ईरान को चारों तरफ से घेर कर बैठा है अमेरिका, मिडिल ईस्ट में कहां-कहां पर हैं सैन्य ठिकाने?
मिडिल ईस्ट में तनाव बढ़ता जा रहा है. इजरायल के ईरान पर किए गए हमलों के बाद से हालात बिगड़ गए हैं. ईरान को घेरने के लिए अमेरिका भी लगा हुआ है. यही वजह है वहां अलग-अलग 19 जगहों पर मौजूद यूएस सेना एक्टिव हो गई है, लेकिन ईरान ने सैन्य ठिकानों को निशाना बनाने की धमकी दी है.
Middle East Tension: मिडिल ईस्ट में तनाव बढ़ता जा रहा है. 13 जून को इजरायल के ईरान में परमाणु सुविधाओं और सैन्य ठिकानों पर निशाना बनाए जाने के बाद से हालात बिगड़ गए हैं. ईरान को घेरने में अमेरिका भी साथ दे रहा है. वहां अलग-अलग जगहों पर यूएस के 19 सैन्य ठिकाने मौजूद हैं, जिनमें करीब 40,000 से 50,000 सैनिक तैनात हैं. सबसे ज़्यादा अमेरिकी सैनिक कतर, बहरीन, कुवैत, संयुक्त अरब अमीरात और सऊदी अरब में हैं. तो और कहां-कहां अमेरिकी सैनिकों का दबदबा है और कैसे वो ईरान का चारों तरफ से घेरने में लगा हुआ है, आज हम आपको इसी के बारे में बताएंगे.
मिडिल ईस्ट में मौजूद प्रमुख अमेरिकी सैन्य ठिकाने
Al Udeid Air Base (Qatar)
अलजजीरा वेबसाइट की रिपोर्ट के मुताबिक मिडिल ईस्ट में अमेरिका का सबसे बड़ा सैन्य अड्डा अल उदेद एयर बेस (कतर) में है, जिसकी स्थापना 1996 में हुई थी. यह बेस 24 हेक्टेयर यानी 60 एकड़ में फैला है, जो करीब 100 विमानों के साथ-साथ ड्रोनों को मैनेज करता है. यहां लगभग 10,000 सैनिक तैनात हैं. यह बेस अमेरिकी सेंट्रल कमांड (CENTCOM) का प्रमुख मुख्यालय है. ये इराक, सीरिया और अफगानिस्तान में अभियानों के लिए केंद्रीय भूमिका निभाता है.
Naval Support Activity, NSA (Bahrain)
नेवल सपोर्ट एक्टिविटी (NSA), बहरीन, अमेरिकी नौसेना बेस पहले ब्रिटिश नौसैनिक अड्डे, HMS जुफैर, की जगह पर बना है. यहां रक्षा विभाग के लगभग 9,000 कर्मचारी, सैन्य और नागरिक स्टाफ, मौजूद हैं. अमेरिकी नौसेना की पांचवीं फ्लीट का गढ़ माना जाता है. यह बेस क्षेत्र में जहाजों, विमानों, टुकड़ियों और दूरस्थ स्थानों की सुरक्षा प्रदान करता है.
Camp Arifjan (Kuwait)
कुवैत शहर से लगभग 55 किमी (34 मील) दक्षिण-पूर्व में कैंप अरिफजन है. यह कुवैत में स्थित एक प्रमुख अमेरिकी सेना बेस है. 1999 में निर्मित, यह कैंप सैन्य अभियानों के लिए रसद, आपूर्ति और कमांड का प्राथमिक केंद्र है, खासकर यह CENTCOM के क्षेत्रीय दायित्वों को निभाता है.
Al-Dhafra airbase (UAE)
अल-धफ्रा एयर बेस यह रणनीतिक बेस है, जो टोही, खुफिया जानकारी संग्रह और युद्धक हवाई अभियानों के समर्थन पर केंद्रित है. यहां F-22 रैप्टर स्टील्थ फाइटर जैसे उन्नत विमान, ड्रोन और AWACS जैसे निगरानी विमान तैनात हैं.
Erbil Air Base (Iraq)
उत्तरी इराक और सीरिया में हवाई अभियानों के लिए एरबिल एयर बेस (इराक) का उपयोग किया जाता है. यह बेस अमेरिकी सेना द्वारा कुर्द और इराकी बलों को सलाह देने के लिए भी इस्तेमाल होता है.
यह भी पढ़ें: ईरान-इजरायल जंग के बीच अमेरिका ने भेजे अपने लड़ाकू विमान, ट्रंप ने बिना शर्त सरेंडर करने का दिया अल्टीमेटम
तनाव के बीच अमेरिका ने दी दूतावास खाली करने को कहा
मिडिल ईस्ट में बढ़ते तनाव के बीच ईरान ने अमेरिका समेत कुछ अन्य देशों के सैन्य ठिकानों पर हमले की धमकी दी है. ऐसे में बुधवार को डोनाल्ड ट्रंप ने इराक में मौजूद अपने दूतावास को आंशिक रूप से खाली करने के निर्देश दिए हैं. यह फैसला क्षेत्र में बढ़ती सुरक्षा चिंताओं के मद्देनजर लिया गया है. ट्रंप का कहना है कि यह क्षेत्र खतरनाक हो सकता है.