रिलायंस के हर कर्मचारी को करना होता है यह काम, मुकेश अंबानी से लेकर चपरासी तक करते हैं फॉलो
एशिया के सबसे अमीर इंसान मुकेश अंबानी ने लीडरशिप को लेकर एक मंत्र दिया है. उन्होंने कहा है कि इस मंत्र को रिलायंस का हर कर्मचारी फॉलो करता है. उनका मानना है कि यह तरीका सच्ची नीयत और सम्मान की पहचान है. आइए जानते हैं मुकेश अंबानी ने लीडरशिप में पारदर्शिता, ईमानदारी और विश्वास को बढ़ावा देने के लिए क्या मंत्र दिया है.
Mukesh Ambani Leadership Principle: भारत के सबसे बड़े उद्योगपतियों में से एक, रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने एक ऐसा लीडरशिप का कॉन्सेप्ट शेयर किया, जिसे वे पिछले 40 सालों से खुद निभा रहे हैं. खास बात यह भी है कि इस सिद्धांत को उनके सभी कर्मचारी भी फॉलो करते हैं. उनका यह कॉन्सेप्ट जितना सरल दिखता है, उतना ही गहरा प्रभाव भी रखता है. दरअसल, उन्होंने रिलायंस की टॉप लीडरशिप के लिए ‘आई कॉन्टैक्ट रूल’ यानी आंखों में आंखें डालकर बात करने की नीति बताई है. उनका कहना है कि इसके जरिए लीडरशिप में पारदर्शिता, ईमानदारी और विश्वास को बढ़ावा मिलता है.
आई कॉन्टैक्ट से जुड़ा है लीडरशिप का कॉन्सेप्ट
मैकिंजी एंड कंपनी को दिए एक इंटरव्यू में मुकेश अंबानी ने बताया कि उन्होंने 30 से 40 साल पहले ही तय कर लिया था कि वे अपने हर कर्मचारी से आंख मिलाकर बात करेंगे. उनका मानना है कि यह तरीका सच्ची नीयत और सम्मान की पहचान है. उन्होंने कहा, “रिलायंस में हम अपने वर्करों से कहते हैं कि आई कॉन्टैक्ट जरूरी है, क्योंकि इससे आप अपनी ईमानदारी दिखाते हैं. हमारे वर्कर यही सिद्धांत समझाते हैं कि जो कुछ भी हम करें, वह ऐसा हो कि हम एक-दूसरे की आंखों में देखकर कह सकें कि हमें शर्मिंदा न होना पड़े. उन्होंने आगे कहा कि यह कल्चर अब रिलायंस की ‘इंस्टिट्यूशनल कल्चर’ का हिस्सा बन चुका है, जो किसी भी प्रकार के जोखिम से निपटने में कंपनी की सबसे बड़ी ताकत बन गई है.
सबसे बड़ा जोखिम बना सबसे बड़ी उपलब्धि
इंटरव्यू के दौरान मुकेश अंबानी ने बताया कि 2016 में टेलीकॉम सेक्टर में रिलायंस जियो के जरिए दोबारा उतरना उनके जीवन का सबसे बड़ा जोखिम था. उस समय कई विशेषज्ञों ने भविष्यवाणी की थी कि यह कदम आर्थिक रूप से विफल हो सकता है, लेकिन अंबानी का दृष्टिकोण अलग था. मुकेश अंबानी ने कहा, मैंने बोर्ड से कहा कि सबसे बुरी स्थिति में भी अगर हमें रिटर्न नहीं मिला, तो भी ठीक है, क्योंकि यह पैसा हमारा खुद का है. लेकिन अगर हम भारत को डिजिटल बना देते हैं, तो यह हमारी तरफ से देश के लिए सबसे बड़ी परोपकारिता होगी. उन्होंने कहा, रिलायंस जियो के लॉन्च के बाद भारत में टेलीकॉम क्रांति आ गई. मुफ्त वॉयस कॉल और बेहद सस्ते डेटा प्लान्स ने डिजिटल इंडिया की नींव को मजबूती दी. आज जियो भारत की सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनी बन चुकी है.
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