RBI MPC Meeting: आम आदमी को राहत, रिजर्व बैंक ने 0.5 फीसदी घटाया रेपो रेट, जानें कितनी घटेगी EMI

रिजर्व बैंक ने आम आदमी को बड़ी राहत देते हुए रेपो रेट में 50 आधार अंक यानी 0.5 फीसदी की बड़ी कटौती का ऐलान किया है. इस कटौती का असर सीधे तौर पर आम लोगों की जेब पर देखने को मिलेगा. खासतौर पर फ्लोटिंग लोन रेट की EMI में कमी आएगी. जानते हैं रिजर्व बैंक के आज के फैसले से आपकी जेब पर कितना असर होगा?

रिजर्व बैंक के गवर्नर संजय मल्होत्रा Image Credit: PTI

RBI MPC Repo Rate Cut: रिजर्व बैंक मौद्रिक नीति समिति ने रेपो रेट में 0.50 फीसदी कटौती का ऐलान किया है. रिजर्व बैंक के गवर्नर संजय मल्होत्रा की अध्यक्षता में 4 जून से चल रही इस बैठक में देश की इकोनॉमी को बूस्ट करने के लिए कई और भी फैसले लिए गए हैं. मसलन, रिजर्व बैंक ने रेपो रेट के साथ ही SDF रेट 5.75 फीसदी से घटाकर 5.25 फीसदी कर दी है. वहीं, MSF रेट को 6.25 फीसदी से घटाकर 5.75 फीसदी कर दिया है. इसके साथ ही आरबीआई गवर्नर ने यह भी कहा है कि धीरे-धीरे CRR में 100 आधार अंक यानी एक फीसदी तक कटौती की जाएगी. गवर्नर मल्होत्रा ने बताया कि MPC यानी मौद्रिक नीति समिति ने इकोनॉमी के मौजूदा हालात को देखते हुए अपनी नीति के रुख को ‘Accommodative’ से बदलकर ‘Neutral’ कर दिया है. इसका मतलब है कि आगे की मौद्रिक नीति अब इकोनॉमी के हालात पर निर्भर करेगी. अगर परिस्थितियां जैसी अभी हैं, वैसी ही बनी रहती हैं, तो आगे रेट कट की गुंजाइश नहीं होगी. वहीं, अगर इकोनॉमी को सपोर्ट करने के लिए नीतिगत बदलाव की जरूरत महसूस हुई, तो उसके मुताबिक फैसला किया जाएगा.

इस साल अब तक 1 फीसदी घटी रेपो रेट

इससे पहले जनवरी और अप्रैल में हुई बैठकों में भी MPC ने रेपो रेट में 25-25 आधार अंक की कटौती की गई, जिसके बाद रेपो रेट 6 फीसदी पर आ गई. वहीं, आज की बैठक में हुई 50 आधार अंक की कटौती के साथ अब रेपो रेट 5.50 पर आ गई है. इस साल जनवरी से अब तक रिजर्व बैंक ने रेपो रेट में कुल 1 फीसदी की कटौती कर दी है.

रिजर्व बैंक ने बदला अपना रुख

जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज चीफ इन्वेस्टमेंट स्ट्रैटेजिस्ट डॉ. वीके विजयकुमार ने आरबीआई के फैसले पर कहा कि रिजर्व बैंक ने अपने रुख को अकोमोडिटव से न्यूट्रल कर दिया है. यह संकेत है कि ब्याज दर में अब कटौतियां तब तक नहीं होंगी, जब तक स्थिति इसकी मांग नहीं करती. यह बड़ी दर कटौती बैंकों के मार्जिन को प्रभावित करेगी और इसलिए, निकट भविष्य में बैंक स्टॉक्स पर दबाव रहेगा. हालांकि, इस दर कटौती से उत्पन्न होने वाली क्रेडिट ग्रोथ, मार्जिन में गिरावट की भरपाई करेगी. इस कटौती का मकसद आर्थिक गतिविधियों को प्रोत्साहित करना है, विशेष रूप से ऐसे समय में जब रिटेल महंगाई अप्रैल में 3.16 फीसदी पर आ गई है. जो कि छह साल का निचले स्तर पर है.

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फैसला ग्रोथ को बढ़ाने वाला

वॉयस ऑफ बैंकिंग के फाउंडर अश्विनी राणा ने RBI के फैसले को ग्रोथ को सपोर्ट करने वाला बताते हुए कहा कि RBI का मानना है कि महंगाई दर 4 फीसदी से नीचे बनी हुई है और GDP ग्रोथ भी संतोषजनक बनी हुई है. ऐसे में रेपो रेट कम करने के फैसले से बाजार में खपत बढ़ेगी, जिससे अर्थव्यवस्था को और गति मिलेगी. इसके साथ ही RBI का कहना है कि टैरिफ वार और युद्ध से उत्पन्न हुई स्थिति पर भी उसकी नजर बनी हुई है.

कितनी घटेगी EMI?

