Rare Earth एक्सपोर्ट बैन से चीन की मोनोपॉली को Tata की टक्कर, सरकार से मिलकर कर रहा रास्तों की तलाश

चीन द्वारा रेयर अर्थ एलिमेंट्स और मैग्नेट्स के एक्सपोर्ट पर पाबंदी के बाद Tata Motors ने सरकार के साथ मिलकर वैकल्पिक सप्लाई चैन तैयार करने की पहल शुरू की है. चेयरमैन एन. चंद्रशेखरन ने भरोसा जताया कि कंपनी फिलहाल मैग्नेट्स की आपूर्ति को लेकर सुरक्षित है और आने वाले समय के लिए तैयारी पूरी है. विस्तार में जाने.

रेयर अर्थ, चीन और टाटा Image Credit: @Money9live

China’s Rare Earth and Tata Response: चीन की ओर से रेयर अर्थ एलिमेंट्स (REE) और मैग्नेट्स के एक्सपोर्ट पर पाबंदी लगाने के बाद Tata Motors ने वैकल्पिक रास्तों से उनकी आपूर्ति की तैयारी शुरू कर दी है. कंपनी के चेयरमैन एन. चंद्रशेखरन ने शुक्रवार को शेयरधारकों की बैठक में बताया कि कंपनी इस मुद्दे पर सरकार के साथ मिलकर काम कर रही है और स्थिति पर करीब से नजर रखे हुए है.

फिलहाल सप्लाई में कोई दिक्कत नहीं

एन. चंद्रशेखरन ने शेयरहोल्डर्स के साथ हुई बैठक में कहा, “फिलहाल हमारे पास किसी तरह की दिक्कत नहीं है. हम जरूरत के अनुसार मैग्नेट्स की सप्लाई कर पा रहे हैं और जरूरी इन्वेंटरी भी बनाए हुए हैं. हालांकि हम इसे बहुत सावधानी से देख रहे हैं और दूसरे ऑप्शन पर काम कर रहे हैं.” रेयर अर्थ मैग्नेट्स का इस्तेमाल ऑटोमोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक्स इंडस्ट्री में कई अहम हिस्सों में होता है, खासकर इलेक्ट्रिक गाड़ियों और मोटरों में. चीन की ओर से इस पर रोक लगाने से भारत में वाहन और होम अप्लायंसेज इंडस्ट्री को झटका लग सकता है.

सरकार से भी मिल रहा सहयोग

Tata Motors इस समस्या से निपटने के लिए भारत सरकार के साथ मिलकर काम कर रही है. ऑटो इंडस्ट्री पहले ही चीन से जरूरी रेयर अर्थ मैग्नेट्स के आयात के लिए तेजी से मंजूरी दिलवाने की मांग कर चुकी है. एक सवाल के जवाब में एन. चंद्रशेखरन ने कहा कि ईरान और इजरायल के बीच चल रहे युद्ध का फिलहाल कंपनी के कारोबार पर कोई बड़ा असर नहीं पड़ा है. उन्होंने कहा, “ऐसे हालात में क्या होगा, ये बताना मुश्किल है. लेकिन Tata Motors का कमर्शियल वाहन, पैसेंजर वाहन और जेएलआर बिजनेस एक मजबूत स्थिति में है और ये सभी शॉर्ट टर्म में इन परिस्थितियों का सामना कर सकते हैं.”

बदलती दुनिया में ऑटो सेक्टर पर असर

चंद्रशेखरन ने अपने शुरुआती भाषण में कहा कि आने वाले समय में आर्थिक माहौल में अस्थिरता बनी रहेगी. दुनिया भर में जारी राजनीतिक तनाव, सैन्य संघर्ष, सप्लाई चेन में बदलाव, टैरिफ पॉलिसी, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और एनर्जी ट्रांजिशन जैसे कारक ऑटो सेक्टर को बुरी तरह प्रभावित कर रहे हैं. उन्होंने कहा, “पिछले कुछ सालों में हमने अपनी रणनीति, फाइनेंशियल पोजीशन और बिजनेस स्ट्रक्चर को इतना मजबूत बना लिया है कि हम न केवल इन चुनौतियों का सामना कर सकते हैं, बल्कि इन हालात में भी आगे बढ़ सकते हैं.”

अंतरराष्ट्रीय बाजार और डिमर्जर की तैयारी

Tata Motors अपने पैसेंजर वाहन कारोबार को अंतरराष्ट्रीय बाजारों में ले जाने की योजना पर भी काम कर रही है. चंद्रशेखरन ने बताया कि कंपनी सही जियोपॉलिटिकल माहौल का इंतजार कर रही है, लेकिन तैयारियां जारी हैं. वहीं, कंपनी के कमर्शियल और पैसेंजर वाहन डिवीजनों को अलग-अलग कंपनियों में बांटने की प्रक्रिया (डिमर्जर) भी अंतिम चरण में है. इसको लेकर उन्होंने कहा, “हम उम्मीद कर रहे हैं कि यह प्रक्रिया अक्टूबर से दिसंबर की तिमाही में पूरी हो जाएगी”. पहले पैसेंजर व्हीकल यूनिट लिस्ट होगी, फिर कमर्शियल व्हीकल यूनिट.

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