चीन को भारी पड़ सकता है रेयर अर्थ पर कंट्रोल, दुनिया के कई देशों में मौजूद ये ‘खजाना’, भारत ने भी कसी कमर

China Rare Earth: चीन ने 80 और 90 के दशक में अपने यहां रेयर अर्थ की माइनिंग पर जमकर निवेश किया, लेकिन अन्य देशों ने अपने यहां रेयर अर्थ रहते हुए भी इस दिशा में कदम नहीं बढ़ाया. आज के समय में रेयर अर्थ को चीन एक आर्थिक हथियार के रूप में इस्तेमाल कर रहा है.

रेयर अर्थ का पलट जाएगा गेम. Image Credit: Getty image

China Rare Earth: हाल ही में चीन ने 6 रेयर अर्थ एलिमेंट्स (REEs) और रेयर अर्थ मैग्नेट के एक्सपोर्ट पर नियंत्रण लगाकर पूरी दुनिया में हड़कंप मचा दिया है. इनका उपयोग क्लीनटेक से लेकर हथियारों और कई अन्य चीजों को बनाने में किया जाता है. इलेक्ट्रिक वाहन उद्योग पर इसका सबसे अधिक असर पड़ा है, जिससे तनाव के संकेत मिल रहे हैं कि अगर चीन ने प्रतिबंधों में ढील नहीं दी तो कई कारखाने बंद भी हो सकते हैं. इन एलिमेंट्स की ग्लोबल सप्लाई चेन चीन पर बहुत अधिक निर्भर है, जो मौजूदा समय में दुनिया में खनन किए गए REEs का लगभग 70 फीसदी हिस्सा है. वाहनों में इस्तेमाल होने वाले दुनिया के लगभग 90 फीसदी रेयर अर्थ मैग्नेट का उत्पादन भी चीन ही करता है.

कैसे कंट्रोल कर रही चीन की सरकार?

हालांकि, ऑटो सेक्टर के लिए एक्सपोर्ट पर यह प्रतिबंध पूरी तरह से लागू नहीं है. लेकिन कंपनियों को अब इन मैटेरियल्स को चीन से बाहर भेजने से पहले सरकार की अनुमति लेनी होगी. इससे सप्लाई प्रक्रिया में अनिश्चितता और देरी बढ़ जाती है. चीन का रेयर अर्थ का आर्थिक हथियार के रूप में रणनीतिक उपयोग शॉर्ट टर्म फायदा दे सकता है, लेकिन लॉन्ग टर्म में ये रिस्क भरा हो सकता है. चीन रेयर अर्थ के प्रजेंट को कंट्रोल कर सकता है, लेकिन इसके भविष्य को चीन नियंत्रित नहीं कर सकता है.

क्या हैं रेयर अर्थ एलिमेंट्स

रेयर अर्थ एलिमेंट्स (REE) एक गलत टर्म है. 17 मेटल एलिमेंट्स पृथ्वी के क्रस्ट में अपेक्षाकृत प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं. इसमें नियोडिमियम, डिस्प्रोसियम और प्रेजोडियम शामिल हैं. उदाहरण के लिए सेरियम तांबे से ज्यादा आम है. उन्हें दुर्लभ बनाने वाली बात यह है कि उन्हें आर्थिक रूप से व्यवहार्य कान्सन्ट्रेशन में खोजना मुश्किल है और उन्हें एक-दूसरे से अलग करने की चुनौती और भी बड़ी है, क्योंकि वे समूहों में पाए जाते हैं.

कई देशों में मौजूद है खजाना

कमर्शियल भंडार ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका से लेकर भारत, ब्राजील और अफ्रीका के कुछ हिस्सों, यानी दुनियाभर में फैले हुए हैं. फिर भी लगभग सभी ग्लोबल रेयर अर्थ रिफाइनिंग अभी भी चीन में होता है. हालांकि, यह संसाधनों की कमी के कारण नहीं है, बल्कि यह चीन के दशकों से लिए गए रणनीतिक नीतिगत निर्णयों और बाकी दुनिया की लापरवाही का परिणाम है.

कैसे चीन का बढ़ा दबदबा?

रेयर अर्थ इंडस्ट्री में चीन का प्रभुत्व जियोलॉजिकल नहीं है. 1980 के दशक में शुरुआत के बाद 1990 के दशक में तेजी से बढ़ते हुए चीन ने जानबूझकर रेयर अर्थ माइनिंग और रिफाइनिंग को एक रणनीतिक रिफाइनिंग के रूप में विकसित किया. इसने सब्सिडी, कम लागत वाले कर्ज और ढीले पर्यावरण नियम लागू किए, जिसकी बदौलत पश्चिमी उत्पादकों को कमजोर कर दिया. क्योंकि पश्चिमी देश सख्त नियमों और अधिक लागतों के बोझ तले दबे हुए थे.

