India-USA Trade Deal: नौ जुलाई से पहले अंतरिम समझौते की तैयारी पूरी, कृषि उत्पादों पर अटकी बात

भारत और अमेरिका 9 जुलाई से पहले एक अंतरिम व्यापार समझौते को अंतिम रूप देने में जुटे हैं. लेकिन, फिलहाल कृषि और डेयरी उत्पादों को लेकर मतभेद बने हुए हैं. इसके अलावा अमेरिका कुछ औद्योगिक वस्तुओं पर भी टैरिफ में कमी चाहता है.

भारत-अमेरिका व्यापार समझौते पर लगातार बात कर रहे हैं Image Credit: money9live/AI

भारत और अमेरिका के बीच अंतरिम व्यापार समझौते को लेकर बातचीत आखिरी पड़ाव पर है. हालांकि, दोनों देशों की तरफ से इस बातचीत को अंतिम रूप दिए जाने से पहले कृषि, डेयरी और कुछ औद्योगिक उत्पादों पर टैरिफ को लेकर मतभेद बढ़ गई है. हालांकि, PTI की रिपोर्ट के मुताबिक दोनों देशों की तरफ से इस बात का प्रयास किया जा रहा है कि हर हाल में 9 जुलाई तक एक अंतरिम समझौता हो जाए, ताकि दोनों ही देशों को एक-दूसरे के निर्यात पर टैरिफ लगाने की जरूरत नहीं पड़े.

    अमेरिका राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप टैरिफ के जरिये अमेरिका पर कर्ज खत्म करने और अमेरिकी लोगों को अमीर बनाने का वादा कर सत्ता में आए. ट्रंप ने अपने इसी वजह से 2 अप्रैल को एक टैरिफ प्लान लॉन्च किया, जिसमें भारत सहित दुनिया के तमाम देशों पर अलग-अलग दर से टैरिफ लगाने की बात कही गई. ट्रंप के टैरिफ प्लान के हिसाब से भारत से अमेरिका को आयात की जाने वाली वस्तुओं पर 26 फीसदी टैरिफ लगाने की बात कही गई. हालांकि, एक सप्ताह बाद ही ट्रंप ने इस प्लान को 90 दिन के लिए पॉज कर दिया था. 90 दिन की यह समय सीमा 9 जुलाई को पूरी हो रही है.

    PTI की रिपोर्ट के मुताबिक दोनों देश नौ जुलाई तक अंतरिम व्यापार समझौते को अंतिम रूप देने के इच्छुक हैं. सूत्रों का कहना है कि व्यापार समझौते में हमेशा कुछ ऐसे क्षेत्र होते हैं, जो मुश्किल वाले होते हैं. फिलहाल, कृषि और डेयरी क्षेत्र भारत के लिए कठिन और चुनौतीपूर्ण क्षेत्र हैं.

    क्या चाहता है अमेरिका?

    भारतीय अधिकारियों का कहना है कि भारत ने अपने किसी भी मुक्त व्यापार समझौते में डेयरी क्षेत्र को नहीं खोला है. लेकिन, अमेरिका चाहता है कि भारत उसके लिए डेयरी और कृषि वस्तुओं जैसे सेब, ट्री नट्स और जेनेटिकली मोडिफाइड फसलों पर टैरिफ में राहत दे. इसके अलावा अमेरिका कुछ वाहन, इलेक्ट्रिक वाहन, शराब और पेट्रोकेमिकल पर भी टैरिफ में राहत चाहता है.

    भारत क्या चाहता है?

    भारत की तरफ से प्रस्तावित व्यापार समझौते में कपड़ा, रत्न और आभूषण, चमड़े के सामान, परिधान, प्लास्टिक, रसायन, झींगा मछली, तिलहन, अंगूर और केले और श्रम प्रधान उत्पादों पर टैरिफ में छूट मांगी है. फिलहाल, इन्हीं वस्तुओं पर दोनों देशों के बीच समझौता नहीं हो पा रहा है.

    नहीं हुआ समझौता तो क्या होगा?

    PTI की रिपोर्ट के मुताबिक जब अधिकारियों से पूछा गया कि अगर 9 जुलाई तक समझौता नहीं हुआ और समयसीमा को आगे नहीं बढ़ाया गया] तो क्या स्थिति होगी. इसे लेकर अधिकारियों का कहना है कि अगर ऐसा होता है, तो भारत से अमेरिकी निर्यात पर 26 फीसदी टैरिफ लगने लगेगा. हालांकि, इसका नुकसान अमेरिका को भी होगा.