भारत की SIM और थाईलैंड-कंबोडिया से फ्रॉड, साइबर अपराधियों की खतरनाक चाल, इस तरह करते हैं ठगी
पन्ना पुलिस ने एक अंतरराष्ट्रीय साइबर ठगी रैकेट का खुलासा किया है जिसमें दो आरोपियों को महाराष्ट्र से गिरफ्तार किया गया है. इनके पास से 1700 सिम कार्ड बरामद हुए जो थाईलैंड और कंबोडिया में ठगी के लिए भेजे जाते थे. आरोपी शेल कंपनियों के नाम पर सिम कार्ड लेते थे और सिम बॉक्स के जरिए विदेशी कॉल को भारत में लोकल कॉल में बदलकर लोगों को डिजिटल गिरफ्तारी का डर दिखाकर ठगते थे.

Cyber Fraud International Scam SIM Cards: पन्ना पुलिस ने एक बड़े इंटरनेशन साइबर ठगी रैकेट का खुलासा किया है, जिसमें दो आरोपियों को महाराष्ट्र से गिरफ्तार किया गया है. इनके पास से 1700 सिम कार्ड बरामद किए गए हैं, जिनका इस्तेमाल थाईलैंड और कंबोडिया जैसे देशों में भारतीयों को ठगने के लिए किया जा रहा था. यह कार्रवाई पन्ना की एक महिला से 14 लाख रुपये की ठगी की जांच के दौरान सामने आई. गिरोह वॉयस ओवर इंटरनेट प्रोटोकॉल यानी (VoIP) कॉल को लोकल कॉल में बदलकर धोखाधड़ी करता था. फिलहाल दोनों आरोपी पुलिस रिमांड पर हैं और साइबर सेल गहराई से जांच कर रही है. पुलिस यह भी जांच कर रही है कि कितने और सिम कार्ड विदेश भेजे गए और कितने लोग इस नेटवर्क में शामिल हैं.
सिम बॉक्स के जरिए होती थी ठगी
टाइम्स ऑफ इंडिया के रिपोर्ट के मुताबिक, आरोपी VoIP कॉल को भारत में जीएसएम कॉल में बदलने के लिए सिम बॉक्स और फर्जी सिम कार्ड का उपयोग कर रहे थे. इस तकनीक से विदेशी ठग भारत में बैठे लोगों को डिजिटल गिरफ्तारी जैसे झांसे देकर पैसा ठगते थे. आरोपी हर महीने थाईलैंड जाते थे और वहां 100 से 500 सिम कार्ड ले जाकर ठगों को सौंपते थे.
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शेल कंपनियों के जरिए लेते थे सिम कार्ड
गिरफ्तार आरोपियों ने कई शेल कंपनियां बना रखी थीं जिनके नाम पर सिम कार्ड लिए गए. इन कंपनियों के नाम उनके या उनके रिश्तेदारों के नाम पर थे. पुलिस जांच में सात फर्जी कंपनियों का पता चला है. आरोपियों ने बताया कि इन्हें टेलीग्राम के जरिए थाईलैंड और कंबोडिया के लोगों से संपर्क मिला और वहीं से पूरे रैकेट की शुरुआत हुई.
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क्रिप्टो में बदला गया ठगी का पैसा
पीड़िता अंशु शर्मा ने 2 फरवरी को शिकायत दर्ज कराई थी कि किसी ने उसे कॉल करके डिजिटल गिरफ्तारी की धमकी दी और 14 लाख रुपये धोखे से ठग लिए. पुलिस को शक है कि यह रकम क्रिप्टोकरेंसी में बदली गई है. पुलिस ने बताया कि आरोपी तीन फ्लैट किराए पर लेकर रहते थे और दो फ्लैट में पूरी ठगी का सेटअप लगाया गया था, जिसकी निगरानी विदेश में बैठे गिरोह के सरगना द्वारा की जा रही थी.
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