अगले 7 महीने में सेंसेक्स जाएगा 1 लाख, इस दिग्गज ब्रोकरेज ने बोला- इन 3 फैक्टर्स से बाजार को लग जाएंगे पंख!
अब हालात बदल रहे हैं. रिपोर्ट के अनुसार, RBI और सरकार की रिफ्लेशन नीतियां जैसे कि रेट कट, CRR में कमी, लिक्विडिटी सपोर्ट, बैंक डीरिगुलेशन और कैपेक्स का फ्रंट-लोडिंग अर्थव्यवस्था को तेजी से ट्रैक पर ला सकती हैं. इसके साथ ही जीएसटी दरों में करीब 1.5 लाख करोड़ रुपये के टैक्स कट्स, खासकर मास कंजम्प्शन सेगमेंट में, ग्रोथ को सपोर्ट करेंगे.
ग्लोबल ब्रोकरेज हाउस Morgan Stanley ने अपनी ताजा रिपोर्ट में भारतीय शेयर बाजार को लेकर पॉजिटिव संकेत दिए हैं. रिपोर्ट का कहना है कि जिन कारणों से हाल के महीनों में भारत का बाजार कमजोर प्रदर्शन कर रहा था, वे अब पलट रहे हैं. साथ ही, आने वाले महीनों में आर्थिक ग्रोथ में सरप्राइज देखने को मिल सकता है. इसके साथ ही जीएसटी दरों में करीब 1.5 लाख करोड़ रुपये के टैक्स कट्स, खासकर मास कंजम्प्शन सेगमेंट में, ग्रोथ को सपोर्ट करेंगे.
करेक्शन के बाद अब रिकवरी के संकेत
Morgan Stanley की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत के बाजार की अंडरपरफॉर्मेंस के पीछे 2024 की दूसरी छमाही में आई ग्रोथ स्लोडाउन, महंगे वैल्यूएशन, और AI से जुड़ी थीम की कमी जैसे कारण थे. इसके अलावा, भारत-अमेरिका ट्रेड डील में देरी और ग्लोबल इक्विटी बुल मार्केट में भारत का लो बीटा (कम वोलैटिलिटी) भी असर डाल रहा था. लेकिन अब हालात बदल रहे हैं. रिपोर्ट के अनुसार, RBI और सरकार की रिफ्लेशन नीतियां जैसे कि रेट कट, CRR में कमी, लिक्विडिटी सपोर्ट, बैंक डीरिगुलेशन और कैपेक्स का फ्रंट-लोडिंग अर्थव्यवस्था को तेजी से ट्रैक पर ला सकती हैं. चीन के साथ रिश्तों में नरमी और भारत-अमेरिका ट्रेड डील की उम्मीद भी सेंटिमेंट को मजबूती देगी.
Base Case (50 फीसदी संभावना): Sensex 89,000 तक
रिपोर्ट के मुताबिक, सेंसेक्स का टारगेट 89,000 का है, जो जून 2026 तक लगभग 6 फीसदी की बढ़त है. यह लेवल ट्रेलिंग P/E मल्टीपल 23.5x को दर्शाता है, जो 25 साल के औसत (22x) से थोड़ा अधिक है.
फिजकल कंसोलिडेशन और प्राइवेट इंवेस्टमेंट में बढ़ोतरी से मैक्रो स्थिरता बनी रहेगी. घरेलू ग्रोथ मजबूत रहेगी, जबकि अमेरिका में धीमी लेकिन पॉजिटिव ग्रोथ रहेगी. तेल की कीमतें स्थिर और भारत-अमेरिका टैरिफ विवाद का समाधान हो जाएगा. RBI से 50 बेसिस पॉइंट की अतिरिक्त रेट कट और लिक्विडिटी सपोर्ट की उम्मीद है. Sensex की अर्निंग्स FY28 तक 16.8 फीसदी CAGR से बढ़ने का अनुमान.
Bull Case (30 फीसदी संभावना): Sensex 1 लाख अंक तक
अगर हालात ज्यादा अनुकूल रहे. तेल के दाम 65 डॉलर प्रति बैरल से नीचे बने रहें, ग्लोबल ट्रेड वॉर में कमी आए, और भारत की रिफ्लेशन नीतियां असर दिखाएं तो Sensex 100,000 अंक तक पहुंच सकता है. इस स्थिति में FY25–28 के दौरान अर्निंग्स ग्रोथ 19 फीसदी CAGR तक रह सकती है.
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Bear Case (20 फीसदी संभावना): Sensex 70,000 तक गिरावट
अगर परिस्थितियां उलट गईं, तो गिरावट का खतरा भी है, तेल की कीमतें 100 डॉलर प्रति बैरल से ऊपर चली जाएं RBI को महंगाई नियंत्रित करने के लिए रेट बढ़ाने पड़ें अमेरिकी अर्थव्यवस्था मंदी में जाए और भारत-अमेरिका ट्रेड रिश्ते बिगड़ें तो Sensex 70,000 अंक तक फिसल सकता है. इस स्थिति में FY25–28 के दौरान अर्निंग्स ग्रोथ 15 फीसदी CAGR तक सिमट सकती है.
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