वंदे भारत स्लीपर ट्रेन पर बड़ा अपडेट, संसद में रेल मंत्री ने दी जानकारी, तकनीक, सुरक्षा और सुविधा पर है फोकस

वंदे भारत ट्रेन के स्लीपर वर्जन को लेकर संसद में ताजा जानकारी सामने आई है. इसकी तकनीक, सुरक्षा और यात्रियों की सुविधा से जुड़े कई अहम पहलुओं पर सरकार ने संकेत दिए हैं, जिससे लंबी दूरी की रेल यात्रा को लेकर उम्मीदें बढ़ी हैं.

वंदे भारत ट्रेनें Image Credit: @PTI

भारतीय रेलवे जल्द ही लंबी दूरी की रात की यात्राओं को नए अनुभव में बदलने की तैयारी कर रहा है. वंदे भारत ट्रेन के स्लीपर वर्जन को लेकर संसद में ताजा जानकारी सामने आई है. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने लोकसभा में बताया कि वंदे भारत स्लीपर ट्रेन का डिजाइन पूरी तरह देश में तैयार किया गया है और इसके दो ट्रेनसेट फिलहाल ट्रायल और कमीशनिंग के चरण में हैं. इस अपडेट के बाद यात्रियों और सांसदों, दोनों की उत्सुकता और बढ़ गई है.

वंदे भारत स्लीपर ट्रेन: अभी कहां तक पहुंची तैयारी

रेल मंत्री ने लिखित जवाब में बताया कि वंदे भारत स्लीपर ट्रेन को खास तौर पर लंबी और मध्यम दूरी की रात की यात्राओं के लिए डिजाइन किया गया है. इसके दो रेक बनाए जा चुके हैं और उन पर ट्रायल चल रहा है. संसद में कई सांसदों ने यह जानना चाहा कि इन ट्रेनों को कब और किन रूट्स पर शुरू किया जाएगा, साथ ही क्या इसके लिए कोई पायलट प्रोजेक्ट या फिजिबिलिटी स्टडी की गई है.

तकनीक और सुरक्षा पर खास जोर

अश्विनी वैष्णव के मुताबिक, वंदे भारत स्लीपर ट्रेन आधुनिक तकनीक और हाई सेफ्टी फीचर्स से लैस होगी. ट्रेन में ‘कवच’ सुरक्षा प्रणाली लगाई गई है. इसकी डिजाइन स्पीड 180 किलोमीटर प्रति घंटा है, जबकि ऑपरेटिंग स्पीड 160 किलोमीटर प्रति घंटा रखी गई है. इसमें क्रैश और झटके रहित सेमी-पर्मानेंट कप्लर्स, एंटी-क्लाइंबर्स और उच्च स्तर की फायर सेफ्टी दी गई है.

हर कोच के आखिर में फायर बैरियर डोर लगाए गए हैं. इलेक्ट्रिकल कैबिनेट और टॉयलेट्स में एरोसोल आधारित फायर डिटेक्शन और सप्रेशन सिस्टम दिया गया है. ट्रेन में रीजेनेरेटिव ब्रेकिंग सिस्टम भी है, जिससे ऊर्जा की बचत होगी. इसके अलावा, एयर कंडीशनिंग यूनिट्स में यूवी-सी लैम्प आधारित डिसइंफेक्शन सिस्टम लगाया गया है.

यात्रियों की सुविधा और दिव्यांगों के लिए इंतजाम

रेल मंत्री ने बताया कि सभी कोच में सीसीटीवी कैमरे होंगे. आपात स्थिति में ट्रेन मैनेजर या लोको पायलट से बात करने के लिए इमरजेंसी टॉक-बैक यूनिट्स दी गई हैं. दोनों सिरों पर ड्राइविंग कोच में दिव्यांग यात्रियों के लिए विशेष शौचालय होंगे. इसके साथ ही, सेंट्रलाइज्ड कोच मॉनिटरिंग सिस्टम से एसी, लाइटिंग और अन्य सुविधाओं की निगरानी की जाएगी.

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कोविड के बाद ट्रेन सेवाओं की स्थिति

कोविड-19 के दौरान 23 मार्च 2020 से सभी नियमित यात्री ट्रेनें बंद कर दी गई थीं. नवंबर 2021 से ट्रेनों का संचालन रेशनलाइज्ड टाइमटेबल के साथ दोबारा शुरू हुआ. फिलहाल दमका में 26 और जम्मू तवी में 110 ट्रेन सेवाएं चल रही हैं. नवंबर 2025 में रोजाना औसतन 11,740 ट्रेनें चलाई जा रही हैं, जो कोविड से पहले के स्तर से ज्यादा है.

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