ब्रोकरेज फर्म ने कहा- इस AI बेस्ड सॉफ्टवेयर-एज-ए-सर्विस कंपनी के IPO से रहें दूर, दांव लगाने का है मन तो जान लें वजह
Capillary Technologies India का आईपीओ 14 नवंबर 2025 को खुलेगा और 18 नवंबर तक सब्सक्रिप्शन के लिए उपलब्ध रहेगा. इसका प्राइस बैंड ₹549-₹577 प्रति शेयर तय हुआ है. इस इश्यू में ₹532.5 करोड़ का ऑफर फॉर सेल और ₹345 करोड़ का फ्रेश इश्यू शामिल है. हालांकि, SBI सिक्योरिटीज ने इस आईपीओ से दूर रहने की सलाह दी है.
बेंगलुरु की आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) बेस्ड सॉफ्टवेयर-एज-ए-सर्विस (SaaS) कंपनी Capillary Technologies India Ltd शेयर बाजार में लिस्ट होने की तैयारी में है. कंपनी का IPO 14 नवंबर को सब्सक्रिप्शन के लिए खुलेगा और यह 18 नवंबर को बंद होगा. कंपनी इस आईपीओ से 877.5 करोड़ रुपये जुटाने की योजना में है. इसके शेयर BSE और NSE पर लिस्ट होंगे. ब्रोकरेज फर्म SBI सिक्योरिटीज ने इस आईपीओ को लेकर ‘अवॉइड’ रिकमंडेशन दी है. अगर आप भी इस आईपीओ में पैसा लगाने की सोच रहे हैं तो आपको इस फर्म की पूरी रिपोर्ट को ध्यान से पढ़ लेना चाहिए.
ब्रोकरेज फर्म ने क्या सलाह दी है
SBI सिक्योरिटीज ने 12 नवंबर को जारी किये अपने आईपीओ नोट में इस आईपीओ से दूरी बनाने की सलाह दी है यानी उसने ‘अवॉइड’ की रिकमंडेशन दी है. फर्म ने कंपनी के कुछ रिस्क फैक्टर भी बताएं हैं.
रिस्क फैक्टर
1. SBI सिक्योरिटीज के मुताबिक, FY 2025 में कंपनी की लगभग 58.7 प्रतिशत कुल आय उसके शीर्ष 10 ग्राहकों से आई है जिनमें अकेले शीर्ष ग्राहक का योगदान करीब 16.5 प्रतिशत रहा. इसके अलावा, कंपनी की लगभग 56.7 प्रतिशत आय उत्तरी अमेरिका के ग्राहकों से प्राप्त होती है. कंपनी भविष्य में अमेरिका में अपने बिजनेस को और बढ़ाने के लिए अधिग्रहण की रणनीति अपना रही है. हालांकि, अगर इसके प्रमुख ग्राहकों से व्यापार घटता है या उत्तरी अमेरिका में कोई नेगेटिव डेवलपमेंट होता है तो यह कंपनी के कारोबार और फाइनेंसियल स्टेटस को प्रभावित कर सकता है.
2. कंपनी की ग्रोथ काफी हद तक नए ग्राहकों को आकर्षित करने की क्षमता पर निर्भर करती है. हालांकि, कस्टमर एक्विजिशन कॉस्ट यानी नए ग्राहकों को जोड़ने का खर्च काफी अधिक हो सकता है. विशेष रूप से छोटे ग्राहकों के साथ शुरुआती कारोबार सीमित हो सकता है, जिससे कंपनी को अपेक्षित रेवेन्यू नहीं मिल पाता है. अगर ऐसे ग्राहक अपने लेनदेन की मात्रा नहीं बढ़ाते या कंपनी प्राइसिंग में सुधार नहीं कर पाती, तो यह लागत वसूली को प्रभावित कर सकता है और प्रॉफिटेबिलिटी पर असर डाल सकता है.
3. इसके अलावा, कंपनी को कर्मचारी छोड़ने के जोखिम का भी सामना करना पड़ता है. टेक्नोलॉजी सेक्टर में प्रतिस्पर्धा के कारण योग्य इंजीनियर, प्रोडक्ट मैनेजर और डेटा साइंटिस्ट को बनाए रखना मुश्किल होता है. अगर कंपनी प्रतिभाशाली कर्मचारियों को बनाए रखने या नए टैलेंट को आकर्षित करने में विफल रहती है, तो इसका असर सीधे उसके प्रोडक्ट डेवलपमेंट, इनोवेशन और क्लाइंट सॉल्यूशन पर पड़ सकता है.
आईपीओ की डिटेल
| विवरण (Particulars) | जानकारी (Details) |
|---|---|
| IPO खुलने की तारीख | 14 नवंबर 2025 |
| IPO बंद होने की तारीख | 18 नवंबर 2025 |
| प्राइस बैंड (₹) | ₹549 से ₹577 प्रति शेयर |
| ऑफर फॉर सेल (₹ करोड़) | ₹532.5 करोड़ |
| फ्रेश इश्यू (₹ करोड़) | ₹345.0 करोड़ |
| कुल इश्यू साइज (₹ करोड़) | ₹877.5 करोड़ |
| कुल शेयर संख्या (@Upper Band) | 1,52,07,998 शेयर |
| फेस वैल्यू (₹) | ₹2.0 प्रति शेयर |
| इश्यू के बाद मार्केट कैप (₹ करोड़) | ₹4,576 करोड़ (@Upper Price Band) |
| मुख्य बुक रनिंग लीड मैनेजर (BRLMs) | JM Financial Ltd, IIFL Capital Services Ltd, Nomura Financial Advisory and Securities (India) Pvt Ltd |
| रजिस्ट्रार | MUFG Intime Pvt Ltd |
| आवेदन लॉट | 25 शेयर और इसके गुणा |
| क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल निवेशक (QIB) कोटा | 75% |
| रिटेल कोटा | 10% |
| नॉन-इंस्टिट्यूशनल निवेशक (NII) कोटा | 15% |
डिस्क्लेमर: Money9live किसी स्टॉक, म्यूचुअल फंड, आईपीओ में निवेश की सलाह नहीं देता है. यहां पर केवल स्टॉक्स की जानकारी दी गई है. निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार की राय जरूर लें.