एयर इंडिया हादसे के साथ दफन हो गईं ये ख्वाहिशें और मिलन की आस, झकझोर देंगी ये 8 कहानियां
गुरुवार को अहमदाबाद से लंदन के गैटविक एयरपोर्ट जा रहा एयर इंडिया का विमान उड़ान भरने के दो मिनट बाद ही क्रैश हो गया. इस हादसे में 267 लोगों की मौत हो गई. हादसे के बाद विमान के मलबे में कई सपने और ख्वाहिशें हमेशा‑हमेशा के लिए दफन हो गईं. आइए जानते हैं ऐसी 8 कहानी जो आपको भी झकझोर देंगी.

Ahmadabad air India plan: अहमदाबाद से लंदन के गैटविक एयरपोर्ट जा रहा एयर इंडिया का विमान उड़ान भरने के दो मिनट बाद ही क्रैश हो गया और इसके मलबे में कई सपने और ख्वाहिशें हमेशा‑हमेशा के लिए दफन हो गईं. दर्द इतनी गहरी है कि वह चीख तो सकती है, पर बाहर नहीं निकल सकती. गुरुवार को इस हादसे के बाद देश सदी के सबसे बड़े विमान दुर्घटना की चीत्कार से कराह उठा और हर दिल से आह निकली. उस समय विमान में दो पायलट और दस क्रू‑मेंबर समेत कुल 268 लोग सवार थे. दुर्घटना में 267 लोगों की मौत घटनास्थल पर ही हो गई. इन 267 मौतों में कुछ कहानियां ऐसी भी हैं, जिन्हें सुनकर आपकी भी आंखें नम हो जाएंगी. लंबे इंतजार के बाद कोई अपने बेटे, कोई बेटी तो कोई पति से मिलने जा रहा था; कोई अपने सपनों को उड़ान देने जा रहा था, तो किसी के लौटने का इंतजार उनके घरवाले अब भी कर रहे हैं. लेकिन मिलन की ये ख्वाहिशें अधूरी रह गईं. आइए, जानते हैं हादसे की आठ हृदय‑विदारक कहानियां.
डॉक्टर दंपत्ति ने पोस्ट की थी आखिरी सेल्फी

हादसे में राजस्थान के एक डॉक्टर दंपत्ति अपने तीन बच्चों के साथ काल के गाल में समा गए. बांसवाड़ा के डॉक्टर दंपत्ति, डॉ. कोनी व्यास और डॉ. प्रतिप जोशी, अपने तीन बच्चों के साथ लंदन जा रहे थे, लेकिन विमान भारत की सीमा पार भी नहीं कर पाया. डॉ. कोनी ने एक महीने पहले ही उदयपुर में स्थित पेसिफिक हॉस्पिटल की नौकरी छोड़ी थी. डॉ. प्रतिप लंदन के किसी अस्पताल में नौकरी मिलने वाले थे, और डॉ. कोनी को भी वहीं नई नौकरी ज्वॉइन करनी थी. इसलिए दोनों डॉक्टर अपने तीनों बच्चों को लेकर जा रहे थे. लेकिन नियति को कुछ और ही मंजूर था.
विजय रूपाणी ने 2 बार टिकट कैंसल कराई

गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी की भी इस दुर्घटना में मृत्यु हो गई. रूपाणी के एक मित्र ने बताया कि इससे पहले वे दो बार टिकट कैंसिल करा चुके थे. उनकी पत्नी अंजलीबेन 19 मई को लंदन जा चुकी थीं.
5 महीने पहले ही शादी हुई, पति से मिलने जा रही थी खुशबू

