Moser Baer: 1,101 करोड़ रुपये के धोखाधड़ी मामले में रतुल पुरी को बड़ी राहत, कोर्ट ने खारिज किया आरोप
दिल्ली की अदालतों ने Moser Baer समूह से जुड़े 1,101 करोड़ रुपये के बैंक धोखाधड़ी मामले में रतुल पुरी और अन्य को बड़ी राहत देते हुए आरोप खारिज कर दिए हैं. अदालतों ने पाया कि CBI द्वारा प्रस्तुत साक्ष्य आपराधिक मंशा को सिद्ध नहीं करते. विशेष न्यायाधीश संजीव अग्रवाल ने मामलों में फैसले सुनाए.
Moser Baer: दिल्ली की अदालतों ने Moser Baer समूह से जुड़े 1,101 करोड़ रुपये के दो बैंक धोखाधड़ी मामलों में उद्योगपति रतुल पुरी और अन्य को आरोपों से मुक्त कर दिया है. अधिकारियों ने बताया कि केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) द्वारा पेश किए गए साक्ष्यों में किसी भी प्रकार की आपराधिक मंशा सिद्ध नहीं हो पाने के बाद यह फैसला सुनाया गया.
क्या है मामला
CBI ने Moser Baer Solar Limited (747 करोड़ रुपये) और Moser Baer India Limited (354 करोड़ रुपये) से जुड़े दो अलग-अलग बैंक धोखाधड़ी मामलों में आरोप पत्र दाखिल किए थे. विशेष CBI अदालत ने मई में Moser Baer India Limited मामले में पुरी को बरी किया, जबकि मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने जनवरी में ही Moser Baer Solar Limited मामले में यह फैसला सुना दिया था.
दोनों मामलों में बैंकों ने आरोप लगाया था कि पुरी और अन्य ने ऋण नहीं चुकाया, जिसके कारण उन्हें भारी वित्तीय नुकसान हुआ. बैंकों ने इन मामलों में अपने अधिकांश अधिकारियों की जांच और उन पर मुकदमा चलाने की CBI को अनुमति नहीं दी, जिससे माना गया कि मामले की नींव कमजोर हो गई.
CBI ने बैंकों की शिकायतों के आधार पर 2019 में Moser Baer India Limited और 2020 में Moser Baer Solar Limited के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी. एजेंसी की अलग-अलग इकाइयों ने इन दोनों मामलों की जांच की.
अदालतों का तर्क
विशेष न्यायाधीश संजीव अग्रवाल ने Moser Baer India Limited मामले में फैसला सुनाते हुए कहा, “उपर्युक्त दलीलों से प्रथम दृष्टया यह निष्कर्ष निकलता है कि आरोप मुख्य रूप से दीवानी प्रकृति के हैं और इनमें अपराध के तत्व नहीं हैं. दीवानी विवाद को आपराधिक रूप देने की कोशिश की जा रही है.”
उन्होंने यह भी कहा कि अदालत में उपलब्ध कराई गई सामग्री से आरोपी व्यक्तियों के विरुद्ध “संदेह” तो उत्पन्न होता है, लेकिन “गंभीर संदेह” नहीं, इसलिए मुकदमा चलाने योग्य मामला नहीं बनता. मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट दीपक कुमार ने भी जनवरी में अपने आदेश में कहा था कि CBI धोखाधड़ी का मामला अदालत में साबित नहीं कर सकी.
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CBI की चुनौती
CBI ने Moser Baer Solar Limited मामले में निर्वहन आदेश को चुनौती देते हुए पुनरीक्षण याचिका दायर की है, जिसकी सुनवाई जुलाई में होनी है. वहीं, Moser Baer India Limited मामले में भी एजेंसी फैसले को चुनौती देने की तैयारी कर रही है.