भारत ने बनाई Triyam 3D AI मशीन गन, सैनिकों के बिना दुश्मन को करेगी, डिटेक्ट, डिसाइड और शूट
भारतीय सेना ने ऐसी AI मशीन गन तैयार कर ली है, जो बिना किसी सैनिक के खुद ही दुश्मन को पहचानकर हमला कर सकती है. मुश्किल फ्रंटलाइन पोस्ट के साथ ही इस AI ड्रिवन वेपन कंट्रोल सिस्टम को नेवल शिप और आर्मर्ड व्हीकल पर भी माउंट किया जा सकता है.
Indian Army AI Machine Gun: भारतीय सेना ने BSS के साथ मिलकर एक एआई मशीन गन का सफल परीक्षण किया है. डिफेंस सेक्टर में AI के इस्तेमाल पर काम कर रही कंपनी BSS और भारतीय सेना ने मिलकर इस वेपन कंट्रोल सिस्टम को नेगेव लाइट मशीन गन के साथ टेस्ट किया है. इसे त्रियम 3D नाम दिया गया है. मशीन गन कैटेगरी में यह एक मिडियम टू लॉन्ग रेंज वेपन सिस्टम है, जो खुद ही दुश्मन को डिटेक्ट कर यह तय कर सकता है कि कब उसे खत्म करना है. यह अचूक निशाना लगाने में सक्षम है.
टेस्टिंग में खरी उतरी
BSS ने भारतीय सेना के साथ 1 से 8 जून 2025 के बीच इस मशीन गन कंट्रोल सिस्टम का 14,000 फीट की ऊंचाई पर ट्रायल किया. इसके लिए 7.62×51 मिमी बैरल वाली AI-कंट्रोल्ड नेगेव लाइट मशीन गन इस्तेमाल किया गया. टेस्टिंग के दौरान नेगेव लाइट मशीन को खुद-ब-खुद कंट्रोल करते हुए त्रियम सिस्टम ने 300 और 600 मीटर तक टारगेट को डिटेक्ट कर सटीक निशाना लगाया. वहीं, नेगेव LMG की रेंज 1,000 मीटर तक है. इस तरह इस सिस्टम को 1000 मीटर तक निशाना लगाने के लिए अपग्रेड किया जा सकता है.
चुनिंदा देशों में शामिल हुआ भारत
BSS के को फाउंडर विकी चौधरी ने एक हमारे सहयोगी चैनल News9 को दिए इंटरव्यू में कहा, “यह भारत में पहला एआई-संचालित हथियार है, जो .50 कैलिबर तक की किसी भी बंदूक को चला सकता है. अब हम उन चुनिंदा देशों के समूह में शामिल हैं, जिन्होंने ऑटोनॉमस लेथल वेपन सिस्टम तैयार किया है.” चौधरी के मुताबिक इस वेपन सिस्टम का इस्तेमाल बंकर सेफ्टी के साथ ही आर्मर्ड व्हीकल और नेवल शिप्स पर भी किया जा सकता है. इसके साथ ही चौधरी ने बताया कि भारत के अलावा इस तरह का वेपन सिस्टम अमेरिका, चीन, रूस, इजराइल, ऑस्ट्रेलिया और जापान के पास ही मौजूद है.
कैसे काम करता है ये सिस्टम
AI मशीन गन में कम दृश्यता के दौरान टारगेट का पता लगाने के लिए थर्मल और ऑप्टिकल सेंसर का उपयोग किया गया है. इसके अलावा निशाना लगाए जाने से पहले यह सिस्टम हवा, तापमान और रेंज जैसे फैक्टर्स को ध्यान में रखकर बैलिस्टिक ट्रेजेक्टरी तय करता है, जिससे सटीक निशाना लगता है. सिस्टम को एन्क्रिप्टेड कमांड लिंक का उपयोग करके रिमोट लोकेशन से भी ऑपरेट किया जा सकता है. इससे सैनिकों के लिए फ्रंटीयर पोस्ट पर एक्सपोजर कम हो जाता है.
स्वॉर्म ड्रोन हमले के खिलाफ भी कारगर
विक्की चौधरी ने बताया कि इस वेपन सिस्टम का इस्तेमाल कम ऊंचाई पर उड़ने वाले ड्रोन को डिटेक्ट, ट्रैक और डेस्ट्राॅय करने के लिए भी किया जा सकता है. डीप लर्निंग, स्वार्म रोबोटिक्स, मल्टी-सेंसर और इलेक्ट्रो ऑप्टिक्स फ्यूजन के जरिये यह प्लेटफॉर्म रियल टाइम में सटीकता के साथ दुश्मन टार्गेट्स को खत्म कर सकता है. सामने अगर किसी इंसान पर हमला करना है, तो इसके सटीक हमले की रेंज 900 मीटर है, जबकि ड्रोन को यह 300 मीटर की रेंज में नष्ट कर सकता है. इस प्लेटफॉर्म का इंटीग्रेटेड लेजर रेंजफाइंडर 1,200 मीटर तक टार्गेट की सटीक लोकेशन देता है.
बेहद किफायती होगा लड़ना
BSS ने एक एक्स पोस्ट में दावा किया है कि अभी तक हम 10,000 डॉलर के ड्रोन को 100,000 डॉलर की मिसाइल से मार गिरा रहे हैं. लेकिन अब AI-ड्रिवन मशीन गन से ड्रोन को सिर्फ 10 डॉलर की गोली से मार गिराया जा रहा है.