विमान हादसे में जान गंवाने वालों में एक नवविवाहिता, खुशबू रोजपुरोहित, भी शामिल थीं; वह अपने पति से मिलने जा रही थीं. उनकी शादी पांच महीने पहले ही हुई थी. पति मनफूल सिंह लंदन में डॉक्टर की पढ़ाई कर रहे हैं, और यह खुशबू का उनसे मिलने का पहला मौका था. वह राजस्थान के बालोतरा जिले की रहने वाली थीं. खुशबू के पिता ने बताया कि वीजा मिलते ही वे बहुत खुश हो गई थीं. जब परिवार ने उन्हें एयरपोर्ट पर छोड़ा था, तो उन्होंने कहा था—“जल्दी हम सब साथ लौटेंगे.” लेकिन अब वह कभी लौटकर नहीं आएंगी.
बेटे से मिलने की ख्वाहिश में दुनिया को कहा अलविदा
महाराष्ट्र के सोलापुर निवासी बुजुर्ग दंपत्ति , महादेव पवार और उनकी पत्नी आशा, अपने बेटे से मिलने लंदन जा रहे थे. उनके दो बेटे हैं—एक अहमदाबाद में रहता है और दूसरा लंदन में. लंदन में रहने वाले बेटे से दंपत्ति काफी समय से नहीं मिले थे, इसलिए वे उससे मिलने जा रहे थे. उधर, बेटा प्रतीक्षा करता ही रह गया.
मां को बेटे के लौटने का अब भी इंतजार है

विमान में दस क्रू‑मेंबर थे. इनमें ठाणे के रहने वाले दीपक पाठक भी शामिल थे, जो विमान दुर्घटना में दुनिया को अलविदा कह गए. दीपक की बहन ने बताया कि उन्होंने सुबह अपनी मां को कॉल करके “गुड मॉर्निंग” कहा था. हादसे के बाद फोन बजता रहा, पर कोई जवाब नहीं आया. चार साल पहले ही दीपक की शादी हुई थी. उनकी मां इस बात को स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं हैं कि उनका बेटा अब इस दुनिया में नहीं रहा. वह आज भी बेटे के लौटने का इंतजार कर रही हैं.
ढाई साल की बेटी के साथ लौट रहीं थी
गुजरात के वडोदरा की रहने वाली सादिकाबेन अपनी ढाई साल की बेटी फातिमा के साथ लंदन लौट रहीं थी. सादिकाबेन अपनी देवर की शादी में आईं थी. 12 जून,2025 की सुबह सास, माता-पिता और भाई उन्हें अहमदाबाद एयरपोर्ट पर छोड़ने आए थे. परिवार अभी घर भी नहीं पहुंचा था कि मातम की खबर पहले पहुंच गई.
एयरहोस्टेस का अंतहीन दर्द

मणिपुर के अवांग लेइकई की रहने वाली 22 वर्षीय नगनथोई शर्मा एयर इंडिया के इस विमान में एयरहोस्टेस थीं. इस हादसे में उनकी भी मृत्यु हो गई. नगनथोई की मां हादसे की खबर सुनकर कराह रही हैं, और बार‑बार पूछ रही हैं– “कहां गई मेरी बेटी?” नगनथोई शर्मा की बहन, गीतांजलि, ने बताया कि मणिपुर में इंटरनेट बंद होने के कारण वह अपने परिवार से कई दिनों से वीडियो कॉल पर बात नहीं कर पाईं थी. अंतिम बार जब बात हुई थी, तब उन्होंने 15 जून को लौटने का आश्वासन दिया था.
2 मिनट के हवाई सफर ने फेरा 6 महीने की योजना पर पानी
गुजरात के वड़ोदरा की रहने वाली अंजू शर्मा अपनी बेटी से मिलने लंदन जा रही थीं. उनकी बड़ी बेटी, निम्मी शर्मा, लंदन में रहती हैं, और अंजू उनसे मिलने जा रहीं थीं. अगले छह महीने वे वहीं रहने वाली थीं. लेकिन एयर इंडिया की यह दो मिनट की उड़ान ही उनके छह महीने के प्लान पर पानी फेर गई.
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