Air India विमान हादसे की जांच में जुटी इन तीन देशों की एजेंसियां, भारत में ऐसे होती है जांच; क्यों अहम होता है AAIB का काम

12 जून 2025 को अहमदाबाद से लंदन जा रहा एयर इंडिया का विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया. इस हादसे में सिर्फ एक ब्रिटिश यात्री जिंदा बचा, बाकी सभी लोग मर गए. भारत के नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू किंजरापु ने कहा कि इस हादसे की जांच शुरू हो गई है. ऐसे में आइए विस्तार से जानते हैं कि भारत में विमान दुर्घटनाओं की जांच कैसे होती है.

भारत में ऐसे होती है जांच Image Credit: AI

Ahmedabad Plane Crash: जिंदगी अमीर या गरीब हो सकती है, लेकिन मौत सिर्फ मौत होती है. मौत न तो एक्स्ट्रा लेग स्पेस वाली सीट को पहचानती है और न ही पायलट की सीट को, वह सिर्फ नियति को जानती है. 12 जून 2025 को अहमदाबाद में एयर इंडिया के विमान के साथ जो हुआ, वह कोई आखिरी घटना नहीं है. जब तक दुनिया है तब तक तरह-तरह की घटनाएं होती रहेंगी. फिर भी, इन सांसों पर विराम लगाने वाली घटनाओं के कारणों का पता लगाना बेहद जरूरी है. ऐसे में आइए विस्तार से जानते हैं कि भारत में विमान दुर्घटनाओं की जांच कैसे होती है.

एयर इंडिया का विमान हो गया था दुर्घटनाग्रस्त

12 जून 2025 को अहमदाबाद से लंदन जा रहा एयर इंडिया का विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया. इस हादसे में सिर्फ एक ब्रिटिश यात्री जिंदा बचा, बाकी सभी लोग मर गए. भारत के नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू किंजरापु ने कहा कि इस हादसे की जांच शुरू हो गई है. भारत का एयरक्राफ्ट एक्सिडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) इस हादसे की जांच कर रहा है. वे इंटरनेशनल सिविल एविएशन ऑर्गनाइजेशन (ICAO) के नियमों का पालन कर रहे हैं. ICAO एक वैश्विक संगठन है जो सुरक्षित उड़ान के लिए नियम बनाता है.

कुल 242 लोग थे सवार

सरकार ने एक विशेषज्ञों की टीम भी बनाई है जो इस हादसे की गहराई से जांच करेगी. यह टीम भविष्य में ऐसे हादसों को रोकने के लिए हवाई सुरक्षा को बेहतर बनाने का काम करेगी. दुर्घटनाग्रस्त विमान एक बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर था. इसमें 242 लोग सवार थे. इनमें 169 भारतीय, 53 ब्रिटिश, 1 कनाडाई और 7 डच नागरिक थे. ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर ने कहा कि ब्रिटिश जांचकर्ताओं की एक टीम अहमदाबाद में जांच में मदद करने आई है. अमेरिका की एक टीम भी भारत में मदद के लिए आई है. इसे नेशनल ट्रांसपोर्टेशन सेफ्टी बोर्ड कहते हैं.

विमान हादसों की जांच कौन करता है और क्या है प्रक्रिया?

भारत में पहले भी विमान हादसे हुए हैं और उनकी जांच की गई है. लेकिन बहुत से लोग नहीं जानते कि भारत में विमान हादसों की जांच कौन करता है और यह प्रक्रिया कैसे काम करती है. भारत में AAIB विमान हादसों की जांच करता है. AAIB एक जांच टीम बनाता है जो हादसे की तहकीकात करती है. एविएशन विशेषज्ञ मीनू वाडिया BBC के हवाले से बताती हैं कि हादसे से जुड़े अन्य लोग या कंपनियां भी जांच में शामिल हो सकते हैं. उदाहरण के लिए, चूंकि यह विमान बोइंग कंपनी का था तो बोइंग भी जांच में हिस्सा लेगा. इसके अलावा कई ब्रिटिश यात्री थे तो ब्रिटेन की एयर Accidents Investigation Branch भी मदद कर सकती है, जो कर भी रही है. लेकिन ये विदेशी टीमें सिर्फ सुझाव दे सकती हैं. जांच की अगुवाई सिर्फ AAIB की चुनी हुई टीम ही कर सकती है.

हर विमान हादसे की जांच अलग होती है. लेकिन कुछ कदम हमेशा एक जैसे होते हैं. आइए इन कदमों को एक-एक करके जानते है.

  • हादसे की जगह को सुरक्षित करना: जहां विमान गिरा उस जगह को बंद कर दिया जाता है ताकि कोई उसे छेड़ न सके.
  • ब्लैक बॉक्स ढूंढना: ब्लैक बॉक्स बहुत जरूरी होता है. इसमें दो हिस्से होते हैं. एक हिस्सा विमान की जानकारी (जैसे गति और ऊंचाई) रिकॉर्ड करता है. दूसरा हिस्सा पायलट और हवाई यातायात नियंत्रण (एयर ट्रैफिक कंट्रोल) के बीच की बातचीत रिकॉर्ड करता है.
  • सबूत इकट्ठा करना: टीम विमान के टूटे हुए हिस्सों को देखते हैं. वे रडार डेटा, विमान के रखरखाव के रिकॉर्ड, पायलटों की बातचीत, मौसम की जानकारी और पास के सीसीटीवी फुटेज को भी चेक करते हैं.
  • लोगों से बात करना: टीम उन लोगों से बात करते हैं जो हादसे के बारे में कुछ जानते हों. इसमें बचे हुए लोग, हवाई यातायात नियंत्रक, एयरलाइन कर्मचारी और चश्मदीद शामिल हैं.
  • फोरेंसिक टेस्ट: फोरेंसिक एक्सपर्ट पायलटों और क्रू के शरीर की जांच करते हैं. वे देखते हैं कि क्या उन्हें कोई बीमारी थी या उन्होंने कोई दवा या शराब ली थी. वे विमान के हिस्सों की भी जांच करते हैं कि कहीं कुछ टूटा तो नहीं था.

जांच की टीम में कौन-कौन होता है?

मीनू वाडिया ने BBC के हवाले से बताया कि जांच की टीम में कई तरह के एक्सपर्ट शामिल होते हैं. इसमें डॉक्टर, मनोवैज्ञानिक, इंजीनियर, पायलट और एविएशन एक्सपर्ट शामिल होते है. यह टीम हर चीज की जांच करती हैं. जांच पूरी होने के बाद AAIB एक रिपोर्ट बनाता हैं और उसे अपनी वेबसाइट पर डालता हैं. जांच की रिपोर्ट आईसीएओ को भेजी जाती है. हादसे की जांच के बाद उन्हें डीजीसीए और आईसीएओ (इंटरनेशनल सिविल एविएशन ऑर्गेनाइजे़शन) में शामिल देशों को भेजा जाता है. ताकि भविष्य में ऐसे हादसे न हों, इसके लिए कदम उठाएं.