बासमती चावल पर ईरान-इजरायल जंग का साया, निर्यात रुकने से किसानों की अटकी सांसे; फिर गिरेंगे दाम!
बासमती चावल की कीमतें आने वाले हफ्तों में कम हो सकती हैं. पिछले दो महीनों में ये 15-20% बढ़ गई थीं क्योंकि निर्यात बढ़ा था. अब बासमती चावल की कीमतें आने वाले हफ्तों में कम हो सकती हैं. इसका कारण इजरायल-ईरान के बीच तनाव है.

Hike in the price of Basmati rice: इजराइल और ईरान के बीच लगातार तनाव बढ़ता जा रहा है. दोनों तरफ से लगातार घातक हथियारों का इस्तेमाल हो रहा है. इसी बीच एक बासमती चावल की कीमतों को लेकर खबर आ रही है. दरअसल, बासमती चावल की कीमतें आने वाले हफ्तों में कम हो सकती हैं. पिछले दो महीनों में ये 15-20% बढ़ गई थीं क्योंकि निर्यात बढ़ा था. अब बासमती चावल की कीमतें आने वाले हफ्तों में कम हो सकती हैं. इसका कारण इजरायल-ईरान के बीच तनाव है. इससे ईरान को निर्यात कम होने की उम्मीद है. जब भारतीय बासमती चावल की कीमतें ₹75-90 प्रति किलो तक गिर गई थीं, तब पश्चिम एशिया के बड़े आयातक देशों और ईरान ने खरीदारी बढ़ा दी थी. इस वजह से कीमतें फिर से ऊपर चली गई थीं. लेकिन अब जंग के के बीच आने वाले हफ्तों में कीमतें फिर से कम हो सकती हैं.
बासमती चावल खरीदने वाला तीसरा सबसे बड़ा देश है ईरान
सऊदी अरब और इराक के बाद ईरान भारत से बासमती चावल खरीदने वाला तीसरा सबसे बड़ा देश है. 2024-25 में भारत ने ईरान को ₹6,374 करोड़ का बासमती चावल निर्यात किया. यह कुल निर्यात का 12.6% था. ET के हवाले से निर्यातक राजेश जैन पहाड़िया ने बताया कि निर्यात की कीमतें एक महीने पहले $950-1000/टन से घटकर $900-950/टन हो गई हैं. माल ढुलाई की लागत बढ़ने और शिपमेंट की समस्याओं के कारण कीमतें कम हुई हैं.
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जनवरी से निर्यात की मात्रा कुछ महीनों तक कम थी. अप्रैल में कीमतें सबसे नीचे थीं क्योंकि वैश्विक मांग कम थी. लेकिन मई में सस्ती कीमतों पर स्टॉक करने की होड़ में निर्यात बढ़ा और कीमतें 15-20% बढ़ गईं. अभी कीमतें स्थिर रह सकती हैं लेकिन अगर युद्ध बढ़ा या ट्रंप का प्रभाव पड़ा तो कीमतें बदल सकती हैं. भारतीय चावल निर्यातक महासंघ के अध्यक्ष प्रेम गर्ग ने ET के हवाले से कहा, “समुद्र में जा रहे शिपमेंट और ईरान से बकाया भुगतान को लेकर चिंता है.” ईरान के साथ बासमती व्यापार में आमतौर पर ₹1,000-1,200 करोड़ का बकाया रहता है. पहाड़िया ने बताया, “ईरान के साथ व्यापार में 20% एडवांस लिया जाता है बाकी 180 दिनों के क्रेडिट पर काम चलता है.
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