 30 = 3,150 रुपये प्रति माह होगा.

अब मान लीजिए कि एसी का इस्तेमाल 6 महीने (गर्मियों के मौसम) तक रोजाना 10 घंटे किया गया, तो कुल खर्च होगा 3,150 रुपये × 6 महीने = 18,900 रुपये.

जैसा कि हमने बताया कि एसी के तापमान को 1°C बढ़ाने पर लगभग 6 फीसदी बिजली की बचत होती है, तो अगर आप 24°C की बजाय एसी को 25°C पर चलाते हैं, तो कुल 6 महीने के बिल में 6 फीसदी की बचत होगी.
6% की बचत निकालते हैं, तो 18,900 का 6 फीसदी = 1,134 रुपया, तो कुल 6 महीनों के दौरान नया बिजली बिल होगा, 18,900 – 1,134 = 17,766 रुपया होगा.

यानि अगर आप सिर्फ 1°C तापमान बढ़ा दें, तो पूरे सीजन में 1,134 की बचत हो सकती है. वहीं अगर हमारे पास इसी पैमाने के दो एसी हो तो हम हर सीजन करीब 2268 रुपये की बचत करते हैं.

बड़ी बचत उन घरों में जहां एसी ज़्यादा चलता है

बिजली की यह बचत उन शहरों में जैसे दिल्ली, मुंबई और चेन्नई में, जहां गर्मियों में एसी लंबे समय तक चलता है, वहां यह बचत कई गुना बढ़ सकती है. खाससकर उन घरों में जहां कई एसी लगे होते हैं या एक साथ कई कमरे ठंडे किए जाते हैं.

तापमान के भ्रम को करें दूर

अक्सर लोग सोचते हैं कि एसी को 18°C पर सेट करने से कमरा जल्दी ठंडा होगा. जबकि हकीकत यह है कि एसी चाहे 18 पर हो या 26 पर, कमरे को ठंडा होने में लगभग एक जैसा ही समय लगता है. हां, 18°C पर कमरा ज़्यादा ठंडा जरूर होगा, लेकिन इसके लिए कम्प्रेसर को लंबे समय तक चलना पड़ेगा, जिससे बिजली ज़्यादा खर्च होगी. जब तापमान 24°C तक पहुंचता है, तो कम्प्रेसर बंद हो जाता है और सिर्फ फैन चलता है, जिससे बिजली की खपत काफी कम हो जाती है.

इन बातों का रखें ध्यान?

एसी की बिजली खपत सिर्फ तापमान पर निर्भर नहीं करती, बल्कि एसी का मॉडल, स्टार रेटिंग, बाहर का तापमान, इस्तेमाल के घंटे, कमरे का साइज, उसमें मौजूद लोगों की संख्या और कमरे की इंसुलेशन पर भी निर्भर करती है. अगर आप एसी चालू करके रजाई ओढ़ रहे हैं, तो यह ऊर्जा की बर्बादी ही नहीं, सेहत के लिए भी नुकसानदायक है. वहीं शरीर का सामान्य तापमान 36-37°C होता है. बाहर की तेज गर्मी और अंदर की जरूरत से ज़्यादा ठंडक के बीच ज़्यादा फर्क आपके शरीर पर गलत असर डाल सकता है.

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