FII की बिकवाली ने रुपये पर बनाया दबाव, डॉलर के मुकाबले 3 पैसे कमजोरी के साथ बंद
बुधवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 3 पैसे की कमजोरी के साथ 86.08 पर बंद हुआ. यह गिरावट अमेरिकी डॉलर इंडेक्स में सुधार और विदेशी निवेशकों की बिकवाली के कारण हुई. हालांकि, घरेलू शेयर बाजारा की मजबूती से रुपये की कमजोरी एक सीमा में रही.
इजरायल और ईरान के बीच युद्धविराम के बाद निवेशकों के बीच जोखिम लेने की भावना बढ़ती नजर आ रही है. इसकी वजह से निवेशकों की तरफ से इक्विटी मार्केट और डॉलर में निवेश बढ़ाया जा रहा है. बुधवार को निवेशकों के इसी रुख की वजह से घरेलू शेयर बाजार में जहां तेजी का रुख रहा, वहीं डॉलर इंडेक्स में सुधार और FII की निकासी के चलते रुपये में मामूली कमजोरी देखने को मिली. इससे पहले मंगलवार को रुपये में एतिहासिक 73 पैसे की मजबूती देखने को मिली थी. फॉरेक्स ट्रेडर्स का कहना है कि पश्चिम एशिया में शांति आने से इक्विटी और दूसरे रिस्की एसेट्स में निवेशकों की रुचि बढ़ रही है.
कैसा रहा रुपये का करोबार?
Interbank Foreign Exchange पर रुपये की ओपनिंग बुधवार को 86 रुपये प्रति डॉलर के स्तर पर हुई. इसके बाद डॉलर के मुकाबले रुपया 85.79 के इंट्रा डे हाई और 86.14 के इंट्रा डे लो के बीच करोबार करता रहा. दिन के आखिर में 3 पैसे कमजोरी के साथ 86.08 रुपये प्रति डॉलर के स्तर पर बंद हुआ. इससे पहले सोमवार को भी रुपये में 23 पैसे की कमजोरी आई थी, जिससे रुपया पांच महीने के निचले स्तर पर पहुंच गया था. हालांकि, मंगलवार को 73 पैसे की मजबूती से फिर संभल गया.
क्या है एक्सपर्ट की राय?
एचडीएफसी सिक्योरिटीज के रिसर्च एनालिस्ट दिलीप परमार का कहना है कि ट्रेडर्स अब शॉर्ट टर्म डायरेक्शन के लिए आने वाले व्यापार संबंधी अपडेट पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं. निकट अवधि में, USD/INR के कारोबार में रुपये को 85.10 पर सपोर्ट और 85.90 पर रेजिस्टेंस देखने को मिलेगा.
कैसा रहा क्रूड और डॉलर इंडेक्स?
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की तरफ से ईरान और इजरायल के बीच युद्ध विराम कराने का दावा किए जाने के बाद ग्लोबल ऑयल मार्केट में ब्रेंट क्रूड फ्यूचर के कारोबार में 1.43 फीसदी की तेजी के साथ भाव 68.10 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया. वहीं, छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले डॉलर की ताकत को मापने वाला डॉलर इंडेक्स 0.21 फीसदी बढ़कर 98.06 पर कारोबार कर रहा था.