मार्केट में बिक रहे हैं ‘नकली आम’, इन 6 तरीकों से करें असली की पहचान
मार्केट में इस समय खूब आम बिक रहे हैं, लेकिन इनमें से कई आर्टिफिशियल तरीके से पकाए गए हैं, जो सेहत के लिए बेहद खतरनाक हो सकते हैं. कैल्शियम कार्बाइड, एथिलीन गैस और एथीफोन जैसे केमिकल्स का गलत इस्तेमाल आमों को जल्दी पकाने के लिए किया जाता है. इससे सिरदर्द, चक्कर आना, उल्टी, लिवर और किडनी डैमेज जैसी समस्याएं हो सकती हैं.

Mango: मार्केट में पके हुए आम आ गए हैं और लोग जमकर खरीदारी कर रहें हैं. लेकिन लोगों को मालूम होना चाहिए कि मार्केट में आर्टिफिशियल तरीक से बकाए गए आम भी बिक रहे हैं, जो हेल्थ के लिए नुकसानदेह हैं. ऐसे में आम खरीदने से पहले ग्राहकों को ये जानना जरूरी है कि आम नेचुरल तरीके से पकाया गया है या फिर आर्टिफिशियल तरीके से. तो आइए आज जानते हैं नेचुरल तरीके से पके हुए आम की पहचान करने का असली तरीका.
एक्सपर्ट्स के मुताबिक हर साल सैकड़ों किलो आम आर्टिफिशियल तरीके से पकाए जाते हैं और मार्केट में जल्दी डिमांड पूरी करने के लिए भेजे जाते हैं. FSSAI (फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया) का कहना है कि आम खरीदते समय उनकी शक्ल, स्पर्श, खुशबू और क्वालिटी पर ध्यान देना बहुत जरूरी है, ताकि केमिकल से पकाए गए आमों से बचा जा सके.
आम पकाने में कैल्शियम कार्बाइड का इस्तेमाल
द टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, आम पकाने के लिए सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाला केमिकल कैल्शियम कार्बाइड है. इसमें आर्सेनिक और फॉस्फोरस जैसी गंदगी होती है, जो इसे बेहद खतरनाक बना देती है. इसके सेवन से सिरदर्द, चक्कर आना, उल्टी जैसी दिक्कतें हो सकती हैं और लंबे समय में कैंसर जैसे गंभीर रोग भी हो सकते हैं. एक और केमिकल है एथिलीन गैस, जो एक नैचुरल रिपनिंग हार्मोन है और सही तरीके से इस्तेमाल हो तो सुरक्षित है. लेकिन अगर इसका ज्यादा इस्तेमाल किया जाए, तो यह भी शरीर के लिए खतरनाक बन सकता है.
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लिवर और किडनी को पहुंचाता है नुकसान
एथीफोन (Chloroethylphosphonic Acid) भी आम पकाने के लिए यूज होता है. यह शरीर में जाकर लिवर और किडनी को नुकसान पहुंचा सकता है, खासकर जब इसकी मात्रा ज्यादा हो. मार्केट में कुछ लोग कैल्शियम कार्बाइड से निकलने वाली एसीटिलीन गैस का भी इस्तेमाल करते हैं. यह गैस न सिर्फ धमाके जैसी घटनाओं का खतरा बढ़ाती है, बल्कि इसके जहरीले असर से सांस और पाचन तंत्र भी बुरी तरह प्रभावित हो सकते हैं.
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इन 6 तरीकों से पहचानें आम
स्किन का कलर चेक करें: आर्टिफिशियल तरीके से पके आमों का रंग अक्सर एक जैसा होता है और ये नेचुरल आमों के मुकाबले ज्यादा पीले या नारंगी दिख सकते हैं. कई बार इनमें हल्की चमक भी नजर आती है.
खुशबू सूंघें: नेचुरल आमों में मीठी, फ्रूटी खुशबू आती है, जबकि आर्टिफिशियल आमों से केमिकल जैसी या अजीब तरह की बदबू आ सकती है.
आम को दबाकर देखें: आर्टिफिशियल तरीके से पके आम अक्सर ज्यादा नरम या गूदेदार महसूस होते हैं, क्योंकि केमिकल्स फलों की सेल्स को तोड़ देते हैं और आम जल्दी सॉफ्ट हो जाता है.
बाहरी नुकसान देखें: अगर आम के ऊपर दाग, धब्बे या चोट के निशान हैं, तो हो सकता है कि इसमें केमिकल्स का इस्तेमाल हुआ हो. नेचुरल आमों में ऐसे निशान कम ही होते हैं.
स्वाद टेस्ट करें: एक्सपर्ट्स के मुताबिक, आर्टिफिशियल तरीके से पके आमों का स्वाद फीका या अजीब हो सकता है. अगर आम का टेस्ट अटपटा लगे या खाने के बाद अजीब सा आफ्टरटेस्ट आए, तो वह नकली हो सकता है.
पानी में टेस्ट करें: एक बाल्टी पानी में आम डालें. अगर आम नीचे डूब जाए, तो वह नेचुरली पका हुआ है. अगर आम ऊपर तैरने लगे, तो वह आर्टिफिशियल तरीके से पकाया गया हो सकता है.
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