चीन को मिला माउंटेन पास माइन बंद होने का फायदा

2000 के दशक की शुरुआत तक, चीन ने कई प्रतिस्पर्धियों को कारोबार से बाहर कर दिया था. कैलिफोर्निया में माउंटेन पास माइन को 2002 में आर्थिक और पर्यावरणीय दबावों के कारण बंद कर दिया गया था, जो कभी दुनिया की अग्रणी रेयर अर्थ प्रोड्यूसर थी. माउंटेन पास माइन के बंद होने के बाद, चीन न केवल रेयर अर्थ एलिमेंट्स का प्रमुख सप्लायर बन गया, बल्कि मैग्नेट, बैटरी और इलेक्ट्रॉनिक्स के लिए उन्हें यूटिलिटी सामग्री में बदलने वाली वैश्विक रिफाइनरी भी बन गया. चीन ने वैल्यू चेन के मिडिल और डाउनस्ट्रीम सेगमेंट पर एकाधिकार कर लिया है, जहां वास्तविक आर्थिक और रणनीतिक वैल्यू शामिल है.

चीन के लिए बढ़ सकती है मुश्किल

इसलिए चीन दुनिया पर अपनी रेयर अर्थ ताकत का इस्तेमाल कर रहा है. वह इसका संयम से इस्तेमाल कर सकता है और फिर पीछे हट सकता है, लेकिन सख्त रुख अपनाने से उसे भारी कीमत चुकानी पड़ेगी. रेयर अर्थ एक्सपोर्ट को प्रतिबंधित करके, चीन का लक्ष्य विदेशी उद्योगों और सरकारों पर दबाव बनाना है, खासकर उन पर जो उसकी रणनीतिक और तकनीकी महत्वाकांक्षाओं का विरोध कर रहे हैं. हालांकि, यह रणनीति जोखिम भरी है. चूंकि कई देशों में रेयर अर्थ भंडार हैं और साथ ही उन्हें रिफाइन करने की क्षमता भी है. अगर उन्होंने इस तरफ कदम बढ़ाया, तो भविष्य में चीन के लिए मुश्किलें खड़ी हो सकती हैं.

रेयर अर्थ बना आर्थिक हथियार

चीन का रेयर अर्थ को आर्थिक हथियार की तरह इस्तेमाल करना, अन्य देशों को उनके रेयर अर्थ के इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश करने के लिए एक मजबूत प्रोत्साहन दे रहा है. अमेरिका, यूरोप, जापान, ऑस्ट्रेलिया और भारत ने पहले ही रेयर अर्थ सप्लाई चेन के पुनर्निर्माण के लिए महत्वपूर्ण संसाधनों का आवंटन शुरू कर दिया है. ऑस्ट्रेलिया के लिनास रेयर अर्थ ने उत्पादन बढ़ा दिया है और अमेरिकी सरकार ने रेयर अर्थ को महत्वपूर्ण खनिजों के रूप में नामित किया है, जिससे घरेलू रिफाइनिंग क्षमताओं के लिए धन जुटाया जा सके.

भारत उठा रहा अहम कदम

भारत महत्वपूर्ण खनिजों की घरेलू उपलब्धता को बढ़ावा देने के लिए कदम उठा रहा है. माइन और मिनिरल (डेवलपमेंट और रेगुलेशन) अधिनियम में बदलाव तेजी से किए जा रहे हैं. विनियामक बदलावों के अलावा केंद्र को इस साल के अंत में कम मात्रा में रेयर अर्थ स्थायी चुम्बकों के व्यावसायिक रूप से व्यवहार्य घरेलू उत्पादन की भी उम्मीद है.

रेयर अर्थ फ्री ऑप्शन

चीन के इस कदम से निश्चित रूप से मैटेरियल साइंस में इनोवेशन में तेजी आएगी. कंपनियां रेयर अर्थ फ्री विकल्पों में तेजी से निवेश कर रही हैं, जैसे कि फेराइट मैग्नेट या एडवांस्ड इलेक्ट्रिक मोटर डिजाइन जो REE की आवश्यकता को कम या खत्म कर देते हैं. लॉन्ग टर्म में यह रेयर अर्थ पर वैश्विक निर्भरता को पूरी तरह से कम कर सकता है, जिससे चीन का लाभ कम हो सकता है.

खत्म होने लगेगा चीन का प्रभाव

एक बार जब अन्य देश अपने खुद के रेयर अर्थ का उत्पादन शुरू कर देंगे और मैग्नेट के साथ-साथ विकल्प बनाने के लिए तकनीक डेवलप कर लेंगे, तो चीन के एक्सपोर्ट मार्केट में गिरावट आने की शुरुआत हो जाएगी. साथ ही अन्य देशों पर से उसका प्रभाव भी कम हो जाएगा.

मौजूदा व्यवधान एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकता है. जो हो रहा है वह सिर्फ संसाधनों के लिए संघर्ष नहीं है, बल्कि एक गहरी रणनीतिक धुरी है. देश रेयर अर्थ को एक वस्तु के रूप में नहीं, बल्कि एक राष्ट्रीय सुरक्षा एसेट्स के रूप में देखने लगे हैं.

शॉर्ट टर्म में रिफाइनिंग में चीन का प्रभुत्व इलेक्ट्रिक वाहनों जैसे इन इनपुट पर निर्भर क्षेत्रों के लिए दर्द का कारण बनता रहेगा. लेकिन मिड से लॉन्ग टर्म में इस प्रभुत्व का लाभ उठाना ही उसके नुकसान का कारण बन सकता है. क्योंकि दुनिया को चीन की महत्वपूर्ण सप्लाई चेन को हथियार बनाने की मंशा का एहसास हो गया है.

यह भी पढ़ें: हीटवेव में कार सुरक्षित रखने के जोरदार तरीके, जानें- क्यों जरूरी है बैटरी का खास ध्यान रखना