2025 में भारत में भर्तियों की रफ्तार तेज, जॉब इंडेक्स 53.8 पर पहुंचा; कंपनियों में बढ़ी नई नौकरियों की मांग

साल 2025 के पहले दस महीनों में भारत में नौकरी के अवसर पिछले साल की तुलना में थोड़ा बढ़े हैं. HSBC और S&P Global Market Intelligence के अनुसार बाजार में लगातार मांग बनी हुई है, कंपनियों के पास नए ऑर्डर आ रहे हैं और कई सेक्टरों में निवेश बढ़ रहा है. इन सभी कारणों से बड़ी कंपनियां अपने काम को संभालने और विस्तार करने के लिए ज्यादा कर्मचारियों को जोड़ रही हैं.

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India’s job index rises: साल 2025 के पहले दस महीनों में भारत में नौकरी के अवसर पिछले साल की तुलना में थोड़ा बढ़े हैं. HSBC और S&P Global Market Intelligence के आंकड़ों के आधार पर की गई ET की स्टडी बताती है कि भारत का जॉब इंडेक्स 2024 के औसत 52.5 से बढ़कर 2025 में 53.8 हो गया है. यह बढ़ोतरी दिखाती है कि देश में कंपनियां पहले से अधिक लोगों को नौकरी दे रही हैं और भर्ती का माहौल बेहतर हुआ है. कई बड़ी कंपनियों जैसे वेदांता ग्रुप और RPG ग्रुप के अधिकारियों ने भी इस ट्रेंड की पुष्टि की है.

इनके अनुसार बाजार में लगातार मांग बनी हुई है, कंपनियों के पास नए ऑर्डर आ रहे हैं और कई सेक्टरों में निवेश बढ़ रहा है. इन सभी कारणों से बड़ी कंपनियां अपने काम को संभालने और विस्तार करने के लिए ज्यादा कर्मचारियों को जोड़ रही हैं. इसके अलावा GST में कटौती, महंगाई कम होना और ब्याज दरों का घट जाना भी लोगों की खरीदारी बढ़ा रहा है. जब उपभोक्ता ज्यादा खरीदारी करते हैं, तो कंपनियों को प्रोडक्शन बढ़ाना पड़ता है और इसके लिए उन्हें ज्यादा लोगों की जरूरत होती है.

वर्कफोर्स में 13 फीसदी की बढ़ोतरी

ET के हवाले से RPG ग्रुप की कंपनी KEC इंटरनेशनल के CEO विमल केजरीवाल के अनुसार, जनवरी से सितंबर 2025 के बीच कंपनी में भर्ती अच्छी गति से हुई है. उन्होंने बताया कि कंपनी की कुल वर्कफोर्स पिछले साल की पहली छमाही की तुलना में लगभग 13 फीसदी बढ़ गई है. कंपनी ने FY25 के पहले छह महीनों में ही 1500 से ज्यादा प्रोफेशनल्स को नौकरी दी है.

यह इस बात का संकेत है कि कंपनी का बिजनेस लगातार बढ़ रहा है. वेदांता ग्रुप ने भी बताया कि उनके यहां इस साल भर्ती पिछले वर्ष की तुलना में 15-18 फीसदी ज्यादा रही है. कंपनी के प्रवक्ता ने कहा कि वेदांता अपने प्रमुख बिजनेस जैसे एल्यूमिनियम, जिंक, सिल्वर और कॉपर में बड़े प्रोजेक्ट्स चला रही है. इसके अलावा कंपनी ग्रीन एनर्जी, डिजिटल टेक्नोलॉजी जैसे नए सेक्टरों में भी निवेश बढ़ा रही है.

मैन्युफैक्चरिंग और सर्विस सेक्टरों में बढ़ा रोजगार

HSBC और S&P Global के डेटा के अनुसार, भारत के मैन्युफैक्चरिंग और सर्विस दोनों सेक्टरों में रोजगार बढ़ा है. मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर का रोजगार इंडेक्स 52.4 से बढ़कर 53.8 हो गया है, जबकि सर्विस सेक्टर में यह 52.5 से बढ़कर 53.8 पहुंच गया है. इसका मतलब है कि दोनों ही सेक्टरों में कंपनियां अपनी जरूरत के अनुसार अधिक लोग रख रही हैं.

S&P Global की अर्थशास्त्री पॉलीआना डी लीमा का कहना है कि निजी क्षेत्र में नौकरी बढ़ने की वजह मजबूत बिक्री, भविष्य की मांग को देखते हुए कंपनी की पहले से की गई तैयारी और पर्याप्त प्रोडक्शन क्षमता बनाए रखना है. कंपनियां यह सुनिश्चित करना चाहती हैं कि आने वाले समय में बढ़ती मांग को वे बिना रुकावट पूरा कर सकें.

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