RBI ने 5 साल बाद रेपो रेट में की कटौती, 6.5 से घटकर 6.25 फीसदी हुआ, कर्ज होगा सस्ता

RBI ने 5 साल बाद 0.25 फीसदी की रेपो रेट में कटौती कर दी है. इस कटौती के बाद रेपो रेट 6.50 फीसदी से घटकर 6.25 फीसदी हो गया है. इस कटौती से न केवल EMI घट जाएगी बल्कि इकॉनॉमी को भी बूस्ट मिल जाएगा. आइए विस्तार से जानते हैं.

Sanjay Malhotra Image Credit: TV9 Bharatvarsh

RBI cuts repo rates: जिसका इंतजार था RBI ने वह कर दिया है. 5 साल बाद 0.25 फीसदी की रेपो रेट में कटौती कर दी है. इस कटौती के बाद रेपो रेट 6.50 फीसदी से घटकर 6.25 फीसदी हो गया है. इस कटौती से न केवल EMI घट जाएगी बल्कि इकॉनॉमी को भी बूस्ट मिल जाएगा. इसके पहले आरबीआई ने दिसंबर 2024 में सीआरआर में 0.50 फीसदी कटौती की थी. इसके अलावा RBI ने (MSF) Marginal Standing Facility को भी 6.75 से घटाकर 6.50 फीसदी कर दिया है. साफ है कि आरबीआई को अब लग रहा है कि महंगाई अब उसके नियंत्रण में आ रही है और अब वह समय आ गया है जब आम आदमी से लेकर इकोनॉमी को बूस्ट दिया जाए. इसी को देखते हुए आरबआई ने रेपो रेट में कटौती की है.

RBI गवर्नर, महंगाई और ग्रोथ पर क्या बोले

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साइबर फ्रॉड रोकने के लिए अलग से इंटरनेट

आरबीआई ने साइबर फ्रॉड को रोकने के लिए एक अहम ऐलान कर दिया है. इसके तहत आरबीआई गवर्नर ने कहा है कि बैंकों के लिए अलग से इंटरनेट शुरु किया जाएगा. जिससे Cyber Frauds को रोकने में सहायता मिलेगी. इसके तहत साइबर धोखाधड़ी रोकने के लिए बैंकों का स्पेशल प्लेटफॉर्म ‘FIN.IN’ लाया जाएगा, इसके लिए अप्रैल में रजिस्ट्रेशन शुरू होगा.

पिछली बार CRR में कब हुई थी कटौती ?

दिसंबर 2024 में हुई बैठक में मॉनिटरी पॉलिसी कमेटी ने कैश रिजर्व रेश्यो (CRR) में कटौती का ऐलान किया था. उस वक्त RBI ने CRR को 4.50 फीसदी से कम करके 4 फीसदी कर दिया था. तब रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा था कि खाद्य महंगाई दर Q3 के दौरान अधिक रहने की उम्मीद है, लेकिन FY25 की Q4 से इसमें कमी आने की संभावना है. RBI ने वित्त वर्ष 2025 के लिए CPI मुद्रास्फीति को 4.5 फीसदी से बढ़ाकर 4.8 फीसदी पर आंका था, जो महंगाई और ग्रोथ को संतुलित करने में लगातार चुनौतियों को दर्शाता है.

महंगाई कंट्रोल करने की बड़ी जिम्मेदारी

RBI को 2 से 6 फीसदी के बीच महंगाई को नियंत्रित करने की जिम्मेदारी सरकार ने दी है. यह एक बड़ी रेंज है, जिसके बीच महंगाई दर को रखना है. दिसंबर 2024 में रिटेल महंगाई दर 4 महीने के निचले स्तर पर आ चली गई थी. सरकारी आंकड़ों के अनुसार, महंगाई घटकर 5.22 फीसदी पर आ गई थी, जो रिजर्व बैंक के तय दायरे के अंदर है.

हर वित्तीय कितनी बैठकें करता है RBI?

RBI की मौद्रिक नीति समिति (MPC) हर वित्तीय वर्ष में 6 बैठकें आयोजित करता है. फरवरी की बैठक इस वित्तीय वर्ष की आखिरी बैठक है. इसके पहले मौजूदा वित्तीय वर्ष में RBI ने इन तारीखों को बैठक की थी.