गर्मी से जल्द मिलेगी राहत! 25 जून तक दिल्ली और उत्तर-पश्चिम भारत में दस्तक देगा मानसून, जानें कब कहां
इस बार भारत में मानसून ने समय से पहले रफ्तार पकड़ ली है और अब इसके 25 जून तक दिल्ली समेत उत्तर-पश्चिम भारत के ज्यादातर हिस्सों में पहुंचने की उम्मीद है. भारतीय मौसम विभाग के अनुसार, यह सामान्य तारीख से करीब एक हफ्ता पहले होगा. जल्द बारिश से लोगों को लू और भीषण गर्मी से राहत मिल सकती है.
Monsoon in Delhi: भारत में इस बार मानसून ने जोर पकड़ लिया है और अब इसके जल्दी फैलने की उम्मीद है. मालूम हो कि इस साल, मानसून की एंट्री भारत में जल्दी हुई है. भारतीय मौसम विभाग (IMD) के मुताबिक, दक्षिण-पश्चिम मानसून 25 जून तक दिल्ली समेत उत्तर-पश्चिम भारत के अधिकतर हिस्सों को कवर कर लेगा. आमतौर पर यह इलाका 30 जून के आसपास मानसून की चपेट में आता है लेकिन इस बार यह तारीख पहले आ सकती है.
सबसे जल्दी पहुंचा मानसून
इस साल मानसून ने केरल में 24 मई को दस्तक दी जो 2009 के बाद सबसे जल्दी थी. इसके बाद यह तेजी से महाराष्ट्र (मुंबई सहित) और पूर्वोत्तर भारत तक 29 मई तक पहुंच गया था. हालांकि, 28-29 मई से 10-11 जून तक मानसून की प्रगति थमी रही, जिसकी वजह से कई राज्यों में तापमान तेजी से बढ़ा और 8-9 जून से लू की स्थिति बन गई. लेकिन आईएमडी की माने तो जल्द ही बढ़ते तापमान से लोगों को राहत मिल सकती है.
कब-कहां पहुंचेगा मानसून?
IMD की हालिया रिपोर्ट के मुताबिक-
- 18 जून तक- मध्य और पूर्वी भारत के बाकी हिस्सों में मानसून पहुंच जाएगा.
- 19 से 25 जून के बीच- उत्तर-पश्चिम भारत के अधिकांश हिस्सों में बारिश की शुरुआत होगी.
- दिल्ली में- मानसून 22–23 जून तक पहुंच सकता है, जो सामान्य समय (30 जून) से करीब एक हफ्ता पहले होगा.
बारिश की स्थिति और असर
IMD का कहना है कि मानसून की शुरुआत की तारीख का मतलब यह नहीं है कि पूरे सीजन में सामान्य से ज्यादा या कम बारिश होगी. यह कई वैश्विक और स्थानीय कारकों पर निर्भर करता है. मई में आईमडी ने अनुमान लगाया था कि इस साल मानसून के दौरान 106 फीसदी बारिश होगी (औसत 87 सेमी के आधार पर). देश के अधिकतर हिस्सों में सामान्य से ज्यादा बारिश की संभावना है जिसमें, लद्दाख, हिमाचल के कुछ हिस्से, पूर्वोत्तर, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल और ओडिशा के कुछ हिस्से शामिल हैं. वहीं, पंजाब, हरियाणा, केरल और तमिलनाडु के कुछ इलाकों में भी थोड़ी कम बारिश हो सकती है.
क्यों जरूरी है मानसून?
भारत में खेती का बड़ा हिस्सा बारिश पर निर्भर करता है. देश की 42 फीसदी आबादी की आजीविका कृषि पर टिकी है और यह GDP का लगभग 18.2 फीसदी हिस्सा है. साथ ही, मानसून रिजर्वायर को भरने और इलेक्ट्रिसिटी प्रोडक्शन में भी अहम भूमिका निभाता है.
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