मेट्रो में सफर के दौरान हुआ हादसा, तो कितना मिलेगा मुआवजा; जानिए नए नियमों के तहत मुआवजे की राशि

अगर आप किसी भी मेट्रो नेटवर्क का इस्तेमाल करते हैं, तो Metro Railways (Procedure of Claims) Rules, 2025 के तहत अपने अधिकारों को जानना बेहद जरूरी है. इन नियमों से यह सुनिश्चित होता है कि दुर्घटना की स्थिति में आपको समय पर और उचित मुआवजा मिल सके.

मेट्रो हादसे में कितना मुआवजा मिलता है Image Credit: Tv9

Metro Accident Compensation Rules 2025: अगर आप मेट्रो से सफर करते हैं और किसी दुर्घटना का शिकार हो जाते हैं, तो क्या आप जानते हैं कि कानूनन आपको कितनी क्षतिपूर्ति (compensation) मिल सकती है? देश के मेट्रो नेटवर्क के बढ़ते विस्तार के साथ यह जानकारी हर आम नागरिक के लिए जरूरी हो गई है. खासकर तब, जब सरकार ने Metro Railways (Procedure of Claims) Rules, 2025 के तहत मुआवजे की रकम को संशोधित किया हो. यानी कि इस बदलाव के जरिए अब मुआवजे की राशि को पहले के मुकाबले बढ़ा दिया गया है. यह नियम उन लोगों के लिए राहत लेकर आया है जो मेट्रो रेल से सफर के दौरान हुए गंभीर हादसों में घायल होते हैं या जिनके परिजनों की मृत्यु हो जाती है. चलिए जानते हैं.

क्या हैं Metro Railways (Procedure of Claims) Rules, 2025?

ये नियम परिभाषित करते हैं कि किसी व्यक्ति को गंभीर दुर्घटना होने या इससे भी बदतर स्थिति में दावा कैसे दायर करना चाहिए. यह दावा आयुक्त की शक्तियों, दावों को दायर करने के लिए आवश्यक दस्तावेजों और इन दावों को निपटाने की समयसीमा भी निर्धारित करता है. साथ ही यह भी बताता है कि मुआवजे का दावा किस प्रकार से किया जा सकता है. इसके तहत,

क्या ये नियम पूरे देश में लागू होते हैं?

जवाब है हां. ये नियम उन सभी शहरों पर लागू होते हैं जहां मेट्रो सेवाएं चालू हैं. वर्तमान में भारत के 17 शहरों में मेट्रो नेटवर्क एक्टिव है. इसमें दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, बेंगलुरु, नोएडा, अहमदाबाद, पुणे, नागपुर, कोच्चि जैसे शहर शामिल हैं.

मृत्यु की स्थिति में कितना मुआवजा मिलता है?

अगर दुर्घटना में किसी यात्री की मृत्यु हो जाती है तो उसके परिजनों को अधिकतम 8 लाख रुपये का मुआवजा मिलेगा. पहले 2017 के नियम के मुताबिक यह राशि 5 लाख रुपये थी, जो अब संशोधित होकर बढ़ा दी गई है.

अगर किसी का हाथ या पैर कट जाए तो क्या मुआवजा मिलेगा?

अगर दुर्घटना में व्यक्ति के दोनों हाथ कट जाएं, या एक हाथ और एक पैर, या दोनों पैर कट जाएं, तो ऐसी स्थिति में 8 लाख रुपये तक का मुआवजा मिलेगा. पहले यह राशि सिर्फ 4 लाख रुपये थी.

अगर किसी को फ्रैक्चर हो जाए तो?

कानून में हुए बदलाव के तहत,

बता दें कि पहले ये सभी राशि आधी थी, जिन्हें अब दोगुना कर दिया गया है.

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अगर चोट लिस्ट में नहीं है, तो क्या मिलेगा मुआवजा?

अगर चोट किसी निर्धारित लिस्ट में नहीं आती, लेकिन क्लेम कमिश्नर की राय में वह व्यक्ति किसी भी प्रकार का काम करने में पूरी तरह अक्षम हो जाता है, तो ऐसे मामलों में 4 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा.

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