29 साल, 31 लाख क्लाइंट, 30,00,00,00,00,000 रुपये का मैनेजमेंट, जानें कौन है शेयरखान

Mirae Asset Sharekhan History: सोशल मीडिया पर स्टॉक में निवेश की सलाह देने वाली अस्मिता पटेल पर सेबी ने शिकंजा कसा है. इसके बाद जांच में पता चला है कि अस्मिता पटेल ज्यादातर समय शेयरखान की अथॉराइज्ड पर्सन (AP) थीं. सेबी अब पूरी कुंडली खंगालने में जुटा है.

शेयरखान कैसे बना इतना बड़ा ब्रोकरेज हाउस. Image Credit: Getty image/Sharekhan

Mirae Asset Sharekhan History: बात तब की है, जब दुनिया 21वीं सदी में दाखिल हो रही थी. डॉटकॉम की कहानी ध्वस्त होने की दहलीज पर थी. भारत एक दशक पहले हुए आर्थिक रिफॉर्म से खुद को मजबूत बनाने की कोशिश कर रहा था. गांव के लड़के कंप्यूटर की ट्रेनिंग कर अमेरिका का टिकट कटा रहे थे. इसी दौर में ग्लोबल इक्विटी मार्केट में भी बड़े बदलाव हो रहे थे. वॉयस-ब्रोकेड से इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग में बदलाव की बयार बहनी शुरू हुई थी. इसी दौर में 8 फरवरी, 2000 को एंटरप्रेन्योर श्रीपाल मोराखिया ने शेयर बाजार को भारत के इंडिविजुअल इन्वेस्टर के दरवाजे तक लाने के लिए शेयरखान डॉट कॉम (sharekhan.com) लॉन्च किया. तब सिर्फ हाई नेटवर्थ वाले और इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स की शेयर मार्केट तक आसानी से पहुंच सकते थे. हालांकि, शेयरखान कंपनी की नींव 1995 में रखी गई थी. लेकिन शेयरखान डॉट कॉम नए दौर की इबारत की शुरुआत था.

डॉटकॉम बुलबुला फूटा

शेयरखान की शुरुआत के पीछे श्रीपाल मोराखिया का मकसद ये था कि शेयर मार्केट से छोटे निवेशकों भी पैसा कमाने का मौका मिलना चाहिए. Sharekhan.com ने केवल उन्हें ऑनलाइन शेयर खरीदने और बेचने में सक्षम बनाने वाला था, बल्कि उन्हें यह भी बताने वाला था कि क्या खरीदना है और क्या बेचना है. लेकिन मार्च 2000 तक डॉटकॉम बुलबुला फूट गया और सेंटीमेंट डॉटकॉम के खिलाफ हो गया. शेयरखान एक छोटे से स्टार्ट-अप के रूप में मुश्किल दौर में फंस गया. साल 2001 में एक समय ऐसा आया जब शेयरखान डॉट कॉम के पास सिर्फ चार महीने के लिए पर्याप्त नकदी बची थी.

संकट-संघर्ष और सफलता

शेयरखान की उम्र अभी सिर्फ एक साल थी. इसलिए लोग इसे गंभीरता से भी नहीं ले रहे थे. लेकिन इस संकट के दौर में कंपनी ने साहस दिखाया. चुनौतियों से बेपरवाह लागत कम करने के उपाय किए. नए मार्केट को टैप किया और 2003 में टाइड आने तक कारोबर को जारी रखने के लिए पर्याप्त कैश जेनरेट कर लिया. अगले कुछ सालों में कारोबार बढ़ाने के लिए कंपनी ने जी-जान लगा दी. पीपुल, प्रजेंस, प्रोडक्ट, सभी का विस्तार हुआ. आज कंपनी 31 लाख से अधिक ग्राहकों को फाइनेंशियल सर्विस प्रोवाइडर है.

क्या है पूरा मामला?

अब आप सोच रहे होंगे कि हम आज आपको शेयरखान डॉट कॉम की कहानी क्यों सुना रहे हैं. दरअसल, सोशल मीडिया पर स्टॉक में निवेश की सलाह देने वाली अस्मिता पटेल पर सेबी ने शिकंजा कसा है. इसके बाद जांच में पता चला है कि अस्मिता पटेल ज्यादातर समय शेयरखान की अथॉराइज्ड पर्सन (AP) थीं, जब उन पर अवैध निवेश सलाहकार संस्था चलाने के लिए जांच चल रही थी. साथ ही आरोप यह भी है कि वो छात्रों से ब्रोकरेज के साथ अकाउंट्स खोलने के लिए भी कहती थीं.

