BMW ने रिकॉल कीं 3.3 लाख से ज्यादा कारें, इंजन में आग लगने का खतरा, जानें कौनसे मॉडल्स प्रभावित

BMW ने इंजन स्टार्टर में फॉल्ट की वजह से अपनी 3.3 लाख से ज्यादा कारों को रीकॉल करने का ऐलान किया है. ये सभी कारें अमेरिका और जर्मनी में बेची गई हैं. कंपनी का कहना है कि इन कारों के इंंजन में आग लगने का खतरा है.

BMW Image Credit: @Tv9

BMW AG ने अपने 3,31,000 से अधिक कारों को रीकॉल करने की घोषणा की है. कंपनी को इन कारों के इंजन स्टार्टर में एक गंभीर फॉल्ट मिला है. कंपनी के इंजीनियरों का कहना है कि इसकी वजह से इन कारों के इंजन में आग लगने का जोखिम है. ऐसे में इन कारों को रिकॉल करना जरूरी है. BMW की प्रतिष्ठा के लिहाज इसे घटना को एक बड़ा झटका माना जा रहा है. पिछले साल भी कंपनी को इसी तरह का रीकॉल करना पड़ा था.

क्या फॉल्ट पाया गया?

रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक BMW को इस बार इंजन स्टार्टर में गंभीर फॉल्ट मिला है. कंपनी के विशेषज्ञों के मुताबिक स्टार्टर मोटर में कोरोजन की वजह से इंजन के अत्यधिक गर्म होने का खतरा है. तापमान बहुत ज्यादा बढ़ जाने पर इंजन में आग लगने का खतरा पैदा हो सकता है. कंपनी के मुताबिक यह समस्या 2015 से 2021 के बीच बने ज्यादातर ृमॉडल्स को प्रभावित कर रही है.

कहां-कहां पर असर?

कंपनी ने बताया कि अमेरिका में लगभग 1,95,000 और जर्मनी में 1,36,000 वाहन इस रीकॉल के दायरे में आते हैं. हालांकि BMW ने वैश्विक स्तर पर कुल कितनी कारें प्रभावित हैं और मरम्मत की लागत कितनी होगी, इसका कोई जानकारी नहीं दी है.

BMW की पिछली परेशानियां

यह रीकॉल BMW के लिए पिछली परेशानियों को और बढ़ा देता है। पिछले साल कंपनी को 15 लाख कारों को Continental AG की तरफ से बनाए गए खराब ब्रेकिंग सिस्टम के कारण रीकॉल करना पड़ा था. इन खामियों की मरम्मत पर होने वाला भारी खर्च कंपनी को प्रॉफिट वार्निंग जारी करने के लिए मजबूर कर चुका है. विशेषज्ञों का कहना है कि रीकॉल की बढ़ती संख्या BMW के ब्रांड इमेज और वित्तीय स्थिति पर दबाव डाल सकती है. कंपनी ने प्रभावित वाहन मालिकों को जल्द ही सूचना भेजने और मरम्मत कराने का निर्देश दिया है. इसके साथ ही माना जा रहा है कि रीकॉल की यह खबर निवेशकों और ग्राहकों के लिए चेतावनी का संकेत है.

खुद चेक करा लें अपनी कार

बहरहाल, भले ही कंपनी ने भारत के लिए इस तरह की कोई रिकॉल वार्निंग नहीं दी है. लेकिन, बताए गए फॉल्ट के बारे में खुद अपने स्तर पर भी जांच करा सकते हैं.