भारत के हाथ लग सकता है 184,440 करोड़ लीटर कच्चे तेल का भंडार, अंडमान की खोज बदल देगी तकदीर!

तेल के बड़े भंडार की खेज के बल पर गुयाना दुनिया के टॉप 20 तेल भंडार वाले देशों में आ पहुंचा है, लेकिन जल्‍द ही अब भारत इसे टक्‍कर दे सकता है. दरअसल भारत अंडमान सागर में एक विशाल तेल भंडार की खोज कर सकता है, अगर इसमें कामयाबी मिलती है तो ये देश के लिए गेमचेंजर साबित हो सकती है.

Crude oil search India Image Credit: Anton Petrus/Moment/ Getty Images

Crude Oil discovery: भारत के हाथ जल्‍द ही एक जैकपॉट लग सकता है. दरअसल अंडमान सागर में 184,440 करोड़ लीटर कच्चे तेल का विशाल भंडार मिल सकता है. यह खोज इतनी बड़ी हो सकती है कि यह गुयाना को भी टक्कर दे सकता है. बड़े पैमाने पर भारत की ओर से की जाने वाली इस तेल की खोज की बात खुद केंद्रीय पेट्रॉलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने द न्यू इंडियन को दिए एक खास इंटरव्यू में कही. तेल भंडार के मिलने पर भारत की अर्थव्यवस्था को नए पंख लग सकते हैं. साथ ही ये ऊर्जा क्षेत्र के लिए एक सुनहरा मौका साबित हो सकता है.

गुयाना जैसे खोज का सपना

केंद्रीय मंत्री पुरी ने बताया कि अंडमान सागर में गुयाना जैसे बड़े तेल भंडार का खजाना छिपा हो सकता है. गुयाना में एक्सॉनमोबिल, हेस कॉरपोरेशन और सीएनओओसी ने 11.6 अरब बैरल तेल की खोज की थी, जिसने उस छोटे से देश को दुनिया के टॉप 20 तेल भंडार वाले देशों में ला खड़ा किया. भारत भी अब इसी राह पर है. अगर ड्रिलिंग कामयाब रही, तो भारत की अर्थव्यवस्था को 3.7 लाख करोड़ डॉलर से 20 लाख करोड़ तक ले जाने में यह खोज बड़ी भूमिका निभा सकती है.

तेल की खोज नहीं है आसान

केंद्रीय मंत्री का कहना है कि तेल की खोज कोई आसान काम नहीं है. इसमें करोड़ों रुपये की लागत आती है. गुयाना में 43-44 कुएँ खोदे गए, जिनमें से प्रत्येक की लागत 10 करोड़ डॉलर थी. उसे करीब 41वें कुएं में जाकर तेल मिला. ऐसे में भारत की सरकारी कंपनी ONGC भी पूरी ताकत से जुटी है. इस साल ONGC ने 541 कुएं खोदे, जो 37 साल में सबसे ज्यादा हैं. इनमें 103 खोजी और 438 डेवलपमेंट कुएं शामिल हैं. कंपनी ने इस काम में 37,000 करोड़ रुपये खर्च किए हैं.

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भारत है तेल का सबसे बड़ा खरीदार

भारत अपनी तेल जरूरत का 85% आयात करता है और यह दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल आयातक देश है. भारत से आगे सिर्फ अमेरिका और चीन हैं. अभी भारत का तेल उत्पादन असम, गुजरात, राजस्थान, मुंबई हाई और कृष्णा-गोदावरी बेसिन में हो रहा है. देश ने विशाखापत्तनम, मैंगलोर और पादुर में तेल भंडार बनाए हैं, और ओडिशा व राजस्थान में नए भंडार की योजना है. अंडमान सागर में तेल की बड़ी खोज भारत को ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बना सकती है. यह खोज न सिर्फ आयात पर निर्भरता घटाएगी, बल्कि अर्थव्यवस्था को भी रॉकेट की रफ्तार देगी.