NFO Alert: Zerodha लाया Silver ETF, चमचमाते रिटर्न के साथ मिलेगी म्यूचुअल फंड की सेफ्टी
जेरोधा फंड हाउस ने Silver ETF लॉन्च किया है. यह एक ओपन-एंडेड फंड ऑफ फंड स्कीम है, जो जेरोधा सिल्वर ईटीएफ के यूनिट्स में निवेश करती है. इस स्कीम के लिए 23 जून से 4 जुलाई, 2025 तक सब्सक्रिप्शन किया जा सकता है. यह स्कीम निवेशकों को कम लागत पर चांदी में निवेश करने और अपने पोर्टफोलियो को डायवर्सिफाई करने की सुविधा देती है.
Zerodha Fund House ने सोमवार को एक नई म्यूचुअल फंड स्कीम लॉन्च की है. इसे Zerodha Silver ETF FoF नाम दिया गया है. यह ओपन एंडेड यानी नॉन-लॉक‑इन फंड ऑफ फंड स्कीम है, जो सीधे Zerodha Silver ETF में निवेश करती है. इस फंड के लिए निवेशक 23 जून, 2025 से 4 जुलाई, 2025 के दौरान सब्सक्राइब कर सकते हैं. फंड की यूनिट्स का अलॉटमेंट 8 जुलाई को किया जाएगा. जेरोधा ने बताया है कि यह एक हाई रिस्क इन्वेस्टमेंट होगा. इसमें उन्हीं निवेशकों को निवेश करना चाहिए, जो हाई रिस्क निवेश का जोखिम लेने में सक्षम हैं.
क्यों लॉन्च किया यह फंड?
जेरोधा फंड हाउस के सीईओ विशाल जैन का कहना है कि चांदी में निवेश पोर्टफोलियो डायवर्सिफिकेशन और मॉडर्न इंडस्ट्रीज में एक्सपोजर दोनों भूमिकाएं निभाने की क्षमता रखता है. उन्होंने कहा कि रिन्युएबल एनर्जी, इलेक्ट्रॉनिक्स और ऑटोमोटिव सेक्टर में चांदी की मांग लगातार बढ़ रही है. इस लिहाज से चांदी एक ऐसा एसेट है, जिसमें लॉन्गटर्म में तेजी के साथ स्थिरता भी मिलती है.
जेरोधा के फंड में क्या खास?
विशाल जैन का कहना है कि जेरोधा फंड हाउस की तरफ से लॉन्च किया गया सिल्वर ईटीएफ एफओएफ निवेशकों को एसआईपी के जरिये नियमित रूप से चांदी में निवेश करने की सुविधा देता है. इसस एक तरफ से उन्हें अपने पोर्टफोलियो डायवर्सिफिकेशन में मदद मिलती है. वहीं, सरल और लागत प्रभावी तरीके से सिल्वर जैसे एसेट में निवेश का मौका मिलता है. वहीं, जीरोधा फंड हाउस के सीबीओ वैभव जालान ने कहा कि चांदी की मांग उभरती टेक्नोलॉजी और स्वच्छ ऊर्जा के विकास में अहम भूमिका निभा रही है, इसलिए हमारा सिल्वर ईटीएफ निवेशकों को इसका लाभ उठाने का एक आसान और प्रभावी तरीका प्रदान करता है.
फंड अलोकेशन की रणनीति कैसी?
जेरोधा की तरफ से जारी बयान के मुताबिक यह योजना मोटे तौर पर Passive Investment Strategy पर आधारित है. इसके तहत करीब 95–100% निवेश सीधे Zerodha Silver ETF में होगा, जो कि घरेलू स्तर पर फिजिकल सिल्वर की कीमतों को ट्रैक करता है. शेष 0–5% फंड को Debt और मनी मार्केट इंस्ट्रूमेंट्स में रखा जाएगा, जिससे लिक्विडिटी बनी रहे और निवेश से जुड़ा जोखिम कम हो सके.
न्यूनतम निवेश कितना?
जेरोधा के इस फंड में न्यूनतम निवेश 500 रुपये का करना होगा. इसके बाद जब सब्सक्रिप्शन फाइनल हो जाए, तो उसके बाद कितनी भी राशि हर महीने इसमें जमा की जा सकती है. शुरुआत में प्रत्येक यूनिट की NAV 10 रुपये रखी जाएगी. अगर कोई 2 वर्ष से कम अवधि के लिए इसमें निवेश करता है, तो उसे शॉर्ट‑टर्म कैपिटल गेन टैक्स देना होगा. वहीं, 2 वर्ष से ज्यादा की अवधि के लिए निवेश किया जाता है, तो लॉन्ग‑टर्म कैपिटल गेन देना होगा.