Debt-to-GDP Ratio कैसे घटाएगी सरकार? ग्रोथ और कर्ज में ऐसा बनेगा संतुलन
बजट 2026 में सरकार की सबसे बड़ी प्राथमिकता ग्रोथ और कर्ज के बीच संतुलन बनाना रहने वाला है. केंद्रीय वित्त मंत्री Nirmala Sitharaman ने स्पष्ट किया है कि अगले वित्तीय वर्ष से डेट-टू-जीडीपी रेशियो को घटाना सरकार की फिस्कल पॉलिसी का मुख्य आधार होगा. इसके लिए फिस्कल डेफिसिट को एक अहम ऑपरेशनल टूल के रूप में इस्तेमाल किया जाएगा, ताकि सरकारी उधारी पर नियंत्रण रखा जा सके और आर्थिक स्थिरता बनी रहे. सरकार का मानना है कि मजबूत ग्रोथ के बिना कर्ज को टिकाऊ स्तर पर लाना संभव नहीं है, इसलिए बजट 2026 में कैपिटल एक्सपेंडिचर, इंफ्रास्ट्रक्चर निवेश और प्राइवेट इन्वेस्टमेंट को बढ़ावा देने पर फोकस रहेगा.
इसके साथ ही, एफआरबीएम फ्रेमवर्क में संभावित बदलावों के जरिए एक स्पष्ट डेट एंकर तय करने की दिशा में कदम बढ़ाए जा सकते हैं, जिससे लॉन्ग टर्म फिस्कल कंसोलिडेशन का रोडमैप मजबूत हो. वित्त मंत्री ने राज्यों से भी केंद्र की फिस्कल अप्रोच के साथ तालमेल बैठाने की जरूरत पर जोर दिया है. कुछ राज्यों में बढ़ते कर्ज और फिस्कल प्रेशर को देखते हुए सेंटर-स्टेट फाइनेंसेज में बेहतर कोऑर्डिनेशन जरूरी माना जा रहा है.
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