कोर सेक्टर की ग्रोथ जुलाई में घटकर 2% रही, कोयला उत्पादन में 5 साल में सबसे बड़ी गिरावट; स्टील-सीमेंट ने संभाला
जुलाई में भारत के आठ प्रमुख कोर सेक्टर की ग्रोथ घटकर 2 फीसदी रही है. वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, कोयले के उत्पादन में 12.3 फीसदी की भारी गिरावट दर्ज हुई, जो पांच वर्षों में सबसे ज्यादा है. कच्चे तेल, प्राकृतिक गैस और पेट्रोलियम रिफाइनरी उत्पादन में भी कमी देखी गई. हालांकि स्टील और सीमेंट सेक्टर ने मजबूत प्रदर्शन किया. बिजली उत्पादन में भी मामूली सुधार दर्ज किया गया.
Core sector growth: भारत के आठ प्रमुख बुनियादी इंडस्ट्री (कोर सेक्टर) की विकास दर जुलाई महीने में घटकर 2 प्रतिशत रह गई है. भारी मानसूनी बारिश और एनर्जी सेक्टर में लगातार बनी रह रही चुनौतियों ने इस बढ़ोतरी पर ब्रेक लगा दिया, हालांकि इसी दौरान स्टील और सीमेंट जैसे बुनियादी ढांचे से जुड़े इंडस्ट्री का प्रदर्शन काफी मजबूत रहा है. वाणिज्य मंत्रालय द्वारा बुधवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, कोयला, कच्चे तेल और प्राकृतिक गैस के उत्पादन में भारी गिरावट ने विकास दर को प्रभावित किया.
जून महीने में यह विकास दर 2.2 प्रतिशत थी जो जुलाई में घट गई. ये आठ इंडेक्स ऑफ इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन (IIP) में 40 प्रतिशत का वेटेज रखते हैं, इसलिए इनके प्रदर्शन का असर अगले महीने जारी होने वाले IIP आंकड़ों पर भी पड़ने की उम्मीद है.
एनर्जी सेक्टर में गहराया संकट
जुलाई महीने में एनर्जी सेक्टर का प्रदर्शन बेहद निराशाजनक रहा है.
- कोयला: कोयला उत्पादन में 12.3 प्रतिशत की तेज गिरावट दर्ज की गई, जो पिछले पांच वर्षों में इसकी सबसे बड़ी गिरावट है. मानसून के कारण खनन गतिविधियों और परिवहन में रुकावट इसका प्रमुख कारण माना जा रहा है.
- कच्चा तेल: कच्चे तेल का उत्पादन लगातार सातवें महीने घटा है. जुलाई में इसमें 1.4 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई.
- प्राकृतिक गैस: प्राकृतिक गैस के उत्पादन में 3.2 प्रतिशत की गिरावट देखी गई.
- पेट्रोलियम रिफाइनरी: पेट्रोलियम रिफाइनरी उत्पादन भी दो महीने के विस्तार के बाद गिरावट में आ गया है.
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बुनियादी ढांचा क्षेत्र ने संभाली कमान
हालांकि, निराशाजनक तस्वीर के बीच एक उम्मीद की किरण बुनियादी ढांचे से जुड़े इंडस्ट्री से नजर आई है.
- स्टील: स्टील क्षेत्र ने 21 महीनों में अपनी सबसे तेज बढ़ोतरी दर्ज करते हुए 12.8 प्रतिशत की बढ़त हासिल की है. यह इस बात का संकेत है कि कंस्ट्रक्शन गतिविधियों में गति बनी हुई है.
- सीमेंट: सीमेंट उत्पादन में 11.7 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई, जो पिछले चार महीनों में सबसे अधिक है. सरकार की इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं और आवासीय कंस्ट्रक्शन में तेजी इसकी मुख्य वजह है.
- बिजली: बिजली उत्पादन में 0.5 प्रतिशत की मामूली बढ़त दर्ज की गई, जो इसे तीन महीने बाद सकारात्मक क्षेत्र में ले आई.