प्रदूषण को देखते हुए नोएडा–गाजियाबाद में डीजल ऑटो पर लगा बैन, UP–NCR में फेज वाइज होगा लागू

नोएडा और गाजियाबाद में बढ़ते प्रदूषण स्तर को देखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार ने डीजल ऑटोरिक्शा पर तुरंत प्रभाव से प्रतिबंध लागू कर दिया है. यह निर्णय राज्य के व्यापक Air Quality Action Plan का हिस्सा है, जिसके तहत UP–NCR जिलों में चरणबद्ध तरीके से डीजल ऑटो हटाए जाएंगे. मेरठ, हापुड़, बुलंदशहर, मुजफ्फरनगर, शामली और बागपत में भी फेज्ड एलिमिनेशन मॉडल लागू होगा.

एयर क्वालिटी एक्शन प्लान Image Credit: Getty Images Creative

Diesel autos ban: दिल्ली–एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार ने कड़े कदम उठाते हुए नोएडा और गाजियाबाद में डीजल ऑटोरिक्शा पर तुरंत प्रभाव से प्रतिबंध लागू कर दिया है. हवा की गुणवत्ता लगातार गिरने और स्मॉग की परत गहरी होने के बीच यह निर्णय राज्य के व्यापक “Air Quality Action Plan” का हिस्सा है, जिसका लक्ष्य वाहनों से होने वाले उत्सर्जन, रोड डस्ट और औद्योगिक गतिविधियों से निकलने वाले प्रदूषण को नियंत्रित करना है. सरकार का कहना है कि आने वाले महीनों में पूरे UP–NCR में यह प्रतिबंध चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा और इससे करोड़ों शहरी नागरिकों को राहत मिलने की उम्मीद है.

नहीं चलेंगी डीजल ऑटोरिक्शा

राज्य सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि गौतम बुद्ध नगर और गाजियाबाद जिलों में डीजल ऑटोरिक्शा अब किसी भी सड़क पर नहीं चल सकेंगे. PTI की रिपोर्ट के मुताबिक, प्रशासन ने ट्रैफिक विभाग को निर्देश दिए हैं कि शहर की सीमाओं में ऐसा कोई भी वाहन मिलता है तो उसके खिलाफ तत्काल कार्रवाई की जाए. अधिकारियों के अनुसार, पिछले कई वर्षों से इन जिलों में डीजल ऑटो प्रदूषण का प्रमुख स्रोत माने जा रहे थे.

UP–NCR के अन्य जिलों में भी चरणबद्ध तरीके से बैन

मेरठ रीजनल ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी पहले ही इन वाहनों के परमिट जारी करना और रिन्यू करना बंद कर चुकी है. सरकारी योजना के अनुसार, 31 दिसंबर 2025 के बाद बागपत में पूरी तरह से प्रतिबंध लागू होगा. 2025 के अंत तक मेरठ, हापुड़, बुलंदशहर, मुजफ्फरनगर और शामली में भी डीजल ऑटोरिक्शा पूरी तरह हटाए जाएंगे. यह पूरा ट्रांजिशन स्टेट-लेवल “फेज्ड एलिमिनेशन मॉडल” के आधार पर लागू किया जा रहा है, ताकि स्थानीय परिवहन व्यवस्था पर अचानक दबाव न पड़े.

एक्शन प्लान में बड़े बदलाव

सरकारी रिपोर्ट के मुताबिक, रोड डस्ट एनसीआर में प्रदूषण का सबसे बड़ा कारण है. इसी को ध्यान में रखते हुए:

तेजी से चलाए जा रहे हैं. नोएडा और ग्रेटर नोएडा में इन मशीनों की तैनाती शुरू हो चुकी है.

राज्य स्तर पर PMU और नोडल अधिकारी नियुक्त

योजना के समन्वय के लिए एनवायरनमेंट, फॉरेस्ट एंड क्लाइमेट चेंज विभाग के प्रिंसिपल सेक्रेटरी को नोडल अधिकारी बनाया गया है. साथ ही एक प्रोजेक्ट मॉनिटरिंग यूनिट (PMU) भी गठित की गई है, जिसमें अर्बन डेवलपमेंट, पीडब्लूडी, हाउसिंग और इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट विभाग के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हैं.

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