सेबी अब पूरी कुंडली खंगालने में जुटा है. हालांकि, शेयरखान ब्रोकरेज ने कहा कि अस्मिता पटेल अब उसके साथ एपी नहीं हैं और वह ऐसे एपी के साथ संबंध नहीं रखता जो इस तरह की गतिविधियों में लिप्त हैं.

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ऑनलाइन ट्रेडिंग साइट

अब शेयरखान की कहानी पर लौटते हैं. कहानी 8 फरवरी 2000 को एक अत्याधुनिक ऑनलाइन ट्रेडिंग साइट www.sharekhan.com के लॉन्च के साथ शुरू हुई. एचएसबीसी पीई इंडिया फंड, कार्लाइल वेंचर्स और इंटेल कैपिटल ने शेयरखान में हिस्सेदारी खरीदी. इसी साल ग्राहकों की संख्या 1,243 तक पहुंची.

धीरे-धीरे ग्राहकों की संख्या बढ़ी और ये कारोबार चल निकला. साल 2002 में ग्राहकों की संख्या 10 हजार के आंकड़े को पार कर गई. 2004 में डेरिवेटिव ट्रेडिंग सुविधा शुरू की गई और भारत भर में F&O पर 100 सेमिनार आयोजित हुए. CDSL के लिए DP एक्टिव किया गया और कंज्यूमर बेस 68,600 हो गया.

10 लाख ग्राहकों की संख्या

साल 2005 में शेयरखान डॉट कॉम ने एक लाख ग्राहकों का आंकड़ा पार कर लिया. फिर धीरे-धीरे नए प्रोडक्ट लॉन्च होते गया और ग्राहकों की संख्या बढ़ती गई है. 2006 में कमोडिटी ट्रेडिंग फैसिलिटी और पोर्टफोलियो मैनजमेंट सर्विस की शुरुआत हुई. फिर कंपनी इंश्योरेंस सेक्टर में दाखिल हुई. आईपीओ के लिए ऑनलाइन आवेदन की शुरुआत की. इस तरह की सर्विस के साथ यह बड़ी बनती गई और 2012 में इसने 10 लाख ग्राहकों की संख्या हासिल कर ली.

मिरे एसेट फाइनेंशियल ग्रुप ने किया अधिग्रहण

कंपनी में एक बड़ा बदलाव तब हुआ, जब 28 नवंबर, 2024 को मिरे एसेट फाइनेंशियल ग्रुप ने सभी आवश्यक रेगुलेटरी मंजूरी प्राप्त करने के बाद, शेयरखान के अधिग्रहण के पूरा होने की घोषणा की. यह दोनों कंपनियों की यात्रा में एक नया अध्याय बना. क्योंकि मिरे एसेट शेयरखान, मिरे एसेट परिवार का हिस्सा बन गया है. इस अधिग्रहण के साथ, शेयरखान अपने व्यवसाय और गतिविधियों को डेवलप करना जारी रखा.

31 लाख क्लाइंट और लाखों करोड़ का मैनजमेंट

30 नवंबर 2024 तक, 31 लाख से अधिक क्लाइंट बेस, 120+ ब्रांच और 4400+ बिजनेस पार्टनर्स के साथ, मिरे एसेट शेयरखान का बड़ा कारोबारी नेटवर्क है. शेयरखान भारत में ऑनलाइन ट्रेडिंग शुरू करने वाले पहले ब्रोकर्स में से एक था. मिरे एसेट शेयरखान ट्रेडिंग और निवेश समाधानों की एक बड़ी रेंज प्रदान करता है, जिसमें इक्विटी, फ्यूचर्स और ऑप्शंस, पोर्टफोलियो मैनजमेंट सर्विस, रिसर्च, म्यूचुअल फंड और इन्वेस्टर एजुकेशन शामिल है. पिछले 29 साल में ब्रोकरेज फर्म ने 31 लाख ग्राहकों को सर्विस प्रदान की है और 30,00,00,00,00,000 से अधिक की रकम को मैनेज किया है.