Suraksha Diagnostic IPO ने निवेशकों को किया मायूस, 1% डिस्‍काउंट पर हुआ लिस्‍ट

Suraksha Diagnostic IPO 6 दिसंबर को एनएसई और बीएसई पर लिस्‍ट हो गया है, लेकिन इसने निवेशकों को निराश किया. ये डिस्‍काउंट के साथ लिस्‍ट हुआ है.

Suraksha Diagnostic IPO हुआ लिस्‍ट Image Credit: freepik

इंटीग्रेटेड डायग्नोस्टिक सर्विस प्रोवाइडर Suraksha Diagnostic IPO 6 दिसंबर यानी आज लिस्‍ट हो गया है. इसने निवेशकों को काफी निराश किया. ग्रे मार्केट में मिली बढ़त के बावजूद लिस्टिंग के दौरान सुरक्षा डायग्‍नोस्टिक के शेयर धड़ाम हो गए. नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) पर सुरक्षा डायग्नोस्टिक के शेयर अपने प्राइस बैंंड441 रुपये से 0.68 प्रतिशत डिस्‍काउंट के साथ 438 रुपये प्रति शेयर पर लिस्‍ट हुआ, जबकि बीएसई पर ये 0.90 फीसदी यानी लगभग 1 पसेंट डिस्‍काउंट के साथ 437 रुपये पर लिस्‍ट हुआ.

यह आईपीओ 29 नवंबर को खुला था और 3 दिसंबर को बंद हुआ था. आईपीओ को आखिरी दिन 1.27 गुना सब्‍सक्रिप्‍शन मिला था, जिसमें योग्य संस्थागत खरीदारों की मांग सबसे ज्यादा थी. आईपीओ में महज1.92 करोड़ शेयरों की बिक्री की पेशकश यानी ओएफएस शामिल थे, इसमें कोई नया शेयर जारी नहीं किया गया था. चूंकि यह एक ओएफएस इश्‍यू है इसमें कोई फ्रेश इश्‍यू नहीं है इसलिए आईपीओ से होने वाली आय सीधे शेयरधारकों के पास जाएगी. बता दें आईपीओ के जरिए अपने शेयर बेचने वाले प्रमोटरों में सोमनाथ चटर्जी, रितु मित्तल और सतीश कुमार वर्मा शामिल हैं.

GMP क्‍या दे रहा था संकेत?

आईपीओ के ऐलान से ही सुरक्षा डायग्नोस्टिक के शेयर ग्रे मार्केट में बेहतर परफॉर्म कर रहे थे. इसका ग्रे मार्केट प्रीमियम (जीएमपी) 12-15 रुपये के बीच चल रहा था. लिस्टिंग से पहले भी 6 दिसंबर की सुबह 6 बजे तक इंवेस्‍टरगेन के मुताबिक इसका जीएमपी 13 रुपये पर ट्रेड कर रहा था. लिहाजा ये लगभग 3 फीसदी की बढ़त की ओर इशारा कर रहा था, लेकिन लिस्टिंग इसके ठीक उलट देखने को मिली.

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क्‍या करती है कंपनी?

सुरक्षा डायग्नोस्टिक की स्‍थापना 2005 में हुई थी, पूर्वी भारत में इसकी एक व्‍यापक सीरीज है, जो पैथोलॉजी, रेडियोलॉजी परीक्षण और चिकित्सा परामर्श सेवाओं जैसी चिकित्सा परीक्षण सेवाएं देती है. कंपनी के पास आठ सैटेलाइट प्रयोगशाला और 215 कस्‍टमर टचपॉइंट के साथ एक केंद्रीय रिफरेंस लैब है. जून 2024 तक इसके 49 डायग्नोस्टिक सेंटर और 166 सैंपल कलेक्शन सेंटर हैं. कंपनी की मौजूदगी पश्चिम बंगाल, बिहार, असम और मेघालय में फैली हुई है. वित्त वर्ष 2024 तक, देश के पूर्वी हिस्से में भी कंपनी की बाजार हिस्सेदारी बढ़ा रही है, जो 1.15-1.30% थी.