NIA प्रमुख बनकर ठगों ने महिला से ठगे 51 लाख रुपये, पहलगाम हमले का हवाला देकर बनाया शिकार
पुणे की 57 वर्षीय महिला के साथ 51 लाख रुपये की ठगी का मामला सामने आया है. साइबर अपराधियों ने खुद को NIA चीफ सदानंद दाते बताकर महिला को "डिजिटल अरेस्ट" का डर दिखाया. उन्होंने कहा कि महिला ने पहलगाम आतंकी हमले से जुड़ी हथियारों की फोटो शेयर की हैं. झांसे में आकर महिला ने पांच ट्रांजैक्शन में 51.2 लाख रुपये "सरकारी खाते" में ट्रांसफर कर दिए. बाद में परिवार को जानकारी मिलने पर ठगी का पता चला.
Cyber Fraud: पुणे में रहने वाली 57 साल की रिटायर महिला को साइबर ठगों ने डिजिटल गिरफ्तारी के नाम पर 51 लाख रुपये से ठग लिया. ठगों ने खुद को राष्ट्रीय जांच एजेंसी NIA प्रमुख सदानंद दाते बताकर महिला को फर्जी डॉक्यूमेंट दिखाए और पहलगाम आतंकी हमले में हथियारों की फोटो शेयर करने का झूठा आरोप लगाया. महिला को पांच अलग अलग खातों में रकम ट्रांसफर करने के लिए मजबूर किया गया.
पहले एटीएस अधिकारी बनकर किया संपर्क
इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक, घटना की शुरुआत सितंबर के आखिरी सप्ताह में हुई जब महिला को वीडियो कॉल के जरिए एक व्यक्ति ने संपर्क किया. उसने खुद को एटीएस प्रमुख बताया और कहा कि महिला का नंबर पहलगाम आतंकी हमले में हथियारों की फोटो साझा करने में इस्तेमाल हुआ है. महिला ने आरोप से इनकार किया तो ठग ने फर्जी दस्तावेज जैसे गिरफ्तारी वारंट और कोर्ट ऑर्डर दिखाए.
फर्जी NIA प्रमुख ने मांगी बैंक जानकारी
इसके बाद ठग ने खुद को NIA प्रमुख सदानंद दाते बताते हुए महिला से संपर्क किया. उसने महिला से उसकी बचत, एफडी, कैश, सोना और बैंक अकाउंट की जानकारी मांगी. ठग ने कहा कि जांच प्रक्रिया के तहत उसे अपनी रकम सरकारी खाते में ट्रांसफर करनी होगी जिसे प्रक्रिया पूरी होने के बाद वापस कर दिया जाएगा.
चार दिन में ट्रांसफर किए 51 लाख रुपये
अगले चार दिनों तक महिला को कथित सरकारी खातों के डिटेल भेजे गए और उस पर दबाव बनाया गया कि वह तुरंत पैसे भेजे. डर और भ्रम में महिला ने कुल 51.2 लाख रुपये ट्रांसफर कर दिए. जब उसने परिवार को बताया तब जाकर उसे ठगी का अहसास हुआ और उसने साइबर पुलिस में शिकायत दर्ज कराई.
पुलिस ने दर्ज किया मामला और शुरू की जांच
शिकायत के बाद साइबर अपराध पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज की गई है. जांच में पता चला कि ठगों ने म्यूल अकाउंट का इस्तेमाल किया जिनसे रकम आगे विदेशी नेटवर्क में क्रिप्टो करेंसी के जरिये भेज दी गई. पुलिस अब इन खातों की ट्रांजेक्शन ट्रेल खंगाल रही है.
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सरकारी एजेंसियों के नाम पर ठगी में बढ़ोतरी
ठग अब सरकारी एजेंसियों के नाम का दुरुपयोग कर लोगों में डर पैदा करते हैं. अगर आप भी ऐसी स्थिति का सामना करते हैं तो तत्काल पुलिस या साइबर हेल्पलाइन 1930 पर संपर्क करें.
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