PM मोदी ने चिनाब रेलवे ब्रिज का किया उद्घाटन, जानें अब कितने रूपये में पहुंच जाएंगे कश्मीर
PM मोदी के काफिले की वजह से Ramban और Udhampur इलाकों में सुरक्षा जांच चरम पर थीं. जहां डॉग स्क्वाड और वाहन तलाशी की कई परतें रखी गई थीं. यह सुनिश्चित करने का प्रयास किया गया कि समारोह पूरी तरह से सुव्यवस्थित और सुरक्षित हो
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज यानी 6 मई को जम्मू एवं कश्मीर के रियासी जिले में बने चिनाब रेलवे ब्रिज का उद्घाटन किया. लंबे वक्त से इंतजार किए जा रहे इस लम्हें को पूरे वैली ने सेलिब्रेट किया. इसी के साथ कटरा रेलवे स्टेशन पर खड़ी Katra–Srinagar Vande Bharat Express की शुरूआत पीएम मोदी ने हरी झंडी दिखा कर किया. इस खुशी के मौके पर पीएम मोदी ने चिनाब ब्रिज पर तिरंगा लहराया. बता दें, चिनाब ब्रिज दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे आर्च ब्रिज है, इसी के साथ पीएम ने Anji Khad केबल-स्टेयड ब्रिज का भी उद्घाटन किया. चिनाब ब्रिज पर पहली दफा दौड़ने के लिए छूटी वंदे भारत ट्रेन में कई यात्री शामिल रहें. यह रेल मार्ग अब यूनीयन टेरिटरी के लिए सालभर की रेल कनेक्टिविटी का केंद्र बन गया है.
कश्मीर के लिए ऐतिहासिक क्षण
चिनाब ब्रिज से गुजरते वंदे भारत ट्रेन की स्पीड 100KM/घंटे है. इस ऐतिहासिक पहल से अब Katra से Srinagar की यात्रा महज तीन घंटे में पूरी हो जाएगी. जो पहले सड़क मार्ग से छह घंटे लगते थे. साथ ही, Chenab ब्रिज 359 मीटर ऊंचा यानी Eiffel Tower से भी ऊंचा है, और इसकी बनावट भूकंप व तेज हवाओं जैसे चरम मौसम को ध्यान में रखकर तैयार की गई है.
PM मोदी के काफिले की वजह से Ramban और Udhampur इलाकों में सुरक्षा जांच चरम पर थीं. जहां डॉग स्क्वाड और वाहन तलाशी की कई परतें रखी गई थीं. यह सुनिश्चित करने का प्रयास किया गया कि समारोह पूरी तरह से सुव्यवस्थित और सुरक्षित हो
कटरा से श्रीनगर कितना लगेगा किराया?
अगर आने वाले वक्त में आप भी इस सफर का लुफ्त उठाना चाहते हैं तो पहले ट्रेन के खर्च पर एक नजर डाल लें. श्री वैष्णों देवी कटरा रेलवे स्टेशन (SDVK) से आपको महज तीन घंटे में वंदे भारत ट्रेन कश्मीर के श्रीनगर स्टेशन पहुंचाएगी. अगर आप चेयर कार क्लास में ट्रैवल करते हैं तो कम से कम 660 रुपये आपको टिकट के लिए देने होंगे वहीं इकोनॉमिक चेयर क्लास में सीट का किराया 805 रुपये से शुरू है.
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यह उद्घाटन सिर्फ इंफ्रास्ट्रक्चर की ही नहीं, बल्कि विकास, निवेश और कश्मीर के सामाजिक-आर्थिक एकीकरण का भी प्रतीक माना जा रहा है.