20 राज्यों में अक्टूबर में घटी GST वसूली, नए टैक्स नियमों का दिखा असर; सर्विस सेक्टर बना सहारा
अक्टूबर में देश के 36 में से 20 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में GST वसूली में गिरावट दर्ज की गई. यह वित्त वर्ष 2026 की अब तक की सबसे कमजोर मासिक वृद्धि रही. GST 2.0 दर ढांचे के लागू होने और कारोबारी इनवॉइसिंग में बदलाव के कारण यह असर देखा गया. बड़े राज्यों जैसे महाराष्ट्र, गुजरात और तमिलनाडु में सुस्ती रही, जबकि कर्नाटक, तेलंगाना और कुछ छोटे राज्यों ने मजबूत वृद्धि दिखाई.
GST collection: अक्टूबर महीने में देश के 36 में से 20 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में GST वसूली में गिरावट दर्ज की गई है. यह वित्त वर्ष 2026 की अब तक की सबसे कमजोर मासिक ग्रोथ बताई जा रही है. राज्य स्तरीय GST में सिर्फ दो फीसदी की बढ़ोतरी हुई जबकि कुल GST की ग्रोथ 4.6 फीसदी पर सीमित रही. यह गिरावट हाल ही में लागू हुए GST 2.0 रेट स्ट्रक्चर और कारोबारी इनवॉइसिंग में हुए बदलाव का परिणाम है.
राजस्व में सुस्ती और उद्योगों की धीमी चाल
अक्टूबर के आंकड़ों से पता चलता है कि उपभोग और औद्योगिक गतिविधियों दोनों में सुस्ती आई है. मई में GST राजस्व 13 फीसदी की दर से बढ़ रहा था लेकिन अब यह वृद्धि काफी कम हो गई है. कई बड़े राज्यों में पहले की तुलना में GST वृद्धि एकल अंक में आ गई है. खास तौर पर मैन्युफैक्चरिंग आधारित राज्यों में गिरावट अधिक रही जबकि सर्विस आधारित राज्यों ने बेहतर प्रदर्शन किया.
किन राज्यों में सबसे ज्यादा गिरावट आई
हिमाचल प्रदेश ने अक्टूबर में 17 फीसदी की बड़ी गिरावट दर्ज की जबकि झारखंड में 15 फीसदी और उत्तराखंड में 13 फीसदी की कमी रही. आंध्र प्रदेश और मध्य प्रदेश में भी नकारात्मक वृद्धि देखी गई. वहीं महाराष्ट्र, तमिलनाडु और गुजरात जैसे बड़े राज्य मामूली 3 से 6 फीसदी की वृद्धि पर टिके रहे. दूसरी ओर कर्नाटक और तेलंगाना ने 10 फीसदी की वृद्धि के साथ सुधार दिखाया जबकि हरियाणा में वृद्धि शून्य रही.
| क्रम संख्या | राज्य / केंद्र शासित प्रदेश | वसूली में गिरावट (प्रतिशत) | मुख्य कारण |
|---|---|---|---|
| 1 | हिमाचल प्रदेश | -17% | औद्योगिक गतिविधियों में सुस्ती |
| 2 | झारखंड | -15% | खनन और विनिर्माण क्षेत्र में कमी |
| 3 | उत्तराखंड | -13% | उत्पादन और उपभोग दोनों में गिरावट |
| 4 | आंध्र प्रदेश | -9% | निर्माण और खुदरा क्षेत्र में मंदी |
| 5 | मध्य प्रदेश | -5% | उपभोक्ता खर्च में कमी |
| 6 | राजस्थान | -3% | व्यापारिक लेनदेन घटे |
| 7 | दिल्ली | -1% | सेवाक्षेत्र में हल्की गिरावट |
| 8 | हरियाणा | 0% (स्थिर) | आईटी सेवाओं से स्थिरता, पर माल क्षेत्र कमजोर |
GST 2.0 के समय ने डाला प्रभाव
22 सितंबर को लागू हुए GST 2.0 ढांचे ने अक्टूबर की वसूली पर बड़ा असर डाला. जानकारों का कहना है कि कारोबारी व्यवहार में अचानक बदलाव से इनवॉइसिंग और बिलिंग प्रभावित हुई. कई व्यापारियों ने नई दरों का फायदा उपभोक्ताओं को देने के लिए सितंबर में बिलिंग रोक दी थी जिसका असर अगले महीने दिखा. हालांकि यह गिरावट अस्थायी मानी जा रही है और त्योहारी सीजन से सुधार की उम्मीद है.
सर्विस सेक्टर ने दी राहत
आईटी सेवा केंद्र जैसे महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु, तेलंगाना और हरियाणा ने स्थिर प्रदर्शन किया. इन राज्यों का देश के कुल आईटी उत्पादन में 80 फीसदी से अधिक योगदान है. सर्विस सेक्टर की मजबूती ने माल आधारित उद्योगों में आई गिरावट की भरपाई की. इस वजह से कुल GST वसूली पर गिरावट का असर सीमित रहा.
छोटे राज्यों में दिखा मजबूत प्रदर्शन
जहां कई बड़े राज्य GST वसूली में पिछड़ गए वहीं छोटे राज्यों ने आश्चर्यजनक प्रदर्शन किया. अरुणाचल प्रदेश में 44 फीसदी और नागालैंड में 46 फीसदी की मजबूत वृद्धि दर्ज की गई. लद्दाख अंडमान निकोबार और दादरा नगर हवेली जैसे केंद्रों ने भी अच्छी वसूली दिखाई. यह दिखाता है कि राष्ट्रीय स्तर पर भले ही गिरावट दिखी हो लेकिन स्थानीय स्तर पर गतिविधि और राजस्व में विविधता बनी हुई है.
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