प्रधानमंत्री मोदी का ऐलान: अगले 5 सालों में भारत के एनर्जी सेक्टर में निवेश के बड़े मौके
प्रधानमंत्री मोदी ने भारत के एनर्जी सेक्टर में निवेशकों के लिए व्यापक संभावनाओं की बात की और कहा कि आने वाले वर्षों में भारत सोलर एनर्जी, ग्रीन हाइड्रोजन, तेल और गैस, साथ ही इलेक्ट्रिक मोबिलिटी में टॉप बनने की ओर बढ़ रहा है. उन्होंने निवेशकों से इन अवसरों का फायदा उठाने की अपील की है और भारत को 21वीं सदी का एनर्जी हब बनाने की दिशा में सहयोग करने की अपील की है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार, 11 फरवरी को कहा कि भारत के एनर्जी सेक्टर में निवेश की कई संभावनाएं है और आने वाले पांच सालों में रिन्यूएबल एनर्जी के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए देश तेजी से आगे बढ़ रहा है. उन्होंने ग्लोबल इंवेस्टर्स को भारत के एनर्जी सेक्टर में निवेश के अवसरों को तलाशने की अपील की है.
इंडिया एनर्जी वीक 2025 (IEW’25) को वर्चुअली संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “आप सिर्फ इंडिया एनर्जी वीक का हिस्सा नहीं हैं, बल्कि भारत की ऊर्जा महत्वाकांक्षाओं का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं.”
भारत की ऊर्जा महत्वाकांक्षाएं – 5 प्रमुख स्तंभ
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत की ऊर्जा रणनीति पांच स्तंभों पर आधारित है: अपार संसाधन, जिनका हम पूरा उपयोग कर रहे हैं, इनोवेशन को बढ़ावा देने के लिए युवा प्रतिभाओं को प्रेरित करना, मजबूत अर्थव्यवस्था और राजनीतिक स्थिरता, रणनीतिक भौगोलिक स्थिति, जिससे ऊर्जा व्यापार आसान और आकर्षक बनता है, वैश्विक स्थिरता के प्रति भारत की प्रतिबद्धता, जो नए अवसरों को बढ़ावा दे रही है.
2030 तक भारत का एनर्जी लक्ष्य
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के ऊर्जा लक्ष्य 2030 की समयसीमा के अनुरूप हैं, और देश इन टारगेट को हासिल करने के लिए पूरी तरह तैयार है. उन्होंने बताया:
- 500 गीगावॉट रिन्यूएबल एनर्जी क्षमता जोड़ी जाएगी
- भारतीय रेलवे 2030 तक नेट जीरो हासिल करेगा
- ग्रीन हाइड्रोजन का 5 मिलियन टन वार्षिक उत्पादन लक्ष्य
- पिछले 10 वर्षों में भारत की सौर ऊर्जा क्षमता 32 गुना बढ़ी
- भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा सौर ऊर्जा उत्पादक देश बन चुका है
- गैर-जीवाश्म ईंधन (Non-Fossil Fuel) क्षमता तीन गुना बढ़ी
उन्होंने कहा कि भारत G20 देशों में पेरिस जलवायु समझौते के तहत कार्बन उत्सर्जन में कमी के अपने लक्ष्य को पूरा करने वाला पहला देश है.
इथेनॉल मिश्रण और बायोफ्यूल पर भारत की उपलब्धियां
पीएम मोदी ने बताया कि भारत पहले ही 19% इथेनॉल मिश्रण हासिल कर चुका है और उम्मीद है कि अक्टूबर 2025 की समय सीमा से पहले 20% इथेनॉल मिश्रण का लक्ष्य प्राप्त कर लेगा.
- भारत के पास 500 मिलियन टन का बायोफ्यूल फीडस्टॉक है.
- G20 शिखर सम्मेलन के दौरान बनी ग्लोबल बायोफ्यूल एलायंस में 28 देश और 12 अंतरराष्ट्रीय संगठन शामिल हुए.
भारत में तेल और गैस क्षेत्र में सुधार
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत तेल और गैस क्षेत्र में बड़े सुधार कर रहा है, ताकि खोज और उत्पादन की पूरी क्षमता का उपयोग किया जा सके. पीएम मोदी के अनुसार,
- भारत दुनिया का चौथा सबसे बड़ा रिफाइनिंग हब है और इसे 20% तक बढ़ाया जाएगा.
- देश में नई हाइड्रोकार्बन खोजों को खोजने और विकसित करने के लिए सरकार ने ओपन लाइसेंसिंग एकरेज पॉलिसी (OLAP) शुरू की है.
- विशेष आर्थिक क्षेत्र (Exclusive Economic Zones) और सिंगल-विंडो क्लीयरेंस सिस्टम से निवेशकों को सुविधा मिलेगी.
- ऑयलफील्ड्स रेगुलेशन एंड डेवलपमेंट एक्ट में संशोधन कर नीति स्थिरता, विस्तारित पट्टे और बेहतर वित्तीय शर्तें दी गई हैं.
- प्राकृतिक गैस की आपूर्ति पाइपलाइन नेटवर्क के विस्तार और नई खोजों के कारण तेजी से बढ़ रही है.
‘मेक इन इंडिया’ पर जोर
पीएम मोदी ने कहा कि भारत का ध्यान ‘मेक इन इंडिया’ और स्थानीय सप्लाई चेन को मजबूत करने पर है. उन्होंने बताया कि:
- सोलर पीवी मॉड्यूल निर्माण क्षमता 2 गीगावॉट से बढ़कर 70 गीगावॉट हो गई है.
- बैटरी और स्टोरेज सेक्टर में इनोवेशन और उत्पादन के अवसरों को बढ़ावा दिया जा रहा है.
- भारत तेजी से इलेक्ट्रिक मोबिलिटी की ओर बढ़ रहा है और इस क्षेत्र में तेजी से काम करने की जरूरत है.