ट्रंप अब नहीं लगाएंगे भारत पर पेनाल्टी, जरूरत पड़ी तो रूस करेगा आयात, पुतिन के बड़े अधिकारी का दावा
पिछले सप्ताह अलास्का में ट्रंप और पुतिन की मुलाकात से भारत को भी बड़ी राहत मिली है. एक रूसी अधिकारी का दावा है कि पुतिन से मुलाकात के बाद ट्रंप अब भारत पर रूस के साथ कारोबार को लेकन पेनाल्टी नहीं लगाएंगे. इसके साथ ही कहा कि टैरिफ के असर से निपटने में रूस भारत की मदद करेगा और भारत के साथ कारोबार बढ़ाएगा.
Russia with India Agaist Trump Tariff: एक वरिष्ठ रूसी ने संकेत दिए हैं अमेरिकी टैरिफ से निपटने के लिए रूस पूरी तरह से भारत के साथ है. रूसी समाचार एजेंसी स्पूतनिक की रिपोर्ट के मुताबिक अधिकारी का कहना है कि अलास्का में ट्रंप और पुतनि की बैठक के बाद अब ट्रंप भारत का रूस के साथ व्यापार रोकने के लिए कोई पेनाल्टी लगाने का इरादा नहीं रखते हैं. इसके साथ ही अधिकारी ने कहा कि अगर जरूरत पड़ी, तो रूस की तरफ से भारतीय सामान का आयात बढ़ाया जाएगा.
ट्रंप ने क्या कहा था?
इस महीने की शुरुआत में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका में भारत से होने वाले आयात पर 25 फीसदी जवाबी टैरिफ के साथ ही 25 फीसदी पेनाल्टी टैरिफ लगाने का एलान किया था. ट्रंप का कहना था कि भारत रूसी तेल का आयात कर यूक्रेन में युद्ध लड़ने में रूस की मदद कर रहा है. बहरहाल, पुतिन और जेलेंस्की से मुलाकात के बाद ट्रंप का रुख बदला है. इस मामले में व्हाइट हाउस प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने कहा कि भारत पर लगाए गए टैरिफ का मकसद रूस को यूक्रेन युद्ध खत्म करने के लिए दबाव बनाना था. ट्रंप का लक्ष्य है कि युद्ध जल्दी समाप्त करना है.
भारत ने क्या जवाब दिया?
ट्रंप के बेतुके बयान और टैरिफ की धमकी को लेकर भारत ने अमेरिका के दोहरे मानकों का पर्दाफाश करते हुए बताया कि अमेरिका और तमाम यूरोपीय देश भारत से कहीं ज्यादा कारोबार रूस के साथ कर रहे हैं. जबकि, इन देशों के लिए रूस से कारोबार जरूरी नहीं है. जबकि, सस्ता तेल आयात करना भारत की मजबूरी है. इसके साथ ही भारत ने दो टूक कहा था कि भारत किसी दबाव में आकार कोई फैसला नहीं लेगा और अपने राष्ट्रीय हितों को सर्वोपरी रखेगा.
रूस ने क्या कहा?
रूस ने भी ट्रंप के टैरिफ एलान को बेतुका और औपनिवेशिकतावादी सोच वाला फैसला बताया था. वहीं, बुधवार को भारत में रूसी दूतावास के प्रभारी अधिकारी रोमन बाबुश्किन ने कहा, “ट्रंप-पुतिन वार्ता का सकारात्मक नतीजा यह है कि अमेरिका भारत पर अतिरिक्त टैरिफ नहीं लगाएगा. हम भारत के साथ साझेदारी जारी रखेंगे और सभी चुनौतियों का समाधान मिलकर करेंगे.” इसके साथ ही उन्होंने कहा, “यदि भारतीय वस्तुओं को अमेरिका में बाधाओं का सामना करना पड़ रहा है, तो रूसी बाजार भारतीय निर्यात के लिए खुला है.”
तेल के आयात पर क्या कहा?
भारत की तेल खरीद की चुनौतियों पर बोलते हुए, बाबुश्किन ने कहा, “रूस तेल का सबसे बड़ा उत्पादक है और भारत सबसे बड़ा उपभोक्ता है. किसी भी तरह की एकतरफा कार्रवाई से अगर इस सप्लाई चेन में व्यवधान आता है, तो वैश्विक स्तर पर मूल्य निर्धारण में असंतुलन और अस्थिरता पैदा होगी, जिससे विकासशील देशों की ऊर्जा सुरक्षा खतरे में पड़ सकती है.”
कितना है भारत-रूस का व्यापार
रूस-भारत के व्यापार को भुगतान संतुलन के लिहाज से देखें, तो भारत रूस के साथ भारी व्यापार घाटे में है. 2019 में जहां भारत ने रूस को 3.9 अरब डॉलर का निर्यात किया था, वहीं 7.5 अरब डॉलर का आयात किया था. वहीं, 2024 में रूस को भारत का निर्यात 4.88 अरब डॉलर रहा, जबकि आयात 63 अरब डॉलर पहुंच गया. इस तरह भारत रूस के साथ करीब 59 अरब डॉलर के व्यापार घाटे में है.
वर्ष | भारत से रूस को निर्यात | रूस से भारत को आयात | कुल व्यापार |
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2019 | 3.9 | 7.5 | 11.4 |
2020 | 2.6 | 5.4 | 8.0 |
2021 | 3.2 | 6.9 | 10.1 |
2022 | 3.1 | 46.3 | 49.4 |
2023 | 3.5 | 48.8 | 52.3 |
2024 | 4.88 | 63.84 | 68.7 |