तेल संकट की आशंका पर लगा ब्रेक! ईरान के ‘नरम’ हमले से बाजार में राहत, 4% तक गिरा कच्चे तेल का भाव

ईरान की ओर से अमेरिका के कतर स्थित ठिकानों पर जवाबी मिसाइल हमले की खबर के बाद भी तेल बाजार में घबराहट नहीं फैली. हल्के हमले और स्ट्रेट ऑफ होर्मुज को न बंद करने की वजह से अंतरराष्ट्रीय कच्चे तेल की कीमतों में 4 फीसदी तक की गिरावट दर्ज की गई.

कच्चे तेल की कीमत में आई गिरावट Image Credit: @Money9live

Oil Price Fall amid Iran attack on US Base: मिडिल ईस्ट में जारी तनाव के बीच दुनिया को बड़ी राहत मिली है. ईरान ने अमेरिका के कतर स्थित सैन्य ठिकानों पर जवाबी मिसाइल हमले किए, लेकिन हमले इतने हल्के रहे कि तेल बाजार में घबराहट की जगह राहत का माहौल बन गया. इसी वजह से अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में बड़ी गिरावट दर्ज की गई.

72 डॉलर से नीचे आया कच्चा तेल

अमेरिकी बेंचमार्क वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट (WTI) कच्चा तेल करीब 4 फीसदी गिरकर 72 डॉलर प्रति बैरल से नीचे आ गया. अमेरिकी मीडिया आउटलेट Axios के मुताबिक, ईरान ने कतर में अमेरिका के ठिकानों पर छह मिसाइलें दागी हैं लेकिन इससे कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ. पहले आशंका जताई जा रही थी कि ईरान तेल व्यापार के सबसे अहम रास्तों में से एक स्ट्रेट ऑफ होर्मुज को बंद कर सकता है, जिससे वैश्विक सप्लाई को बड़ा झटका लग सकता था. लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ, जिससे बाजार में घबराहट कम हुई.

ट्रंप ने बढ़ती कीमतों पर जताई थी चिंता

तेल बाजार में गिरावट की एक और वजह अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की सोशल मीडिया पोस्ट रही, जिसमें उन्होंने एनर्जी डिपार्टमेंट से तुरंत तेल की खुदाई (ड्रिलिंग) बढ़ाने की मांग की. जवाब में अमेरिका के ऊर्जा मंत्री क्रिस राइट ने लिखा, “हम इस पर काम कर रहे हैं.”

फोटो क्रेडिट- Truth Social/@realDonaldTrump

यह हमला बस ‘दिखावे’ के लिए था?

ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के मुताबिक, तेल बाजार के जानकार हैरी त्चिलिंग्यूरियन का कहना है कि यह हमला योजनाबद्ध और प्रतीकात्मक था. “ईरान ने हमले से पहले ही एयरस्पेस बंद कर दिया था और लोगों को शेल्टर में जाने का समय दिया गया. यानी हमला केवल चेहरा बचाने के लिए था, न कि असली नुकसान पहुंचाने के लिए.” हालांकि, ईरान ने यह चेतावनी जरूर दी है कि अमेरिकी हमलों का जवाब “लंबे समय तक असर डालने वाला” होगा. वहीं, Reuters की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि अमेरिका को अब भी किसी बड़े हमले की आशंका है.

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