जामनगर रिफाइनरी पर हुआ हमला तो क्या होगा! जानें पाकिस्तान से बचाना क्यों जरूरी
भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के कारण गुजरात के जामनगर में स्थित रिलायंस की तेल रिफाइनरी को हाई अलर्ट पर रखा गया है. यह रिफाइनरी दुनिया की सबसे बड़ी रिफाइनरी है और भारत की कुल रिफाइनिंग क्षमता में 25% का योगदान करती है. इस पर भारत-पाक टेंशन का असर बड़ी क्षति हो सकती है.
Reliance Jamnagar Refinery: पाकिस्तान और भारत तेजी से तनाव की ओर बढ़ रहे हैं. इस बीच सरकार ने गुजरात के जामनगर में स्थित रिलायंस की तेल रिफाइनरी को हाई अलर्ट पर रख दिया है, और वहां कि सुरक्षा बढ़ा दी है. यही नहीं खतरा खावड़ा के सबसे बड़े सोलर पावर पार्क पर भी है जिसमें एक बड़ा हिस्सा अडानी ग्रीन का है और NTPC, गुजरात इंडस्ट्रीज पावर कंपनी भी रिस्क के दायरे में हैं. दरअसल जामनगर वायुसेना अड्डे के 50 किलोमीटर के दायरे में हैं और यह इलाके पूरी तरह हाई अलर्ट पर है. ऐसे में रिलायंस की जामनगर रिफाइनरी भी खतरे में हैं. जामनगर रिफाइनरी दुनिया की सबसे बड़ी रिफाइनरी है और भारत की कुल रिफाइनिंग क्षमता में इसका 25% योगदान है, इसलिए इस पर किसी तरह का हमला, युद्ध के दौरान और उसके बाद भी भारत के लिए घातक हो सकता है..
भारत के लिए बेहद अहम है जामनगर की रिफाइनरी
- जामनगर रिफाइनरी दुनिया की सबसे बड़ी इंटीग्रेटेड और एक ही जगह पर बनी रिफाइनरी है. इसकी प्रोसेसिंग कैपेसिटी 14 लाख बैरल प्रतिदिन है. मतलब इतना तेल की लाखों ऑयल टैंकर भर जाएंगे.
- इसका कंप्लेक्सिटी इंडेक्स 21:1 है, जो दुनिया में सबसे ज्यादा है. इसका मतलब ये है कि ये रिफाइनरी भारी और सस्ता कच्चा तेल लेकर भी उससे बेहतरीन क्वालिटी वाले पेट्रोलियम प्रोडक्ट बना सकती है.
- अब तक यह रिफाइनरी दुनिया के 216 से ज्यादा तरह के क्रूड ऑयल प्रोसेस कर चुकी है.
- यह रिलायंस इंडस्ट्रीज के ऑयल टू कैमिकल (O2C) बिजनेस का सबसे बड़ा हिस्सा है और इसी से RIL की सबसे ज्यादा कमाई होती है.
भारत को कैसे फायदा
ये रिफाइनरी देश की पहली निजी क्षेत्र की रिफाइनरी है और इसने भारत की कुल रिफाइनिंग क्षमता में 25% का योगदान दिया है. जामनगर रिफाइनरी भारत के लिए इसलिए भी बेहद महत्वपूर्ण है क्योंकि यह देश की रिफाइनिंग क्षमता को काफी बढ़ा देती है, जिससे भारत ट्रांसपोर्ट फ्यूल के मामले में आत्मनिर्भर बनता है और रिफाइंड पेट्रोलियम उत्पादों का एक बड़ा एक्सपोर्टर भी बन गया है. यह रिफाइनरी भारत को ग्लोबल बाजार में एक अहम खिलाड़ी बनाती है. ये रिफाइनरी दुनिया में क्रूड ऑयल का 1.5% उत्पादन करती है.
भारत पेट्रोल-डीजल का बड़ा बाजार
भारत दुनिया के सबसे बड़े बाजारों में से एक है. और वह अपनी जरूरतों का 75 फीसदी से ज्यादा कच्चा तेल आयात करता है. भारत में सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाने वाला पेट्रोलियम फ्यूल है और यह देश के ट्रांसपोर्ट सिस्टम और ग्रामीण कृषि अर्थव्यवस्था की रीढ़ माना जाता है. अप्रैल में डीजल की खपत 80 लाख टन रही. इसी दौरान पेट्रोल की खपत भी 4.6% बढ़कर 30 लाख टन पर पहुंच गई है.
रिफाइनरी पर रिस्क बढ़ा तो…
अगर इस रिफाइनरी पर भारत-पाक टेंशन का कोई भी असर होता है तो इसके गंभीर नतीजे हो सकते हैं, जैसे देशभर में पेट्रोल-डीजल की कमी, कीमतों में बढ़ोतरी, आर्थिक गतिविधियों में रुकावट हो सकता है. इसके अलावा किसी तरह के हमले से रिफाइनरी में आग और तेल रिसाव जैसी घटनाएं हो सकती हैं, जिससे आस-पास की आबादी पर भी असर पड़ सकता है. जान-माल की हानि की भी आशंका है, और लंबे समय तक फ्यूल सप्लाई प्रभावित हो सकती है.