सोने में उछाल से कस्‍टमर्स का बदला मिजाज, स्‍टड ज्‍वेलरी का बढ़ा क्रेज

वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) की स्लैब संरचना में प्रस्तावित संशोधन से औसत कर दर में वृद्धि नहीं होगी, लेकिन “डिमेरिट और लग्‍जरी सामान” पर कर का बोझ मौजूदा स्तर पर बना रहेगा. सूत्रों के अनुसार, इन सामानों पर लगने वाला मुआवजा उपकर (कंपनसेशन सेस) वित्त वर्ष 2027 से समाप्त हो सकता है, लेकिन इन पर स्वास्थ्य या स्वच्छ ऊर्जा उपकर जैसे अन्य कर लागू किए जा सकते हैं. इससे सिगरेट, तंबाकू, लग्जरी वाहन और अन्य विलासिता उत्पादों पर कर का प्रभाव बना रहेगा. सरकार का लक्ष्य राजस्व संतुलन बनाए रखते हुए कर प्रणाली को सरल करना है.

दूसरी ओर, सोने की कीमतों में तेज उछाल ने भारतीय उपभोक्ताओं का रुझान प्रभावित किया है. प्रमुख खुदरा विक्रेताओं के बिक्री आंकड़ों के अनुसार, मार्च तिमाही में कई कीमत-संवेदनशील खरीदारों ने सादे सोने के आभूषणों के बजाय स्टडेड ज्वैलरी को प्राथमिकता दी. सोने की कीमतों में 15% तक की वृद्धि के कारण उपभोक्ता किफायती विकल्पों की ओर बढ़े. ज्वैलरी क्षेत्र के विशेषज्ञों का मानना है कि यह रुझान त्योहारी सीजन में भी जारी रह सकता है, जिससे स्टडेड और डिजाइनर ज्वैलरी की मांग बढ़ेगी.