क्रिप्टोकरेंसी से कमाई कर नहीं भरा टैक्स, तो सावधान हो जाएं! कभी भी आ सकता है इनकम टैक्स का बुलावा
भारत में क्रिप्टोकरेंसी और VDA यानी वर्चुअल डिजिटल एसेट्स पर कर चोरी की के मामलों को लेकर CBDT हो गया है. इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की तरफ से ऐसे लोगों को नोटिस भेजे जा रहे हैं, जो क्रिप्टो से कमाई कर रहे हैं, लेकिन टैक्स नहीं भरते हैं.

केंद्र सरकार ने 2022-23 के बजट में VDA से होने वाली आय पर 30% कर लगाया है, लेकिन कई लोग इस नियम का पालन नहीं कर रहे हैं. CBDT यानी सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज व इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की तरफ से अब ऐसे लोगों को चुन-चुनकर नोटिस जारी किए जा रहे हैं. बताया जा रहा है कि इनकम टैक्स डिपार्टमेंट इस तरह के मामलों में कठोर कार्रवाई की तैयारी कर रहा है.
PTI की एक रिपोर्ट के मुताबिक CBDT और इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की तैयारियों की जानकारी रखने वाले अधिकारियों ने बताया कि क्रिप्टोकरेंसी से होने वाली आय अब आयकर विभाग की जांच के घेरे में है. विभाग ने हजारों ऐसे लोगों को ई-मेल भेजे हैं, जिन्होंने क्रिप्टोरेंसी में लेनदेन किया है, लेकिन अपने रिटर्न में इससे होने वाली आय का उल्लेख नहीं किया है. अधिकारियों का कहना है कि ये लेनदेन आकलन वर्ष 2023-24 और 2024-25 से संबंधित हैं.
CBDT के रडार पर कुछ लोग
रिपोर्ट में बताया गया है कि सीबीडीटी ने कुछ ऐसे लोगों पर खास नजर रखी है, जो टैक्स चोरी और मनीलॉन्ड्रिंग में शामिल हो सकते हैं. इसके अलावा ये लोग बेहिसाब आय का उपयोग वीडीए यानी क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने के लिए कर रहे हैं. अधिकारियों का कहना है कि इनकम टैक्स ने उन हजारों डिफॉल्टर को ई-मेल भेजकर अपडेटेड रिटर्न भरने को कहा है, जिन्होंने पिछले दो एससेसमेंट ईयर में क्रिप्टो करेंसी में लेनदेन किया है और उसकी रिटर्न में घोषणा नहीं की है या गलत तरीके से जानकारी दी है.
क्रिप्टोकरेंसी पर कितना टैक्स?
इनकम टैक्स एक्ट की धारा 115बीबीएच के मुताबिक क्रिप्टो लेनदेन से होने वाली आय पर 30 फीसदी की दर से कर के अलावा सरचार्ज और सेस लगाया जाता है. यह प्रावधान खरीद की लागत को छोड़कर किसी भी खर्च की कटौती की अनुमति नहीं देता है. इसके अलावा, क्रिप्टो निवेश या कारोबार से होने वाले नुकसान को किसी अन्य आय से सेटल नहीं किया जा सकता है.
हजारों से ज्यादा डिफॉल्टर
रिपोर्ट में बताया गया है कि CBDT को इस तरह की चूक करने वालों की बड़ी संख्या का पता चला है. आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला है कि बड़ी संख्या में लोगों ने आईटीआर में वीडीए की आय को सही शेड्यूल में दाखिल न करके और कम दर से टैक्स का भुगतान किया है.
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