Supreme Court का बड़ा फैसला: अब रजिस्ट्री ही नहीं तय करेगी मालिकाना हक, फर्जी दस्तावेजों पर कसेगा शिकंजा
भारत में जमीन-जायदाद से जुड़े विवाद सबसे जटिल कानूनी मामलों में गिने जाते हैं. कई बार लोग रजिस्ट्री करवाने के बाद भी असली मालिकाना हक साबित नहीं कर पाते क्योंकि पुराने रिकॉर्ड या फर्जी दस्तावेज सामने आ जाते हैं. अब इस पर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है. कोर्ट ने कहा है कि सिर्फ रजिस्ट्रेशन होना मालिकाना हक नहीं देता, बल्कि मालिकाना हक तभी साबित होगा जब व्यक्ति के पास वैध दस्तावेज़, असली टाइटल और जमीन पर कब्जे का कानूनी प्रमाण होगा. कोर्ट ने राज्यों को निर्देश दिया है कि फर्जी या डुप्लिकेट प्रॉपर्टी डॉक्यूमेंट्स पर सख्त कार्रवाई की जाए और एक यूनिफाइड डिजिटल रजिस्ट्रेशन सिस्टम लागू किया जाए ताकि धोखाधड़ी पर रोक लगे. यह फैसला आम घर खरीदारों के लिए बड़ी राहत है क्योंकि इससे अब किसी तीसरे व्यक्ति के फर्जी दावे पर रोक लग सकेगी और असली मालिक को कानूनी सुरक्षा मिलेगी. ऐसे में आइए जानते हैं आसान भाषा में समझते हैं वीडियों के माध्यम से पूरी जानकारी.
More Videos
पुरानी कार वालों की खुशी लौट आई: दिल्ली सरकार ने बदला NOC नियम, अब फिर चल सकेंगी आपकी गाड़ियां
FASTag यूजर्स के लिए बड़ी राहत: NHAI ने ‘Know Your Vehicle’ प्रक्रिया को किया आसान, अब सिर्फ एक फोटो से होगा वेरिफिकेशन
Banking Rule: 1 नवंबर से बड़ा बदलाव! Bank, Pension और SBI Card Rules में नई गाइडलाइन




