आपका बैंक लॉकर हो जाएगा सील अगर नहीं करेंगे एग्रीमेंट पर साइन, बैंक जा कर तुरंत करें ये काम
Bank Locker New Guideline: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने बैंकों को निर्देश दिए हैं कि वे अपने लॉकर होल्डर्स के साथ अपडेटेड रेंटल एग्रीमेंट पर साइन करा लें. तो अगर आपने अभी तक नया एग्रीमेंट साइन नहीं किया है, तो आपका बैंक लॉकर सील हो सकता है.

Bank Locker News Update: अगर आपने अब तक अपने बैंक लॉकर के नए एग्रीमेंट पर साइन नहीं किया है तो आपका बैंक लॉकर सील हो सकता है. रिजर्व बैंक के सख्त निर्देश हैं कि जो ग्राहक समय रहते नया एग्रीमेंट साइन नहीं करेंगे तो वे अपने लॉकर की सुविधा खो सकते हैं. रिजर्व बैंक (RBI) ने सभी बैंकों को निर्देश दिए हैं कि वे अपने लॉकर होल्डर्स के साथ अपडेटेड रेंटल एग्रीमेंट पर साइन करा लें. अब RBI नजर रख रहा है कि बैंक इस निर्देश का पालन कर रहे हैं या नहीं. बैंक भी उन ग्राहकों के खिलाफ सख्त कदम उठाने की तैयारी में हैं जो बार-बार रिमाइंडर के बावजूद एग्रीमेंट साइन नहीं कर रहे.
सील हो जाएगा लॉकर
ET की रिपोर्ट के मुताबिक, कुछ बैंक अब RBI और सरकार से अनुमति मांग रहे हैं कि वे आखिरी नोटिस भेज सकें और जरूरत पड़ने पर ऐसे लॉकर सील भी कर सकें. इस मांग पर सरकार विचार कर रही है. फिलहाल बैंक सिर्फ रिमाइंडर भेज रहे हैं. अगर आपको भी ऐसे रिमाइंडर मिल रहे हैं तो उन्हें गंभीरता से लें.
रिपोर्ट के मुताबिक, एक बैंक अधिकारी ने बताया कि कई ग्राहक बार-बार याद दिलाने के बाद भी साइन नहीं कर रहे. इसलिए बैंक RBI से गुजारिश कर रहे हैं कि ऐसे ग्राहकों को नोटिस भेजने और नॉन-कॉम्प्लायंट लॉकर ऑपरेशन बंद करने की इजाजत दी जाए.
बढ़नी चाहिए डेडलाइन
रिपोर्ट के अनुसार, एक बैंक अधिकारी ने बताया कि RBI से उन्होंने अनुरोध किया है कि मार्च 2024 की डेडलाइन को बढ़ा दिया जाए. कम से कम ग्राहकों को 4 महीने का और वक्त मिलना चाहिए. अंतिम तारीख दिसंबर 2025 रखी जानी चाहिए.
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दो बार बढ़ चुकी है डेडलाइन
बता दें कि अगस्त 2021 में RBI ने बैंकों को निर्देश दिए थे कि वे अपने मौजूदा लॉकर ग्राहकों के साथ 1 जनवरी 2023 तक नए एग्रीमेंट पर साइन कर लें. तकनीकी बदलावों, ग्राहकों की शिकायतों और फीडबैक को देखते हुए ये जरूरी माना गया था.
बाद में इस डेडलाइन को दो बार बढ़ाया गया. पहले दिसंबर 2023 और फिर मार्च 2024 तक. लेकिन अब भी कई ग्राहक प्रोसेस पूरा नहीं कर पाए हैं.
बैंक लॉकर चार्जेज
बैंक लॉकर के चार्ज हर बैंक में अलग-अलग होते हैं. ये इस बात पर निर्भर करते हैं कि आप किस साइज का लॉकर ले रहे हैं और बैंक की ब्रांच कहां है. अगर बैंक शहर में है तो ज्यादा खर्च आता है और कस्बे में है तो कम. आमतौर पर लॉकर का सालाना किराया 1,000 रुपये से लेकर 22,000 रुपये तक होता है. जितना बड़ा लॉकर, उतना ज्यादा किराया होता है.
- छोटे लॉकर: 1,200 से 4,000 रुपये सालाना है
- मीडियम लॉकर: 2,500 से 9,000 रुपये सालाना
- बड़े लॉकर 4,000 से 15,000 रुपये सालाना
- और बड़े लॉकर: 10,000 से 22,000 रुपये सालाना
बैंक लॉकर में क्या-क्या रख सकते हैं
- जेवर
- लोन से जुड़े दस्तावेज
- प्रॉपर्टी के पेपर्स
- जन्म प्रमाणपत्र
- शादी के सर्टिफिकेट
- इंश्योरेंस की पॉलिसी
- सेविंग्स बॉन्ड
- और अन्य जरूरी गोपनीय कागजात
क्या नहीं रख सकते
- कैश या करेंसी
- हथियार
- नशे या ड्रग्स वाली चीजें
- विस्फोटक या प्रतिबंधित सामग्री
- जल्दी खराब होने वाली चीजें या रेडिएशन वाली चीजें
- कोई भी ऐसी चीज जो बैंक या दूसरे ग्राहकों को परेशानी दे
आपके नुकसान के लिए बैंक कब जिम्मेदार
अगर लॉकर के अंदर रखा सामान बैंक की लापरवाही से खराब होता है या चोरी हो जाता है, तो बैंक जिम्मेदार होता है. यहां तक कि अगर बैंक का कोई कर्मचारी धोखाधड़ी करता है, तब भी बैंक की जिम्मेदारी बनती है. ऐसी स्थिति में, बैंक को लॉकर के सालाना किराए का 100 गुना मुआवजा देना होता है. जैसे अगर आपका लॉकर किराया 4,000 है और नुकसान बैंक की गलती से हुआ है तो बैंक आपको 4,00,000 तक का हर्जाना देगा.
अगर आग लग जाए, डकैती हो, चोरी हो जाए या लूट जैसी घटना हो और वो सब बैंक की गलती से हुआ हो तो बैंक जिम्मेदार होता है. फिर वही नियम लागू होता है, यानी लॉकर के सालाना किराए का 100 गुना मुआवजा देना होगा.
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