सऊदी का ‘Sleeping Prince’ जिसने 19 साल कोमा में बिताए, हुआ निधन; पिता के प्यार और शाही दौलत की कहानी
सऊदी अरब के ‘Sleeping Prince’ अलवलीद बिन खालिद बिन तलाल का 19 साल कोमा में रहने के बाद निधन हो गया. कार हादसे के बाद अस्पताल में जिंदगी और मौत से जूझ रहे शहजादे की कहानी प्यार, उम्मीद और अरबों की दौलत से जुड़ी अनसुनी दास्तानों से भरी है.
Who was Sleeping Prince of Saudi: सऊदी अरब के प्रिंस अल वलीद बिन खालिद बिन तलाल अल सऊद, जिन्हें पूरी दुनिया “Sleeping Prince” के नाम से जानती थी, का 19 जुलाई 2025 को निधन हो गया. वह 36 साल के थे और पिछले 20 सालों से कोमा में थे. एक दर्दनाक कार हादसे के बाद उनकी जिंदगी अस्पताल के कमरे और लाइफ सपोर्ट मशीनों तक सिमट कर रह गई थी.
हादसे ने बदल दी पूरी जिंदगी
अल वलीद की जिंदगी में दुख का यह साया साल 2005 में तब आया, जब वह केवल 15 साल के थे. लंदन के एक मिलिट्री कॉलेज में पढ़ाई के दौरान उनका भयानक सड़क हादसा हुआ. हादसे में उन्हें गंभीर दिमागी चोटें और अंदरूनी ब्लीडिंग हुई. इसके बाद वह कोमा में चले गए और कभी होश में नहीं आए. उनके पिता, प्रिंस खालिद बिन तलाल ने डॉक्टर्स की सलाह के बावजूद अपने बेटे को लाइफ सपोर्ट से हटाने से इनकार कर दिया. उन्होंने हमेशा कहा, “जिंदगी और मौत का फैसला केवल अल्लाह करता है.” अगले 19 सालों तक वह हर दिन बेटे के पास दुआएं करते रहे.
“स्लीपिंग प्रिंस” का अस्पताल कमरा बना श्रद्धा का स्थान
रियाद के किंग अब्दुलअजीज मेडिकल सिटी के अस्पताल का कमरा जैसे एक श्रद्धा स्थल बन गया था. शाही परिवार के सदस्य, दोस्त और हजारों लोग वहां जाकर उनके लिए दुआएं करते. कई बार सोशल मीडिया पर ऐसी तस्वीरें वायरल हुईं, जहां प्रिंस के पिता उनके हाथ पकड़े बैठे होते और बेटे के लिए फरियाद कर रहे होते.
कौन हैं प्रिंस खालिद – एक शख्सियत जो रईसी और बगावत दोनों का प्रतीक
प्रिंस अल वलीद के पिता, खालिद बिन तलाल अल सऊद, सऊदी अरब के संस्थापक किंग अब्दुलअजीज के पोते हैं. वह अपने भाई, अरबपति कारोबारी प्रिंस अल वलीद बिन तलाल के साथ एक शाही खानदान से आते हैं, जिनकी गिनती दुनिया के सबसे अमीर लोगों में होती है. प्रिंस खालिद अपने सख्त इस्लामी विचारों के लिए जाने जाते हैं. वह कई बार सऊदी सरकार की आधुनिक सुधार नीतियों के खिलाफ खड़े हुए. 2017 में धार्मिक पुलिस की शक्तियों को कम करने के विरोध में उन्हें जेल भी जाना पड़ा. हालांकि, एक साल बाद अंतरराष्ट्रीय दबाव के चलते उन्हें रिहा कर दिया गया.
अरबपति खानदान और बेशुमार दौलत की कहानी
अल वलीद का परिवार दुनिया के सबसे अमीर शाही परिवारों में से एक है. इस खानदान की कुल संपत्ति करीब 1.4 ट्रिलियन डॉलर आंकी जाती है, जो ब्रिटेन के शाही परिवार की दौलत से 16 गुना ज्यादा है. यह परिवार अपने शाही महलों, निजी विमानों और सोने से सजी कारों के लिए मशहूर है. रियाद का अल यमामा पैलेस, 1,000 से ज्यादा कमरों वाला महल है.
यहां गोल्ड प्लेटेड टिशू बॉक्स से लेकर इटली से मंगवाए गए मार्बल तक हर चीज में बेशुमार रईसी झलकती है. शाही परिवार के पास अरब सागर में तैरते हुए महल जैसे यॉट्स हैं, जिनकी कीमत करोड़ों डॉलर में है. क्राउन प्रिंस एमबीएस के पास लियोनार्डो द विंची की मशहूर पेंटिंग ‘Salvator Mundi’ भी है, जिसकी कीमत करीब 4,500 करोड़ रुपये है.
अंतिम विदाई और एक पिता की टूटी उम्मीद
अल वलीद का जनाजा रियाद के इमाम तुरकी बिन अब्दुल्ला मस्जिद में पढ़ा गया. अंतिम नमाज के वक्त उनका परिवार और सैकड़ों लोग मौजूद रहे. उनके पिता ने सोशल मीडिया पर अरबी में लिखा, “हम अल्लाह की मर्जी को मानते हुए भारी दिल से अपने बेटे को विदा कर रहे हैं.”
19 साल से उम्मीद के सहारे जी रहे पिता के लिए यह वक्त बेहद दुखद रहा.
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