रिजर्व बैंक की तरफ से रेपो रेट घटाए जाने का फायदा आम आदमी को बैंकों के जरिये मिलता है. आखिर में यह बैंक का फैसला होगा कि आपकी ब्याज दर में कितनी कटौती होगी. अगर आपने SBI से 8 फीसदी की दर से 20 साल की अवधि के लिए 50 लाख रुपये का होम लोन ले रखा है, तो आपकी मौजूदा EMI करीब 41,822 रुपये होगी. यहां नीचे दी गई टेबल में बताया गया है 0.25 फीसदी और 0.50 फीसदी की कमी पर आपकी EMI में कितनी कमी आएगी.

कितनी घटेगी EMI

डिटेलराशि
होम लोन अमाउंट₹50,00,000
लोन अवधि20 साल
नई ब्याज दर7.75%
नई EMI₹41,047
अगर बैंक आपके लोन की ब्याज दर 0.25 फीसदी घटाता है.
डिटेलराशि
होम लोन अमाउंट₹50,00,000
लोन अवधि20 साल
नई ब्याज दर7.50%
नई EMI₹40,280
अगर बैंक आपके लोन की ब्याज दर 0.50 फीसदी घटाता है.

कार लोन पर कितनी घटेगी EMI

होम लोन की तरह ही रेपो रेट में कटौती का असर कार लोन पर भी देखने को मिल सकता है. मसलन फिलहाल अगर आपने SBI से 7 साल के लिए 10 लाख रुपये का लोन 9.50 फीसदी की दर से ले रखा है, तो इसकी मौजूदा EMI 16,344 रुपये के करीब है. इसमें 0.25 फीसदी की कटौती के बाद यह दर 9.25 फीसदी होती है, या 0.50 फीसदी की कटौती के बाद 9 फीसदी होती है, तो आपकी EMI कितनी घटेगी नीचे दी गई टेबल में देख सकते हैं

डिटेलराशि
ऑटो लोन अमाउंट10,00,000
लोन अवधि7 साल
नई ब्याज दर9.25%
नई EMI16,216
अगर बैंक आपके लोन की ब्याज दर 0.25 फीसदी घटाता है.
डिटेलराशि
ऑटो लोन अमाउंट10,00,000
लोन अवधि7 साल
नई ब्याज दर9.00%
नई EMI16,089
अगर बैंक आपके लोन की ब्याज दर 0.50 फीसदी घटाता है.

किन लोगों को मिलेगा फायदा?

बैंकों की तरफ से दो बेंचमार्क के आधार पर लोन दिया जाता है. EBLR यानी एक्सटर्नल बेंचमार्क बेस्ड लेंडिंग रेट और MCLR यानी मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड्स बेस्ड लेंडिंग रेट. EBLR सीधे तौर पर रेपो रेट से लिंक है. इसका मतलब है कि जैसे ही रिजर्व बैंक की तरफ से रेपो रेट में कटौती की जाती है, इस तरह के लोन की EMI में भी कटौती होती है. वहीं, MCLR बेस्ड लोन की EMI घटने में थोड़ा समय लगता है. इन दोनों को ही फ्लोटिंग रेट बोला जाता है.

क्या होती है रेपो रेट?

Repo Rate वह ब्याज दर होती है जिस पर रिजर्व बैंक की तरफ से सभी बैंको को पैसा उधार दिया जाता है. जब RBI की तरफ से इस दर में कमी की जाती है, तो बैंकों की तरफ से भी ग्राहकों को दिए जाने वाले लोन की ब्याज दरें घटती हैं. इस तरह रेपो रेट का सीध असर आपकी EMI पर पड़ता है.

इकोनॉमिक ग्रोथ और महंगाई पर क्या बोले गवर्नर?

रिजर्व बैंक गवर्नर संजय मल्होत्रा ने MPC यानी मौद्रिक नीति समिति के फैसलों की जानकारी देते हुए इकोनॉमी की ग्रोथ, ट्रेड और महंगाई पर भी रिजर्व बैंक और MPC का रुख स्पष्ट किया.

महंगाई पर क्या बोले : मल्होत्रा ने बताया कि FY26 के लिए महंगाई दर के अनुमान को घटाया गया है. CPI यानी कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स आधारित महंगाई दर के अनुमान को पूरे FY26 के लिए 4 फीसदी से घटाकर 3.7 फीसदी कर दिया गया है. क्योंकि, RBI का मानना है कि बेहतर मानसून और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कमोडिटी प्राइसेज में नरमी के चलते महंगाई काबू में बने रहने का अनुमान है.

इकोनॉमी पर क्या बोले: संजय मल्होत्रा ने देश की इकोनॉमी को लेकर कहा कि सामान्य से बेहतर मानसून और इसका जल्दी आना भारतीय इकोनॉमी के लिए अच्छा संकेत हैं. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर मौसम संबंधी अनिश्चितताओं के साथ ही वैश्विक व्यापार की नीतियों को लेकर सतर्क रहने की जरूरत है. हालांकि, मोटे तौर पर मानसून की अनुकूल परिस्थितियों की वजह से आने वाले दिनों में ग्रामीण मांग बढ़ सकती है, जिससे इकोनॉमिक ग्रोथ को सपोर्ट मिलेगा.