SBI ने सरकार को दिया रिकॉर्ड डिविडेंड, केंद्र के खजाने में आए 8,076 करोड़ रुपये, ब्याज से आय भी बढ़ी

SBI ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए सरकार को 8076.84 करोड़ का रिकॉर्ड डिविडेंड दिया है. इससे पहले बैंक ने प्रति शेयर 15.9 रुपये का डिविडेंड प्रत्येक शेयरधारक को देने का भी ऐलान किया है. SBI के FY25 Q4 में नेट प्रॉफिट में कमी आई है, हालांकि, इसके बाद भी यह मेगा डिविडेंड दिया गया है.

वित्त मंत्री निर्मला सीतारणम को चेक सौंपते हुए SBI के चेयरमैन Image Credit: X/nsitharamanoffc

देश के सबसे बड़े वाणिज्यिक बैंक SBI ने वित्त वर्ष 2024-25 की चौथी तिमाही के नेट प्रॉफिट में कमी आने के बाद भी केंद्र सरकार को रिकॉर्ड 8,076 करोड़ रुपये का डिविडेंड सौंपा है. पिछले वित्त वर्ष यानी 2023-24 के लिए एसबीआई ने केंद्र सरकार को 6959 करोड़ रुपये का डिविडेंड दिया था. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के कार्यालय की तरफ से इसकी जानकारी दी गई. सोशल मीडिया पोस्ट पर सीतारणम के कार्यालय की तरफ से एक पोस्ट में बताया गया कि SBI के चेयरमैन सीएस सेट्टी ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को 8,076 करोड़ रुपये का चेक सौंपा गया.

16 फीसदी बढ़ा डिविडेंड

सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक SBI की तरफ से सरकार को दिए जाने वाले डिविडेंड में 16 फीसदी का इजाफा हुआ है. वित्त वर्ष 2024-25 के लिए कुल डिविडेंड जहां 8076.84 करोड़ रुपये मिला, वहीं वित्त वर्ष 2023-24 में यह डिविडेंड 6,959 करोड़ रुपये रहा था.

प्रॉफिट में आई कमी

वित्त वर्ष 2024-35 में SBIके नेट प्रॉफिट में कमी आई है. सालाना आधार पर देखा जाए, तो वित्त वर्ष 2023-24 की तुलना में नेट प्रॉफिट में 10 फीसदी की गिरावट देखने को मिली है. 31 मार्च को समाप्त FY25 में बैंक का नेट प्रॉफिट 18,643 करोड़ रुपये रहा.

ब्याज से इनकम बढ़ी

बैंक के नेट प्रॉफिट में भले ही गिरावट देखने को मिली है. लेकिन, बैंक को ब्याज से होने वाली आय में बढ़ोतरी देखने को मिली है. बैंक के फाइनेंशियल स्टेटमेंट के हिसाब से वित्त वर्ष 2024-25 में बैंक की ब्याज से आय सालाना आधार पर 2.7 फीसदी बढ़कर 42,775 करोड़ रुपये पहुंच गई है.

एसेट क्वालिटी में आया सुधार

31 मार्च को खत्म हुए वित्त वर्ष 2024-25 में SBI की एसेट क्वालिटी में भी सुधार देखने को मिला है. अक्टूबर से दिसंबर 2024 के 2.07 फीसदी की तुलना में जनवरी से मार्च के दौरान ग्रॉस नॉन-परफॉर्मिंग एसेट रेश्यो 1.82 फीसदी रहा. वहीं, पूरे वित्त वर्ष लिए सालाना आधार पर नेट NPA 0.53 फीसदी से घटकर 0.47 फीसदी रह गया है.