23 पैसे कमजोर हुआ रुपया, पांच माह के निचले स्तर पर, 86.78 प्रति डॉलर तक फिसला
इजरायल-ईरान युद्ध का असर रुपये पर दिखने लगा है. कच्चे तेल की कीमत में जारी उतार-चढ़ाव और अमेरिकी डॉलर की बढ़ती मांग की वजह से सोमवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 23 पैसे कमजोरी के साथ 86.78 प्रति डॉलर के स्तर पर आ गया. यह रुपये का पिछले पांच महीनों का सबसे निचला स्तर है.
इजरायल-ईरान के बीच जारी संघर्ष में अमेरिका की तरफ से सीधे हमले के बाद कच्चे तेल की कीमतों में जोदार उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है. ऑयल मार्केट की वोलैटिलिटी की वजह से डॉलर में मजबूत आ रही है. इन दोनों कारणों के साथ ही सोमवार को घरेलू शेयर बाजार में गिरावट ने भी रुपये पर दबाव डाला है. हालांकि, FII की तरफ से बाजार में की गई खरीदारी ने रुपये को और नीचे फिसलने से रोके रखा है.
फॉरेक्स ट्रेडर्स का कहना है कि ईरान के परमाणु संयंत्रों पर अमेरिकी हमले के बाद डॉलर में मजबूती और कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव ने रुपये पर दबाव बनाया है. सोमवार को डॉलर के मुकाबले रुपये में 23 पैसे की कमजोरी के बाद भारतीय मुद्रा 86.78 प्रति डॉलर तक गिर गई है. शेयर बाजार के डाटा के मुताबिक FII ने शुक्रवार को नेट बायर रहे. FII ने कुल 7,940.70 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे.
कैसा रहा कारोबार?
इंटरबैंक फॉरेन करेंसी एक्सचेंज पर रुपया डॉलर के मुकाबले 86.75 पर खुला. इसके बाद 87.67 के इंट्रा डे हाई और 86.85 के इंट्रा डे लो के बीच कारोबार करते हुए पांच महीने के निचले स्तर 86.78 पर बंद हुआ. इससे पहले शुक्रवार को रुपया 86.55 के स्तर पर बंद हुआ था. वहीं, 13 जनवरी को डॉलर के मुकाबले रुपया 86.70 पर बंद हुआ, जो पांच पिछले महीने निचला स्तर है.
डॉलर और क्रूड में तेजी
इस दौरान US dollar index 0.60% की तेजी के साथ 99.29 पर पहुंच गया, जिससे डॉलर को मजबूती मिल रही है. वहीं, ब्रेंट क्रूड भी 0.08 फीसदी तेजी के साथ 77.07 डॉलर प्रति बैरल पर रहा.
क्या है एनालिस्ट की राय?
फिनरेक्स ट्रेजरी एडवाइजर्स एलएलपी के कार्यकारी निदेशक अनिल कुमार भंसाली का कहना है कि कच्चे तेल की कीमतों में उछाल के कारण रुपया 86.85 पर आ गया है. इसके साथ ही उन्होंने बताया कि वायदा कारोबार में ग्लोबल बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड में भारी वोलैटिलिटी है. इसकी वजह से डॉलर इंडेक्स मजबूत हो रहा है. क्रूड और डॉलर के इस मिलेजुले रुख की वजह से रुपये पर दबाव है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि कच्चे तेल की कीमतों के मौजूदा रुख के आधार पर रुपये की कीमत 86.50-86.90 के बीच रहने की उम्मीद है.