DGCA की जांच में एयरक्राफ्ट सेफ्टी पर उठे सवाल, कहीं लाइफ सेविंग जैकेट नदारद, तो कहीं घिसे टायरों से उड़ान

सिविल एविएशन के नियामक DGCA ने एयर इंडिया के AI 171 हादसे के बाद देश के तमाम बड़े एयरपोर्टों की जांच की है. इस जांच में नियामक को एयरक्राफ्ट और एयरपोर्ट सेफ्टी से जुड़ी कई खामियों का पता चला है. DGCA ने इस मामले में तमाम एयरपोर्ट संचालकों से 7 दिन में जवाब मांगा है.

एयर इंडिया Image Credit: Getty image

DGCA यानी डायरेक्टरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन ने देश के प्रमुख हवाई अड्डों पर विमानों के रखरखाव की प्रक्रियाओं की जांच की है. इस जांच में देश के सिविल एविएशन नियामक को कई तरह की खामियों का पता चला है. DGCA ने इन खामियों और सुरक्षा संबंधी चिंताओं को दूर करने के लिए एयरपोर्ट ऑपरेटरों को 7 दिनों का अल्टीमेटम दिया है.

DGCA ने सख्ती से कहा है कि जांच में कई बार दोहराई गई खामियां सामने आई हैं. इसके अलावा रखरखाव की कार्यप्रणाली में लापरवाही और सुरक्षा सावधानियों की अनदेखी पाई गई है. डीजीसीए ने बेहद सख्त लहजे में एयरपोर्ट ऑपरेटर्स को कहा है कि 7 दिन भीतर इन सभी चिंताओं का समाधान किया जाए. इसके बाद कोई उल्लंघन मिला, तो भारी वित्तीय जुर्माने के साथ ही लाइसेंस रद्द किया जा सकता है.

क्या खामियां मिलीं?

PTI की रिपोर्ट के मुताबिक DGCA का कहना है कि कई ऐसे मामले हैं, जहां विमान में खामियां फिर से दिखाई दीं और रनवे पर सेंटर लाइन का निशान धुंधला हो गया है. अहमदाबाद में 12 जून को एयर इंडिया के विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद की गई इस जांच में उड़ान संचालन, उड़ान योग्यता, रैंप सुरक्षा, हवाई यातायात नियंत्रण, संचार, नेविगेशन प्रणाली और उड़ान-पूर्व चिकित्सा मूल्यांकन जैसे अहम पक्षों को शामिल किया गया.

7 दिन में मांगा जवाब

DGCA ने इस संबंध में एक बयान जारी किया, जिसमें किसी भी एयरपोर्ट या एयरलाइन का नाम लिए बिना कहा गया है कि कमियों में 7 दिन के भीतर सुधार कर जवाब दिया जाए. इसके साथ ही बयान में कहा गया कि निगरानी के दौरान, एक शेड्यूल्ड एयरलाइन की डोमेस्टिक फ्लाइट घिसे हुए टायरों के कारण रुकी हुई पाई गई. ऐसे कई मामले थे, जिनमें एक ही विमान में मिली खामी फिर से दिखाई दी, जिससे पता चलता है कि उसे दूर करने के लिए प्रभावी कदम नहीं उठाए गए.

सिम्युलेटर भी अपडेटेड नहीं

DGCA की जांच में यह भी सामने आया है कि सिम्युलेटर और विमान की बनावट आपस में मेल नहीं खा रही है. इसके अलावा सिम्युलेटर में सॉफ्टवेयर भी अपडेटेड नहीं है. जॉइंट डायरेक्टर जनरल के नेतृत्व में दो दलों ने दिल्ली और मुंबई हवाई अड्डों सहित देश के प्रमुख हवाई अड्डों पर रात और सुबह के समय निगरानी की, जिसमें ये तमाम खामियां मिली हैं.

ग्राउंड हैन्डलिंग पर भी सवाल

DGCA ने एयरक्राफ्ट मेंटेनेन्स के साथ ही ग्राउंड हैंडलिंग पर भी सवाल खड़े किए. बयान में कहा गया है कि निगरानी के दौरान बैगेज ट्रॉली जैसे उपकरण खराब पाए गए. इसके अलावा विमान के रखरखाव के दौरान अनुपयोगी थ्रस्ट रिवर्सर प्रणाली और फ्लैप स्लैट लीवर को लॉक नहीं किया गया था. इसके अलावा बताया कि रखरखाव के दौरान इंजीनियरों की तरफ से मैनुअल के मुताबिक काम नहीं किया गया. विमान में लाइफ सेविंग जैकेट निर्धारित सीट के नीचे नहीं मिलीं.

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