सरकार आपकी ऑनलाइन शॉपिंग पर रखेगी नजर, बदलेगा महंगाई दर का कैलकुलेशन; जानें क्या है प्लान
सरकार अब आम लोगों के ऑनलाइन शॉपिंग की आदतों पर नजर रखने जा रही है, कौन क्या खरीद रहा है, कितना खरीद रहा है और भी बहुत कुछ देखा जाएगा. ये ट्रैकिंग 12 शहरों में होगी. इसका मकसद महंगाई दर की कैलकुलेशन में सुधार करना है.
CPI: तेजी से बढ़ती जा रही ये ऑनलाइन दुनिया अब ई-कॉमर्स से क्विक कॉमर्स कि ओर बढ़ चुकी है. इसी बदलाव को ध्यान में रखते हुए सरकार अब आम लोगों की शॉपिंग पर नजर रखने जा रही है. पहली बार देश के केवल 12 बड़े शहरों में ऑनलाइन शॉपिंग के रुझानों पर नजर रखी जाएगी. कौन क्या खरीद रहा है, कितना खरीद रहा है – ये सब ट्रैक किया जाएगा. चलिए जानते हैं सरकार आपके शॉपिंग बिहेवियर (व्यवहार) पर निगरानी क्यों रखी रही है. महंगाई को लेकर सरकार का क्या प्लान है?
क्या है सरकार का प्लान?
मनीकंट्रोल की रिपोर्ट के मुताबिक, 12 बड़े शहरों में सरकार लोगों के शॉपिंग के रुझानों पर नजर रखेगी. यह पहल उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) यानी रिटेल महंगाई दर में सुधार करने के लिए उठाई जा रही है. फिलहाल महंगाई के कैलकुलेशन के लिए साल 2011-12 के आंकड़ों को बेस माना जाता है. नए CPI आंकड़े वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही में जारी किए जाएंगे. साथ ही GDP के कैलकुलेशन के तरीके में भी बदलाव होगा.
किन शहरों पर रखी जाएगी नजर?
रिपोर्ट के मुताबिक, ऐसे शहरों को चुना जाएगा जहां आबादी कम से कम 25 लाख है. वहां के लोगों की ऑनलाइन खरीदारी की आदतों को ट्रैक किया जाएगा. अगले दो महीनों में CPI में कई सामान को मिलने वाला वेटेज भी तय कर लिया जाएगा.
दरअसल हाल के एक सर्वे में पाया गया कि शहरी क्षेत्रों में लगभग 10% खर्च ऑनलाइन होता है जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में यह आंकड़ा 3 से 4% तक ही है.
कैसे ट्रैक होंगे शॉपिंग के रुझान?
MoSPI यानी सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय न केवल ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से डेटा इकट्ठा करेगा, बल्कि विकसित देशों में इस्तेमाल होने वाली स्कैनर डेटा तकनीक पर भी विचार कर रहा है. हर शहर में अलग-अलग ऑनलाइन प्लेटफॉर्म लोकप्रिय हैं और मंत्रालय ने इन्हीं आधारों पर शहरों का चयन किया है.
ऑनलाइन खर्च में ई-कॉमर्स साइट्स, क्विक कॉमर्स, OTT सेवाएं और ट्रांसपोर्ट के ऑनलाइन माध्यम जैसे कि रेल और हवाई यात्रा शामिल हैं. इसमें टैक्सी बुकिंग ऐप्स को शामिल किया जाएगा, ताकि आज के ग्राहक की बदलती आदतों और कीमतों में होने वाले बदलावों को बेहतर तरीके से समझा जा सके.