
China की Monopoly को चैलेंज करके India बनेगा Rare Earth Magnets का Hub
Rare Earth: भारत का ऑटोमोबाइल सेक्टर इस वक्त एक गंभीर संकट का सामना कर रहा है. चीन, जो दुनिया में रेयर अर्थ मैग्नेट बनाने वाला सबसे बड़ा देश है, उसने अमेरिका द्वारा लगाए गए टैरिफ के जवाब में इन मैग्नेट्स के एक्सपोर्ट पर पाबंदी लगा दी है. ये वही मैग्नेट्स हैं जो इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए बेहद जरूरी होते हैं. इस फैसले का सीधा असर भारत की ईवी क्रांति पर पड़ा है और उत्पादन रुकने का खतरा पैदा हो गया है. लेकिन इस संकट में एक बड़ा मौका छिपा है. भारत, जिसके पास दुनिया के पांचवें सबसे बड़े रेयर अर्थ भंडार हैं, अब चीन की इस पकड़ को तोड़ने की दिशा में कदम बढ़ा रहा है. इसके लिए सरकार IREL-MAM जॉइंट वेंचर जैसी योजनाओं के साथ-साथ 34,300 करोड़ रुपये के नेशनल क्रिटिकल मिनरल मिशन को आगे बढ़ा रही है. साथ ही भारत, सेंट्रल एशिया के देशों के साथ रणनीतिक साझेदारी की संभावनाएं भी तलाश रहा है. केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने इसे चीन पर निर्भरता कम करने के लिए एक मौका बताया है.